स्वतंत्र आवाज़
word map

उकसाया तो हम माकूल जवाब देंगे-रक्षामंत्री

सशस्त्र सेनाएं हर परिस्थिति से निपटने केलिए पूरी तरह तैयार

छह राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों को दी पुलों की सौगात

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 29 June 2021 01:45:26 PM

rajnath singh virtually inaugurating the bridges constructed by border roads organisation

लेह। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में लेह से 88 किलोमीटर दूर क्यूंगम में समारोहपूर्वक छह राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों में सीमा सड़क संगठन के निर्मित 63 पुलों को राष्ट्र को समर्पित किया। एक ही बार में 63 पुलों के उद्घाटन के साथ सीमा सड़क संगठन ने 2020 में शुरू किए गए 44 पुलों के अपने रिकॉर्ड को पार कर लिया है। ये 63 पुल 17 जून 2021 को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के राष्ट्र को समर्पित 12 सड़कों के साथ बीआरओ की पूरी की गई अवसंरचना से जुड़ी 75 परियोजनाओं का एक गुलदस्ता है, ऐसे समय जब राष्ट्र अपनी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। रक्षामंत्री ने लद्दाख के उपराज्यपाल आरके माथुर, लद्दाख के सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल, उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर-कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी, सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी, रक्षा मंत्रालय, भारतीय सेना, बीआरओ और नागरिक प्रशासन के वरिष्ठ नागरिक एवं सैन्य अधिकारियों की उपस्थिति में इन पुलों का उद्घाटन किया।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने लद्दाख में लेह-लोमा रोड पर बनाए गए 50 मीटर लंबे पुल का उद्घाटन किया, यह एकल स्पेन स्टील सुपर स्ट्रक्चर ब्रिज, जो एक मौजूदा बेली पुल की जगह लेगा, बंदूकों, टैंकों और विशेष उपकरणों सहित भारी हथियार प्रणालियों की बाधारहित आवाजाही सुनिश्चित करेगा। लेह-लोमा रोड जो लेह को चुमथांग, हैनले और त्सो मोरोरी झील जैसे स्थानों से जोड़ता है, पूर्वी लद्दाख में अग्रिम क्षेत्रों तक पहुंच के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। इसके अलावा 11 लद्दाख में, चार जम्मू-कश्मीर में, हिमाचल प्रदेश में तीन, उत्तराखंड में छह, सिक्किम में आठ, नगालैंड और मणिपुर में एक-एक और अरुणाचल प्रदेश में 29 पुलों का उद्घाटन हुआ। परियोजनाओं की संयुक्त लागत 240 करोड़ रुपये है, जो सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टिविटी को जबरदस्त बढ़ावा देंगे। राजनाथ सिंह ने विशेष रूपसे कोविड-19 महामारी के दौरान दूर-दराज के क्षेत्रों में संपर्क स्थापित करने में बीआरओ की प्रतिबद्धता की सराहना करते हुए कहा कि इनमें से कुछ पुल दूरदराज के दुर्गम क्षेत्रों में बसे कई गांवों केलिए जीवनरेखा बनेंगे।
राष्ट्र के विकास के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टिविटी के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने दूर-दराज के सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास को सुनिश्चित करने के सरकार के संकल्प की पुष्टि की और कहा कि ये पुल इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि ये पुल बेहतर कनेक्टिविटी के जरिए संबंधित राज्यों में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ सुरक्षा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो अलग केंद्रशासित प्रदेशों के रूपमें विभाजित करने के सरकार के फैसले पर रक्षामंत्री ने कहा कि मजबूत और दूरदर्शी कदमों से राष्ट्रीय एकता मजबूत हुई है, जिससे बाहर से प्रायोजित आतंकवादी गतिविधियों में बड़ी कमी आई है और लोगों के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए नए रास्ते खुले हैं। लद्दाख के विकास पर राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि सहित कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं, जो क्षेत्र के कल्याण के प्रति सरकार के संकल्प को दर्शाती हैं। उन्होंने क्षेत्र में लोकतांत्रिक प्रक्रिया शुरू करने केलिए सरकार की प्रतिबद्धता भी दोहराई।
गलवान घाटी में वर्ष 2020 में चीनी सैनिकों की सीमा पर जबरन घुसपैंठ को लेकर हुई भारतीय सैनिकों से झड़प के दौरान अनुकरणीय साहस प्रदर्शित करने के लिए भारतीय सेना की सराहना करते हुए रक्षामंत्री ने कर्तव्य निभाते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले बहादुर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने विवाद को सुलझाने के लिए पड़ोसी देशों के साथ बातचीत का आह्वान करते हुए कहा कि भारत एक शांतिप्रिय राष्ट्र है, जो आक्रामकता में विश्वास नहीं करता है, लेकिन अगर उकसाया जाता है तो हम इसका माकूल जवाब देंगे। उन्होंने राष्ट्र को आश्वस्त किया कि सशस्त्र सेनाएं किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। राजनाथ सिंह ने सीमाओं पर सुरक्षा को मजबूत करने, सशस्त्रबलों के बीच संयुक्तता बढ़ाने तथा उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार के सुधारों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हम हर तरह से सुरक्षित, मजबूत और समृद्ध राष्ट्र के निर्माण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक ने कहा कि काम करने के सीमित मौकों और कोविड-19 महामारी के बावजूद परियोजनाओं को पूरा किया गया। उन्होंने कहा कि ये पुल रणनीतिक रूपसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सशस्त्रबलों को तेजी से तैनात करने में सहायता करेंगे, जिससे सुरक्षा माहौल को और मजबूत किया जा सकेगा एवं दूरदराज के सीमावर्ती क्षेत्रों के समग्र आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान होगा। उन्होंने चुनौतियों के बावजूद राष्ट्र की सेवा जारी रखने केलिए बीआरओ के संकल्प को दोहराया। कार्यक्रम में अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग, पीएमओ राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह, जम्मू-कश्मीर के सांसद जुगल किशोर शर्मा, उत्तराखंड के सांसद अजय टम्टा और मिजोरम से सांसद सी लालरोसंग आभासी रूपसे शामिल हुए।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]