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Friday 16 July 2021 05:05:11 PM
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि विभिन्न विकास परियोजनाओं के जरिए काशी का श्रृंगार हो रहा है, इससे काशी और ज्यादा चमकेगी एवं काशी की शोभा और ज्यादा बढ़ेगी। प्रधानमंत्री ने काशी में विकास और सौंदर्यीकरण को प्राथमिकता देने की वजह बताते हुए कई महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में 100 बेड की एमसीएच विंग, गोदौलिया में मल्टी लेवल पार्किंग, गंगा में पर्यटन विकास केलिए रो-रो जहाज और वाराणसी गाजीपुर राजमार्ग पर थ्री लेन फ्लाई ओवर ब्रिज जैसी करीब 744 करोड़ रुपये की परियोजनाओं और कार्यों का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने लगभग 839 करोड़ रुपये की परियोजनाओं और लोक निर्माणों का भी शिलान्यास किया, इनमें सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के सेंटर फॉर स्किल एंड टेक्निकल सपोर्ट, जल जीवन मिशन के तहत 143 ग्रामीण परियोजनाएं और करखियांव में आम और सब्जी इंटीग्रेटेड पैक हाउस शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक जनसभा को भी संबोधित किया। यहां उन्होंने पिछले कुछ कठिन महीनों को याद किया, जब म्यूटेटेड कोरोना वायरस ने पूरी ताकत से हमला किया। प्रधानमंत्री ने इस चुनौती से निपटने में उत्तर प्रदेश सरकार और काशी के प्रशासन की सराहना की। उन्होंने कहा कि कठिन दिनों में भी काशी ने यह साहस दिखाया है कि वह कभी ठहरती नहीं, कभी थकती नहीं है। उन्होंने दूसरी कोरोना लहर से अभूतपूर्व तरीके से निपटने की तुलना पहले के उदाहरणों से की, जब जापानी इंसेफेलाइटिस तरह की बीमारियां कहर बरपा करती थीं। उन्होंने कहा कि उस समय भी चिकित्सा सुविधाओं और राजनीतिक इच्छाशक्ति के अभाव में छोटी चुनौतियां भी बड़ा स्वरूप ले लेती थीं। प्रधानमंत्री ने कहाकि उत्तर प्रदेश में अबतक सबसे अधिक संख्या में जांच और टीकाकरण का कार्य हुआ है। उन्होंने उत्तर प्रदेश में चिकित्सा बुनियादी ढांचे में तेजी से हो रहे सुधारों को गिनाया और कहा कि पिछले चार साल में मेडिकल कॉलेजों की संख्या चार गुना बढ़ी है, कई मेडिकल कॉलेज पूरा होने के विभिन्न चरणों में हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य में स्थापित किए जा रहे लगभग 550 ऑक्सीजन संयंत्रों की चर्चा की, जिनमें से उन्होंने 14 का उद्घाटन भी किया। उन्होंने राज्य सरकार के बाल चिकित्सा आइसीयू और ऑक्सीजन सुविधाओं में सुधारों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि हाल ही में घोषित 23000 करोड़ रुपये के पैकेज से उत्तर प्रदेश को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि काशी नगरी पूर्वांचल का बड़ा मेडिकल हब बन रही है, कुछ बीमारियों का इलाज जिसके लिए किसी को दिल्ली और मुंबई जाना पड़ता था, अब काशी में उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि कई परियोजनाएं प्राचीन शहर काशी के मूल तत्व को सुरक्षित रखते हुए विकास के पथ पर अग्रसर हो रही हैं। उन्होंने कहा कि राजमार्ग, फ्लाई ओवर, रेलवे ओवरब्रिज, भूमिगत वायरिंग, सीवर और पेयजल की समस्याओं का समाधान, पर्यटन को बढ़ावा देने जैसी परियोजनाओं को सरकार की ओर से अभूतपूर्व तरीके से आगे बढ़ाया गया है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में भी 8000 करोड़ की परियोजनाओं पर काम चल रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छता और निर्मल गंगा तथा काशी की सुंदरता ही आकांक्षा और प्राथमिकता है, इसके लिए हर मोर्चे पर सड़क, सीवेज ट्रीटमेंट, पार्कों और घाटों के सौंदर्यीकरण जैसे कार्य हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंचकोसी मार्ग को चौड़ा किए जाने, वाराणसी-गाजीपुर पुल बनने से कई गांवों और आसपास के शहरों को मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरे शहर में बड़े एलईडी स्क्रीन लगाए गए हैं और घाटों पर नवीनतम प्रौद्योगिकी सूचना बोर्ड काशी आनेवालों केलिए काफी सहायक साबित होंगे। उन्होंने कहा कि ये एलईडी स्क्रीन और सूचना बोर्ड काशी के इतिहास, वास्तुकला, शिल्पकला और ऐसी हर जानकारी को आकर्षक तरीके से पेश करेंगे, जो श्रद्धालुओं के लिए काफी उपयोगी होंगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि मां गंगा के घाट और काशी विश्वनाथ मंदिर में आरती का प्रसारण बड़े पर्दे के माध्यम से पूरे शहर में संभव हो पाएगा। प्रधानमंत्री ने बताया कि यहां रो-रो सेवा और क्रूज सेवा से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, रुद्राक्ष केंद्र शहर के कलाकारों को एक विश्वस्तरीय मंच प्रदान करेगा।
प्रधानमंत्री ने आधुनिक समय में काशी के विकास को और भी ज्यादा शिक्षा के केंद्र के रूपमें विकसित करने की बात कही। उन्होंने कहा कि काशी को मॉडल स्कूल, आईटीआई और ऐसे कई संस्थान मिले हैं जो सेंटर फॉर स्किलिंग एंड टेक्निकल सपोर्ट क्षेत्र के औद्योगिक विकास में मदद करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश तेजी से देश के अग्रणी निवेश स्थान के रूपमें उभर रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष पहले तक जिस उत्तर प्रदेश में कारोबार करना मुश्किल माना जाता था, वह आज मेक इन इंडिया के लिए पसंदीदा जगह बन रहा है। प्रधानमंत्री ने इसका श्रेय योगी सरकार को दिया, क्योंकि उन्होंने राज्य में बुनियादी ढांचे के विकास पर अथक परिश्रम और ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने डिफेंस कॉरिडोर, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे और गंगा एक्सप्रेसवे का हवाला देते हुए कहा कि हाल में इन्हें आगे बढ़ाया गया है। कार्यक्रम में गवर्नर आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मंत्री नीलकंठ तिवारी और एमपी सुरेंद्र नारायण सिन्हा भी उपस्थित थे।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश में कृषि बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का विशेष कोष बनाया गया है, जिससे अब कृषि मंडियों को भी फायदा होगा, यह देश के कृषि बाजारों की व्यवस्था को आधुनिक और सुविधा संपन्न बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले भी राज्य के लिए योजनाएं और वित्त के लिए नियोजन किया जाता था, लेकिन लखनऊ में वे अवरुद्ध हो जाते थे। प्रधानमंत्री ने विकास का परिणाम सभी तक पहुंचाने के लिए पुन: मुख्यमंत्री के प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून का शासन है, माफिया राज और आतंकवाद जो कभी नियंत्रण से बाहर हो रहे थे, अब कानून की गिरफ्त में हैं। नरेंद्र मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सरकार भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद से नहीं, बल्कि विकास से चल रही है, यही कारण है कि आज उत्तर प्रदेश में लोगों को सीधे योजनाओं का लाभ मिल रहा है, इसी कारण से नए उद्योग उत्तर प्रदेश में निवेश कर रहे हैं और रोज़गार के अवसर बढ़ रहे हैं।
वाराणसी में तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक, विरासत संवर्धन अभियान का राष्ट्रीय मिशन (प्रसाद) एक केंद्रीय योजना है, जिसे पर्यटन मंत्रालय ने साल 2014-15 में शुरू किया था और करीब 44.69 करोड़ रुपये की लागत वाली दूसरी प्रसाद योजना को पर्यटन मंत्रालय ने फरवरी 2018 में स्वीकृत किया था। यह पूरी तरह भारत सरकार से वित्तपोषित है, जिसका उद्देश्य तीर्थयात्रा और विरासत स्थलों के एकीकृत विकास से जुड़ा है। इनके तहत पंचकोसी पथ, तीर्थयात्रा सुविधा केंद्र, रामेश्वर, सड़क विकास और संकेतक बोर्ड को पूरा कर राष्ट्र को समर्पित किया गया है। प्रसाद योजना के तहत ही वाराणसी में रिवर क्रूज का विकास परियोजना को पर्यटन मंत्रालय ने 10.72 करोड़ रुपये के खर्च के साथ फरवरी 2018 में मंजूरी दी थी। इसको भी आज राष्ट्र को समर्पित कर दिया गया। प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय मानकों की सुविधाएं सृजित करने के लिए भारत सरकार से जारी धनराशि का सर्वोत्तम उपयोग करने के लिए राज्य सरकार की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि काशी के पुरातन वैभव की समृद्धि, ज्ञान की गंगा से भी जुड़ी हुई है, ऐसे में काशी का आधुनिक ज्ञान और विज्ञान के केंद्र के रूपमें भी निरंतर विकास ज़रूरी है और योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद इस दिशा में जो प्रयास हो रहे थे, उनमें और तेजी आई है। उन्होंने कहा कि विकास और प्रगति की इस यात्रा में यूपी के हर एक नागरिक का योगदान है, इसमें जन-जन की भागीदारी है। प्रधानमंत्री ने वाराणसी में इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एंड कन्वेंशन सेंटर-रुद्राक्ष का उद्घाटन किया, जिसका जापान की सहायता से निर्माण किया गया है। नरेंद्र मोदी ने याद किया कि जापान के प्रधानमंत्री शुगा योशीहिदे उस समय मुख्य कैबिनेट सचिव थे, तबसे लेकर जापान के प्रधानमंत्री बनने तक वह व्यक्तिगत रूपसे इस परियोजना से जुड़े रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत के प्रति उनके अपनेपन के लिए हर भारतीय उनका आभारी है। प्रधानमंत्री ने याद दिलाया उनकी जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ रुद्राक्ष की योजना पर चर्चा हुई थी, जब वह काशी आए थे, रुद्राक्ष व अहमदाबाद में जेन गार्डन जैसी परियोजनाएं इसी संबंध की प्रतीक हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जापान के साथ भारत की दोस्ती को पूरे क्षेत्र में सबसे ज्यादा स्वाभाविक भागीदारियों में से एक के रूपमें देखा जाता है। भारत और जापान का मानना है कि हमारा विकास हमारे उल्लास से संबद्ध होना चाहिए, यह विकास चहुंमुखी होना चाहिए, सभी के लिए होना चाहिए और सर्वव्यापी होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि गाने, संगीत और कला बनारस के रोम-रोम में है, यहां गंगा के घाटों पर कई कलाओं का विकास हुआ है, ज्ञान शिखर पर पहुंच गया है और मानवता से संबंधित कई गंभीर विचार सामने आए हैं, यही वजह है कि बनारस संगीत, धर्म, ज्ञान एवं विज्ञान की भावना का बड़ा वैश्विक केंद्र बन सकता है। उन्होंने कहा कि यह केंद्र एक बड़ा सांस्कृतिक केंद्र और विभिन्न लोगों को एकजुट करने का माध्यम बन जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 7 साल में काशी को कई विकास परियोजनाओं से सुशोभित किया गया है तो यह श्रृंगार बिना रुद्राक्ष के कैसे पूरा हो सकता था? अब काशी जो वास्तविक शिव है, ने इस रुद्राक्ष को धारण कर लिया है तो काशी का विकास और भी ज्यादा चमकेगा और काशी की सुंदरता और भी ज्यादा बढ़ जाएगी। उन्होंने बीएचयू की मातृ और शिशु स्वास्थ्य इकाई का भी निरीक्षण किया।