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Tuesday 28 September 2021 02:23:29 PM
जैसलमेर। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि देश के आसपास की भू-राजनैतिक स्थिति तेज़ी से अनिश्चितता में बदल रही है और हम अंदर और बाहर दोनों तरफ से प्रकट और छद्म खतरों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने सशस्त्रबलों से आग्रह किया कि वे न केवल पारंपरिक युद्ध की तैयारी में अपनी बढ़त बनाए रखें, बल्कि युद्ध के नए क्षेत्रों जैसे सूचना और साइबर क्षेत्र में भी अपना वर्चस्व स्थापित करने केलिए तैयार रहें, युद्ध क्षेत्र में रोबोटिक्स तथा ड्रोन के बढ़ते प्रयोग केलिए भी तैयारी करें। जैसलमेर में भारतीय सेना के अधिकारियों और जवानों से बातचीत करते हुए उपराष्ट्रपति ने शांति को विकास केलिए आवश्यक शर्त बताया और कहा कि हमारी सेनाओं पर देश की सीमाओं और देश के अंदर शांति और स्थिरता बनाए रखने की महती जिम्मेदारी है। सेना के शौर्य का अभिनंदन करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि देश की संप्रभुता को चुनौती देने वाली किसी भी ताकत को हमारी सेनाओं ने मुंहतोड़ जवाब दिया है।
उपराष्ट्रपति राजस्थान की पांच दिवसीय यात्रा पर हैं। उन्होंने जैसलमेर युद्ध संग्रहालय देखा, जहां उनका स्वागत मेजर जनरल अजीत सिंह गहलोत ने किया। उपराष्ट्रपति ने थार रेगिस्तान की गर्म और कठिन परिस्थितियों में भी देश की सीमाओं की सुरक्षा करने केलिए भारतीय सेना की सराहना की। उन्होंने सैनिकों से कहा कि देश आश्वस्त रहता है कि दुश्मन के किसी भी दुस्साहस का हमारी सेनाएं मुंहतोड़ जवाब देंगी। जम्मू-कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि धारा 370, जो वैसे भी एक अस्थाई प्रावधान ही था, उसे समाप्त करके भारतीय संसद ने जम्मू-कश्मीर की जनता और शेष भारत के बीच एक बड़ी बाधा को दूर कर दिया है। गोल्डन सिटी जैसलमेर की अपनी यात्रा पर हर्ष जताते हुए उन्होंने कहा कि यह शहर अपनी समृद्ध संस्कृति और सैन्य विरासतों केलिए प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा कि लोंगेवाला के ऐतिहासिक युद्ध में मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी और उनके साथी सैनिकों के शौर्य की प्रेरक गाथा सुनकर उनको अपनी सेना पर बहुत गौरव हुआ है।
वेंकैया नायडू ने बताया कि जिस स्थान पर मातृभूमि की रक्षा में हमारे वीर सैनिकों ने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया है, उस पवित्र युद्धभूमि को देखकर वो स्वयं भावुक हैं। उन्होंने युवा पीढ़ी का आह्वान किया कि वह जाकर अवश्य देखे कि किन कठिन परिस्थितियों में हमारे बहादुर सैनिक देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं। वर्ष 1971 के भारत पाक युद्ध में भारत की निर्णायक विजय के स्वर्णिम विजय वर्ष पर उपराष्ट्रपति ने भारतीय सेनाओं के सभी सैनिकों को बधाई दी और उस क्षेत्र में तैनात सभी रैंकों के सैनिकों को उनकी सफलता केलिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने लोगों से निकटस्थ युद्ध संग्रहालय जाकर देखने का आग्रह किया, जिससे उनको यह याद रहे कि देश के नागरिक रात में चैन से सो सकें, इसके लिए हमारे बहादुर सैनिक कितनी कुर्बानियां देते हैं। वेंकैया नायडू ने स्मारक पर पुष्प चढ़ाकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और अपनी पोस्ट में लिखा कि जब-जब देश की संप्रभुता की रक्षा और देश की सुरक्षा की बात उठती है, हमारी सशस्त्र सेनाओं ने बार-बार अपना और अपनी शक्ति का लोहा मनवाया है।
उपराष्ट्रपति ने जैसलमेर में सीमा सुरक्षा बल की टुकड़ी के मुख्यालय पर तैनात बीएसएफ बल के सैनिकों से बातचीत की और दुर्गम इलाकों में तैनात बीएसएफ के सैनिकों की सराहना की। उपराष्ट्रपति के आगमन पर राजस्थान में बीएसएफ के आईजी पंकज घूमर तथा डीआईजी अरूण कुमार सिंह ने उनका स्वागत किया तथा क्षेत्र में बीएसएफ की भूमिका से उपराष्ट्रपति को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि बीएसएफ ने अतिवादी हिंसा पर नियंत्रण करते समय इन तत्वों द्वारा उकसाने पर भी आपने नियमों की सीमा में रहकर ही अपने कर्तव्यों का पालन किया है। उन्होंने कहा कि सीमापार से आतंकवाद, नशीले पदार्थों की तस्करी, भारत विरोधी गतिविधियों को जो प्रोत्साहन और प्रश्रय हमारे कुछ पड़ोसियों द्वारा दिया जा रहा है, देश को उससे निरापद करने केलिए हमारे सुरक्षाबलों का चौकन्ना रहना आवश्यक है। उन्होंने शत्रु के ड्रोन जैसे बढ़ते खतरों का कारगर निराकरण करने केलिए बीएसएफ की सराहना की। उन्होंने सीमा सुरक्षा बल से अपेक्षा की कि वे आधुनिकतम टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भी जवानों का प्रशिक्षण बढ़ाएं।
वेंकैया नायडू ने सैनिकों को आश्वस्त किया कि सरकार उनके लिए सुविधाओं को बेहतर बनाने केलिए हर संभव प्रयास कर रही है, इसके लिए सुदूर सीमा क्षेत्रों में सड़कों और संचार की कनेक्टिविटी का विस्तार और सुधार किया जा रहा है तथा दूरस्थ इलाकों में बिजली पहुंचाई जा रही है। वेंकैया नायडू ने सुरक्षाबलों में महिलाओं की बढ़ती संख्या पर संतोष जताते हुए भारत के इतिहास में पन्ना धाय और रानी बाघेली जैसी वीरांगनाओं के शौर्य को याद किया। उन्होंने कहा कि सरकार महिलाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होने केलिए सक्रिय रूपसे बढ़ावा दे रही है। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने लोंगेवाला युद्ध में भाग लेने वाले सैनिक भैरों सिंह को सम्मानित किया। उपराष्ट्रपति ने विश्व पर्यटन दिवस पर जोधपुर का ऐतिहासिक मेहरानगढ़ किला भी देखा। उन्होंने किले को राजस्थान की शान का स्वर्णिम प्रतीक बताया। किले को देखने के बाद उन्होंने पुस्तिका में किले की भव्यता को लिखा। उन्होंने लिखा कि किले की दीवार पर खड़े होकर देखने पर जोधपुर शहर जितना विहंगम लगता है, उतनी ही मनोरम किले के अंदर की सुंदरता है। उपराष्ट्रपति ने भारत की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत में रुचि रखने वाले पर्यटकों और यात्रियों से देश के ऐसे स्थानों को देखने का आग्रह किया है। उनके इस दौरे के दौरान राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र और प्रदेश सरकार में मंत्री डॉ बुलाकी दास कल्ला भी साथ रहे।