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Monday 18 October 2021 01:53:41 PM
वाराणसी। केंद्रीय एमएसएमई राज्यमंत्री भानुप्रताप सिंह वर्मा ने वाराणसी में 20 भारतीय राज्यों के उत्कृष्ट हस्तशिल्प उत्पादों को प्रदर्शित करने वाली एक अत्याधुनिक खादी प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। राज्यमंत्री ने खादी प्रदर्शनी और खादी कारीगर सम्मेलन केलिए केवीआईसी की सराहना करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य कारीगरों को मजबूत करना है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्ष में वाराणसी विभिन्न खादी गतिविधियों के केंद्र के रूपमें उभरा है, कताई, बुनाई, मधुमक्खी पालन और मिट्टी के बर्तन बनना जैसी लगभग सभी ग्रामीण व पारंपरिक कलाओं को यहां बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया गया है, जिसने कारीगरों केलिए स्वरोज़गार पैदा किया है और उन्हें आत्मनिर्भर बनाया है। उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शनी इन कारीगरों को उनके उत्पादों के विपणन और आय बढ़ाने का एक बड़ा मंच भी प्रदान करेगी।
केवीआईसी ने खादी कारीगर सम्मेलन भी आयोजित किया, जिसमें 2000 से अधिक खादी कारीगरों ने हिस्सा लिया। इनमें अधिकांश कारीगर आस-पास के 12 जिलों जैसे प्रयागराज, जौनपुर, गाजीपुर और सोनभद्र की महिलाएं थीं। उत्तर प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, पंजाब, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, लेह-लद्दाख, राजस्थान, उत्तराखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों के खादी संस्थानों के कुल 105 स्टाल लगाए गए थे। कई खादी संस्थानों, पीएमईजीपी इकाइयों और विभिन्न राज्यों के स्फूर्ति समूहों ने भी अपने स्टॉल लगाए थे। जम्मू-कश्मीर के प्रीमियम हाई एल्टीट्यूड शहद, उत्कृष्ट खादी उत्पादों की एक श्रृंखला, कश्मीरी व राजस्थानी ऊनी शॉल की एक विस्तृत विविध किस्म, पश्चिम बंगाल से मलमल का कपड़ा, पश्चिम बंगाल व बिहार से रेशमी कपड़े की एक किस्म, पंजाब से कोटि शॉल, कानपुर से चमड़े के उत्पाद, राजस्थान व उत्तर प्रदेश से मिट्टी के बर्तन, मिर्जापुर और प्रयागराज के व्यापक रूपसे प्रशंसित हाथ से बुने हुए कालीन प्रदर्शनी के आकर्षण रहे। गौरतलब है कि लॉकडाउन के बाद से वाराणसी में केवीआईसी की यह दूसरी ऐसी प्रदर्शनी है।
केवीआईसी के अध्यक्ष भी प्रदर्शनी में उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि वाराणसी में राज्यस्तरीय खादी प्रदर्शनी आत्मनिर्भर भारत केलिए खादी कारीगरों की प्रतिबद्धता की एक अभिव्यक्ति थी। उन्होंने कहा कि केवीआईसी ने पारंपरिक कलाओं को मजबूत करने एवं स्थानीय कारीगरों को सशक्त बनाने केलिए बड़ी संख्या में खादी संस्थानों, पीएमईजीपी इकाइयों और स्फूर्ति समूहों की स्थापना की है। उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शनी 'वोकल फॉर लोकल' पहल को बढ़ावा देगी और खादी को भी इससे बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि वाराणसी, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र भी है ने खादी को बढ़ावा देने और कारीगरों की सहायता केलिए कई गतिविधियां शुरू की हुई हैं। उन्होंने बताया कि वाराणसी में वर्तमान में 134 खादी संस्थान कार्यरत हैं, जहां कुल कार्यबल का लगभग 80 फीसदी महिलाएं हैं।