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Wednesday 20 October 2021 02:19:18 PM
कुशीनगर। कुशीनगर का विकास यूपी और केंद्र सरकार की प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक है, यह कहते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कुशीनगर में बहु प्रतीक्षित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन किया। महापरिनिर्वाण मंदिर में अभिधम्म दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। बौद्ध मंदिरों में भगवान बुद्ध के दर्शन किए, उनपर चीवर चढ़ाया। उन्होंने राजकीय मेडिकल कॉलेज कुशीनगर की आधारशिला रखी और कुशीनगर में विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर बौद्ध भिक्षुओं के चरण छूकर उनका आर्शीवाद लिया। प्रधानमंत्री सुबह करीब साढ़े नौ बजे कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंचे। उनसे पूर्व श्रीलंका से बौद्ध भिक्षुओं और कुछ अतिथियों को लेकर पहला विमान इस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा। इसी के साथ कुशीनगर बौद्ध परिपथ सीधे दुनिया से जुड़ गया है और अब यहां दुनियाभर के बौद्ध अनुयायी भगवान बुद्ध के दर्शन और पर्यटन के लिए आ-जा सकेंगे।
नरेंद्र मोदी सरकार का यह हवाई अड्डा एवं कुशीनगर को एक नए रूपमें एशिया का एक बड़ा पर्यटन स्थल बनाने का बड़ा सपना था, जो आज पूरा हुआ है। उन्होंने एक प्रधानमंत्री के रूपमें और एक आध्यात्मिक दर्शनार्थी के रूपमें आज यहां की यात्रा की और अपने उद्गार व्यक्त किए। गौरतलब है कि नब्बे के दशक में उत्तर प्रदेश की मायावती की सरकार में कुशीनगर को अंतर्राष्ट्रीय विमान पत्तन बनाने का काम शुरु हुआ था। उस समय वह उसे नहीं कर पाईं, ज़मीन भी नहीं मिल पाई थी। इसके बाद केंद्र में कांग्रेस की और उत्तर प्रदेश में जो सरकारें आईं, उन्होंने इसमें कोई दिलचस्पी नहीं ली, रेंगते हुए काम आगे बढ़ा, बल्कि जमीन अधिग्रहण में जमकर मुकद्मेंबाजी हुई। नरेंद्र मोदी सरकार ने आते ही कई पहलें कीं और जब उत्तर प्रदेश में भाजपा की योगी आदित्यनाथ सरकार आई तो यह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने का काम तेजी पकड़ गया और बहुत कम समय में यह पूरा हो गया, जिसका आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, केंद्रीय विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, विभिन्न देशों के राजनायिकों-राजदूतों, बौद्ध भिक्षुओं, बौद्ध धर्म के अनुयायियों की उपस्थिति में उद्घाटन किया।
कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के उद्घाटन के अवसर पर कोलंबो से श्रीलंका का पहला विमान बौद्ध भिक्षुओं को लेकर जब इस हवाई अड्डे पर उतरा तो उसका करतल ध्वनि से स्वागत किया गया। श्रीलंका के प्रतिनिधिमंडल में सौ से अधिक बौद्ध भिक्षुओं का 12 सदस्यीय पवित्र स्मृति चिन्ह दल भी शामिल है, जो प्रदर्शनी केलिए बुद्ध के पवित्र स्मृति चिन्ह साथ लाया है। प्रतिनिधिमंडल में श्रीलंका में बौद्ध धर्म के सभी चार निकातों यानी असगिरिया, अमरपुरा, रामन्या, मालवट्टा के अनुनायक (उप प्रमुख) के साथ-साथ कैबिनेट मंत्री नमल राजपक्षे के नेतृत्व में श्रीलंका सरकार के पांच मंत्री भी आए हैं। कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे का निर्माण 260 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से किया गया है। यह घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय तीर्थयात्रियों को भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण स्थल पर जाने की सुविधा प्रदान करेगा। यह हवाई अड्डा दुनियाभर के बौद्ध तीर्थस्थलों को जोड़ने का एक प्रयास है। यह उत्तर प्रदेश और बिहार के आस-पास के जिलों को हवाई यात्रा की सुविधा प्रदान करेगा। माना जा रहा है कि हवाईअड्डा इस क्षेत्र में निवेश और रोज़गार के अवसरों को बढ़ावा देने केलिए एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महापरिनिर्वाण मंदिर में शयन मुद्रा में भगवान बुद्ध की मूर्ति की अर्चना की और उन्हें चीवर अर्पित किया। उन्होंने बोधि वृक्ष लगाया। प्रधानमंत्री ने अभिधम्म दिवस कार्यक्रम में कहा कि यह दिन बौद्ध भिक्षुओं केलिए तीन महीने के वर्षा प्रस्थान-वर्षावास या वासा के अंत का प्रतीक है, इस दौरान वे विहार और मठ में एक स्थान पर रहते हैं और प्रार्थना करते हैं। कार्यक्रम में श्रीलंका, थाईलैंड, म्यांमार, दक्षिण कोरिया, नेपाल, भूटान और कंबोडिया के राजदूत और भिक्षु बड़ी संख्या में आए। प्रधानमंत्री गुजरात के वडनगर और अन्य स्थलों की खुदाई से प्राप्त अजंता भित्ति चित्र, बौद्ध सूत्र हस्तलिपि और बौद्ध कलाकृतियों की प्रदर्शनी को भी देखने गए। प्रधानमंत्री ने कुशीनगर में बरवा जंगल के एक सार्वजनिक समारोह में भाग लिया, जिसमें उन्होंने 280 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्माण किए जानेवाले राजकीय मेडिकल कॉलेज कुशीनगर की आधारशिला रखी। मेडिकल कॉलेज में 500 बेड का अस्पताल होगा और यह शैक्षणिक सत्र 2022-2023 में एमबीबीएस पाठ्यक्रम केलिए 100 छात्रों का नामांकन करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों में कहा कि भारत दुनियाभर में बौद्ध समाज की आस्था का केंद्र है, कुशीनगर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा उनकी भक्ति केलिए श्रद्धांजलि है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह क्षेत्र भगवान बुद्ध के ज्ञानोदय से लेकर महापरिनिर्वाण तक की पूरी यात्रा का साक्षी है। प्रधानमंत्री ने बेहतर कनेक्टिविटी और भक्तों केलिए सुविधाओं निर्माण के माध्यम से भगवान बुद्ध से जुड़े स्थानों के विकास पर विशेष ध्यान देने पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने कुशीनगर में लैंड करने वाले श्रीलंकाई विमान और प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया। आज ही महर्षि वाल्मीकि की जयंती भी है, प्रधानमंत्री ने देश को इसकी शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश सबके साथ और सबके प्रयासों के सहारे सबका विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अपने सभी रूपों में पर्यटन, चाहे आस्था के लिए या अवकाश के लिए रेल, सड़क, वायुमार्ग, जलमार्ग, होटल, अस्पताल, इंटरनेट कनेक्टिविटी, स्वच्छता, सीवेज उपचार और स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करने वाली अक्षय ऊर्जा के साथ आधुनिक बुनियादी ढांचे की आवश्यकता है।