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Monday 1 November 2021 11:30:10 AM
विशाखापत्तनम। भारतीय नौसेना को परियोजना 15बी का पहला युद्धपोत वाई 12704 विशाखापत्तनम में समारोहपूर्वक सौंप दिया गया है। परियोजना 15बी के तहत मझगांव डॉक्स लिमिटेड (एमडीएल) निर्देशित मिसाइल विध्वसंक युद्धपोतों का निर्माण कर रहा है। गौरतलब हैकि परियोजना 15बी के चार जहाजों के अनुबंध पर 28 जनवरी 2011 को हस्ताक्षर किए गए थे। इन्हें विशाखापत्तनम श्रेणी के जहाजों के रूपमें जाना जाता है। यह परियोजना पिछले दशक में शुरू किए गए कोलकाता श्रेणी परियोजना 15ए की अनुवर्ती है। इस जहाज को भारतीय नौसेना की इन-हाउस डिजाइन संस्था नौसेना डिजाइन निदेशालय ने डिजाइन किया है और इसका निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड मुंबई ने किया है।
भारत के चारों कोनों के प्रमुख शहरों के नामपर इन जहाजों का नामकरण किया गया है, जो विशाखापत्तनम, मोरमुगाओ, इंफाल और सूरत हैं। विशाखापत्तनम श्रेणी के इस जहाज की नींव अक्टूबर 2013 में रखी गई थी और जहाज को अप्रैल 2015 में लॉंच किया गया था। जहाज को बड़े पैमाने प्रणोदन मशीनरी, कई प्लेटफॉर्म उपकरण और प्रमुख हथियार और सेंसर से युक्त बनाया गया है, जिस तरह से कोलकाता श्रेणी के जहाजों को बनाया गया है। करीब 163 मीटर लंबे युद्धपोत में 7400 टन का पूर्ण भार विस्थापन और 30 समुद्री मील की अधिकतम गति है। परियोजना की कुल स्वदेशी सामग्री लगभग 75 प्रतिशत है। 'फ्लोट' और 'मूव' श्रेणियों में बड़ी संख्या में स्वदेशी उपकरणों के अलावा विध्वंसक युद्धपोत को प्रमुख स्वदेशी हथियारों से लैस किया गया है।
इनमें हैं-मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें (बीईएल बेंगलुरु), ब्रह्मोस सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें (ब्रह्मोस एयरोस्पेस नई दिल्ली), स्वदेशी टारपीडो ट्यूब लॉंचर (लार्सन एंड टुब्रो मुंबई), पनडुब्बी रोधी स्वदेशी रॉकेट लॉन्चर (लार्सन एंड टुब्रो मुंबई) और 76 एमएम सुपर रैपिड गन माउंट (भेल हरिद्वार)। विशाखापत्तनम श्रेणी की इस जहाज की डिलीवरी भारतीय स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में 'आत्मनिर्भर भारत' बनाने की दिशा में भारत सरकार और भारतीय नौसेना के कार्यों की अभिपुष्टि है। कोविड चुनौतियों के बावजूद विध्वंसक युद्धपोत का समावेशन बड़ी संख्या में हितधारकों के सहयोगात्मक प्रयासों केप्रति सम्मान है। यह हिंद महासागर क्षेत्र में देश की समुद्री शक्ति को बढ़ाएगा।