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Monday 1 November 2021 02:01:59 PM
मुंबई। केंद्रीय शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा हैकि भारत में शिक्षा क्षेत्र अभूतपूर्व परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहाकि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य युवाओं को 21वीं सदी का भविष्योन्मुख, सामाजिक रूपसे जागरुक और वैश्विक नागरिक बनाना है। शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राष्ट्रीय औद्योगिक इंजीनियरी संस्थान मुंबई के 26वें दीक्षांत समारोह को ऑनलाइन संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने देश के समन्वित और समग्र विकास के विचार पर भी बल दिया। उन्होंने प्रौद्योगिकी, ज्ञान के तालमेल और समावेशी नवाचार का एक मॉडल विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह करता किया, जो समाज को समावेशी और समग्र विकास की ओर ले जाता हो, तभी हम 21वीं सदी का नया भारत बनाने के सपने को साकार कर सकते हैं।
शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एनआईटीआईई की परिवर्तन फोरम पहल की प्रशंसा की, इसके माध्यम से संस्थान वैज्ञानिक कौशल निर्माण, जागरुकता, मानवीय मूल्यों और व्यक्तित्व विकास जैसे विषयों पर प्रौद्योगिकी से लैस स्व-शिक्षण वीडियो प्रदान करके ग्रामीण छात्रों के बीच सामाजिक चेतना को बढ़ा रहा है। आईआईटी कानपुर के अध्यक्ष एवं इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ के राधाकृष्णन और एआईसीटीई के अध्यक्ष डॉ अनिल सहस्रबुद्धे ने भी विशिष्ट अतिथि के रूपमें छात्रों को संबोधित किया। डॉ के राधाकृष्णन ने कहाकि प्रौद्योगिकी हस्तक्षेपों से हमारा लक्ष्य भविष्य केलिए तैयार समाज बनना है। उन्होंने कहाकि प्रौद्योगिकी बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है, हाल के दिनों में हमने सूचना प्रौद्योगिकी, जीव विज्ञान, पदार्थ विज्ञान, ऊर्जा क्षेत्र आदि में संभावित परिवर्तनकारी प्रौद्योगिकियों का तेजी से विकास देखा है। उन्होंने कहाकि परिवर्तनकारी प्रौद्योगिकियां समाज के जीवन जीने, संचार, यात्रा, खरीदारी, सोने और मनोरंजन करने के तरीके को बदल रही हैं।
एआईसीटीई के अध्यक्ष डॉ अनिल सहस्रबुद्धे ने कहाकि हमने कोविड-19 महामारी के रूपमें एक नई चुनौती देखी है, हमारे देश में शिक्षा प्रणाली कुछ ही समय में ऑनलाइन शिक्षा में स्थानांतरित हो गई, हमारे देश की विशाल जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए यह एक असाधारण उपलब्धि है। दीक्षांत समारोह में औद्योगिक इंजीनियरिंग में स्नातकोत्तर डिप्लोमा के 49वें बैच, औद्योगिक प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा का 26वां बैच, औद्योगिक सुरक्षा और पर्यावरण प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा के 19वें बैच, विनिर्माण प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा के छठे बैच, परियोजना प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा, पीजीपीईएक्स-वीएलएफएम के दूसरे बैच और फेलो बैच के तीसरे बैच के छात्रों को डिग्री प्रदान की गई। एनआईटीआईई एक वर्षीय एक्जीक्यूटिव डिप्लोमा प्रोग्राम पीजीपीईएक्स-वीएलएफएम और फेलो प्रोग्राम के साथ-साथ औद्योगिक इंजीनियरिंग, औद्योगिक प्रबंधन और सतत प्रबंधन में स्नातकोत्तर स्तर पर केंद्रित शैक्षणिक पाठ्यक्रम चला रहा है। वर्ष 1963 में अपनी स्थापना के बाद से एनआईटीआईई राष्ट्रनिर्माण नवजागरण केलिए अथक प्रयास कर रहा है।