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हमारे अग्रणी स्कूल कितने समावेशी-शिक्षामंत्री

'सामाजिक और आर्थिक रूपसे वंचित वर्गों पर विशेष ध्यान दें'

इंडियन पब्लिक स्कूल्स कॉंफ्रेंस के प्रधानाचार्यों का सम्मेलन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 10 January 2022 03:01:52 PM

dharmendra pradhan in ipsc principals conclave organised by doon school

नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दून स्कूल के आयोजित 82वें इंडियन पब्लिक स्कूल्स कॉंफ्रेंस के प्रधानाचार्यों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा हैकि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति सामाजिक और आर्थिक रूपसे वंचित वर्गों पर विशेष ध्यान देने केसाथ समान और समावेशी शिक्षा पर केंद्रित है। उन्होंने कहाकि एक समावेशी कक्षा सभी को असंख्य अनुभव और दृष्टिकोण से लाभांवित करती है, साथही देश के सामने आनेवाली विभिन्न चुनौतियों को समझती है। शिक्षामंत्री ने सम्मेलन में भाग लेनेवाले सभी स्कूलों से आग्रह किया हैकि वे दिखाएं कि हमारे अग्रणी स्कूल कितने समावेशी हैं और देश के प्रत्येक बच्चे को सर्वोत्तम शिक्षा मिले, यह सुनिश्चित करने केलिए और क्या किया जा सकता है।
शिक्षामंत्री ने कहाकि एक जानकार व्यक्ति अच्छा, न्यायपूर्ण और प्रगतिशील समाज का निर्माण करता है, उस ज्ञान को सीखने की जिद, लागू करने और आगे बढ़ाने की इच्छा ने मानवता को आग की खोज से लेकर खेती, आसमान में उड़ने से लेकर सितारों केबीच चलायमान तक पहुंचा दिया है। उन्होंने कहाकि यह हम मेंसे प्रत्येक का कर्तव्य हैकि हम अपने बच्चों को शिक्षा का मौलिक अधिकार देने केलिए सबसे अच्छा काम करें, उन्हें उनकी पूरी क्षमता के उपयोग करने को लेकर मार्गदर्शन करें और इस तरह हमारे देश-दुनिया को बेहतर और अधिक समावेशी स्थान बनाएं। शिक्षामंत्री को यह जानकर खुशी हुईकि 1939 में कुछ आवासीय विद्यालयों केसाथ शुरू हुए आईपीएससी में सैनिक और सैन्य स्कूलों समेत इनकी संख्या अब 81 हो गई है।
धर्मेंद्र प्रधान ने कहाकि आनेवाली पीढ़ी को प्रभावित करने को लेकर भारत के 80 से अधिक प्रमुख स्कूलों के प्रधानाध्यापकों और प्रधानाध्यापिकों की वार्षिक बैठक बहुत महत्व रखती है। धर्मेंद्र प्रधान ने विश्वास जतायाकि सम्मेलन उपयोगी रहा, जहां सभी ने अपने संबंधित स्कूलों में कुछ नया करने केलिए, कुछ दर्शाने केलिए और उसे लागू करने केलिए कुछ नया सीखा है, ताकि वे समाज और राष्ट्र केलिए जिज्ञासु, विद्वान और जानकार नेता तैयार कर सकें। इंडियन पब्लिक स्कूल्स कॉन्फ्रेंस ने 1939 में अपनी स्थापना के बादसे भारत में पब्लिक स्कूलों को ऐसी परंपराएं बनाने में मागदर्शन दिया है, जो अच्छी तरह से शिक्षा देकर छात्रों के चरित्र और व्यक्तित्व का निर्माण करती हैं। इस अवसर पर आईपीएससी की अध्यक्ष निशि मिश्रा और दून स्कूल के प्रधानाध्यापक डॉ जगप्रीत सिंह भी उपस्थित थे।

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