स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Saturday 5 February 2022 04:15:47 PM
मुंबई। खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने हाल के वर्षों में नकली एवं गैर-खादी उत्पादों की बिक्री के खिलाफ जीरो टॉलरेंस अपनाते हुए अपने सबसे पुराने मुंबई खादी और ग्रामोद्योग संघ का खादी प्रमाणन रद्द कर दिया है, जो 1954 से मुंबई में डॉ डीएन सिंह रोड पर हेरिटेज बिल्डिंग मेट्रोपॉलिटन इंश्योरेंस हाउस में प्रतिष्ठित खादी एम्पोरियम चला रहा था। केवीआईसी ने पाया कि डॉ डीएन सिंह रोड पर खादी एम्पोरियम असली खादी की आड़ में गैर-खादी उत्पाद बेच रहा था। नियमित निरीक्षण के दौरान केवीआईसी के अधिकारियों ने एम्पोरियम से नमूने एकत्र किए, जो गैर-खादी उत्पाद पाए गए।
केवीआईसी ने आयोग से जारी खादी प्रमाणपत्र और खादी चिह्न प्रमाणपत्र के मानदंडों का उल्लंघन करने केलिए एमकेवीआईए को कानूनी नोटिस जारी किया। पंजीकरण रद्द करने केसाथ खादी एम्पोरियम प्रामाणिक खादी आउटलेट नहीं रह जाता है और अब उसे एम्पोरियम से खादी उत्पादों को बेचने की अनुमति नहीं है। केवीआईसी ब्रांड खादी की विश्वसनीयता एवं लोकप्रियता का दुरुपयोग करके आपराधिक विश्वासघात और जनता को धोखा देने केलिए एमकेवीआईए के खिलाफ कानूनी कार्रवाई पर भी विचार कर रहा है। केवीआईसी ने वर्ष 1954 में खादी एम्पोरियम का संचालन और प्रबंधन एक पंजीकृत खादी संस्थान एमकेवीआईए को इस सख्त शर्त पर सौंपा थाकि वह एम्पोरियम से केवल प्रामाणिक खादी उत्पाद ही बेचेगा। हालांकि हाल के वर्षों में एमकेवीआईए नकली खादी उत्पाद बेचकर अनुचित व्यापार में लिप्त रहा और इस तरह लोगों को धोखा दिया गया, जो इस धारणा के साथ आते थे कि यह एम्पोरियम केवीआईसी द्वारा चलाया जा रहा है।
यह उल्लेख करना प्रासंगिक हैकि केवीआईसी ने पिछले कुछ वर्ष में अपने ब्रांड नाम खादी इंडिया के दुरुपयोग और अपने ट्रेडमार्क में उल्लंघन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। केवीआईसी ने अबतक खुदरा ब्रांड फैबइंडिया सहित 1200 से अधिक व्यक्तियों और फर्मों को खादी ब्रांड नाम का दुरुपयोग करने और खादी के नाम से गैर-खादी उत्पादों को बेचने केलिए कानूनी नोटिस जारी किए हैं। केवीआईसी ने फैबइंडिया से 500 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा है, जो बंबई उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित है। पिछले साल केवीआईसी ने ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल्स अमेजॉन, फ्लिपकार्ट और स्नैपडील को 140 वेब लिंक्स हटाने केलिए मजबूर किया, जो गैर-खादी उत्पादों को खादी के रूपमें बेच रहे थे। ऐसे कई मामलों में केवीआईसी ने उल्लंघन करने वालों को अदालतों में घसीटा और उन्हें खादी ब्रांड नाम का दुरुपयोग करने से रोकने के आदेश प्राप्त किए। इसके परिणामस्वरूप कई उल्लंघन करने वालों ने माफी मांगी और भविष्य में ब्रांड नाम खादी का उपयोग नहीं करने का वचन भी दिया।