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'भारत-यूएई में ऐतिहासिक आर्थिक साझेदारी'

भारतीय वस्तुओं व सेवाओं केलिए नए बाजार खुलेंगे-उद्योग मंत्री

श्रम प्रधान उद्योग सबसे अधिक लाभांवित होने वालों में शामिल

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Sunday 20 February 2022 04:07:36 PM

commerce and industry minister piyush goyal

मुंबई। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारत-यूएई में हुए व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते को एक ऐतिहासिक समझौता बताया है, जो भारतीय वस्तुओं और सेवाओं केलिए नए बाजार खोलेगा। पीयूष गोयल ने समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के एकदिन बाद मुंबई में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहाकि भारत-यूएई व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता एमएसएमई, स्टार्ट-अप, किसानों, व्यापारियों और व्यवसायों के सभी वर्गों केलिए अत्यधिक लाभप्रद होगा। क्षेत्रवार लाभों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहाकि कपड़ा, रत्न और आभूषण, चमड़े के सामान तथा जूते और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग जैसे श्रम प्रधान उद्योग सबसे अधिक लाभांवित होने वालों में शामिल होंगे। उन्होंने कहाकि सीईपीए एक संतुलित, निष्पक्ष, व्यापक और न्यायसंगत साझेदारी समझौता है, जो वस्तुओं तथा सेवाओं दोनों में भारत केलिए बढ़ा हुआ बाजार उपलब्ध कराएगा।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने कहाकि यह समझौता हमारे युवाओं केलिए रोज़गार सृजित करेगा, हमारे स्टार्टअप केलिए नए बाजार खोलेगा, हमारे व्यवसायों को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएगा एवं हमारी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा। उद्योग मंत्री ने बतायाकि क्षेत्रवार परामर्शों ने दर्शाया हैकि यह समझौता भारतीय नागरिकों केलिए कम से कम 10 लाख रोज़गार सृजित करेगा। पीयूष गोयल ने बतायाकि सीईपीए जिसे केवल 88 दिन के रिकॉर्ड समय में अंतिम रूप दिया गया था तथा हस्ताक्षर किया गया था, मई की शुरुआत तक 90 दिन से भी कम समय में प्रभावी हो जाएगा। उन्होंने मीडिया को बतायाकि भारत से यूएई को निर्यात किए जानेवाले लगभग 90 प्रतिशत उत्पादों पर समझौते के कार्यांवयन केसाथ शून्य शुल्क लगेगा। उन्होंने कहाकि व्यापार की 80 प्रतिशत लाइनों पर शून्य शुल्क लगेगा, शेष 20 प्रतिशत हमारे निर्यात को ज्यादा प्रभावित नहीं करते हैं, इसलिए यह सभी केलिए लाभप्रद समझौता है। पीयूष गोयल ने कहाकि किसी व्यापार समझौते में पहलीबार सीईपीए में किसी भी विकसित देश में स्वीकृत होने केबाद 90 दिन में भारतीय जेनेरिक दवाओं के स्वचालित पंजीकरण और विपणन प्राधिकरण का प्रावधान किया गया है, इससे भारतीय औषधियों को बड़े बाजार में पहुंच प्राप्त हो सकेगी।
पीयूष गोयल ने बतायाकि भारतीय आभूषण निर्यातकों को यूएई में शुल्क-मुक्त सुविधा प्राप्त हो सकेगी, जबकि वर्तमान में ऐसे उत्पादों पर 5 प्रतिशत सीमा शुल्क लगता है, इससे आभूषण निर्यात में भारी वृद्धि होगी, क्योंकि भारत में डिजाइन किए गए आभूषणों की बाजार में बहुत अच्छी प्रतिष्ठा है। पीयूष गोयल ने कहाकि रत्न एवं आभूषण क्षेत्र को 2023 तक अपने निर्यात के 10 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहाकि सीईपीए न केवल भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार करेगा, बल्कि भारत को कार्यनीतिक लाभ भी प्रदान करेगा, चूंकि संयुक्त अरब अमीरात एक व्यापारिक केंद्र के रूपमें कार्य करता है, इसलिए यह समझौता हमें अफ्रीका, मध्य पूर्व और यूरोप में बाजार में प्रवेश बिंदु प्रदान करने में मदद करेगा। पीयूष गोयल ने कहाकि सीईपीए के संपन्न होने केसाथ भारत और यूएई का लक्ष्य अगले पांच वर्ष में द्विपक्षीय वस्तु व्यापार को बढ़ाकर 100 अरब डॉलर तक ले जाना है। उन्होंने कहाकि यद्यपि मेरा विश्वास हैकि दोनों देशों केबीच व्यापार की संभावनाएं और भी बड़ी हैं, हम अपने लिए निर्धारित लक्ष्य को पार कर लेंगे।
उद्योग मंत्री ने कहाकि संयुक्त अरब अमीरात भारत का तीसरा सबसे बड़ा द्विपक्षीय व्यापारिक साझेदार है। पीयूष गोयल ने यह भी जानकारी दीकि सरकार को इस वर्ष के दौरान ही खाड़ी सहयोग परिषद के देशों केसाथ एक समान आर्थिक साझेदारी समझौते किए जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहाकि जीसीसी के महासचिव ने बातचीत में तेजी लाने की इच्छा व्यक्त की है और कहाकि हमें अपनी बातचीत करने की क्षमता पर भी भरोसा है, हमने यूएई के साथ त्वरित रूपसे बातचीत की है और हमें विश्वास है कि जीसीसी केसाथ इसी वर्ष व्यापार पर इसी प्रकार का समझौता कर लिया जाएगा। गौरतलब हैकि जीसीसी 1.6 ट्रिलियन डॉलर के संयुक्त सांकेतिक जीडीपी केसाथ खाड़ी क्षेत्र में छह देशों सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, कुवैत, ओमान और बहरीन का एक संघ है।

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