स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 15 March 2022 05:26:03 PM
कोलकाता। एमवी रामप्रसाद बिस्मिल ब्रह्मपुत्र पर जाने वाला अबतक का सबसे लंबा जहाज बन गया है, यह 90 मीटर लंबा बेड़ा 26 मीटर चौड़ा और 2.1 मीटर गहरा है, इसके साथही इसने गुवाहाटी के पांडु बंदरगाह पर लंगर डालने केबाद कोलकाता में हल्दिया गोदी से भारी माल ढुलाई के महत्वाकांक्षी परीक्षण को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इसका महत्व इसलिए है, क्योंकि यह भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल मार्ग के रास्ते कोलकाता से गुवाहाटी तक माल लादने का कार्य शुरू करने केलिए मार्ग बताता है। केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने हल्दिया में श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह से दो जहाज डीबी कल्पना चावला और डीबी एपीजे अब्दुल कलाम को ऑनलाइन हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
जमशेदपुर में टाटा स्टील से 1,793 मीट्रिक टन स्टील रॉड से लदी इस खेप को 2.0 मीटर की गहराई की आवश्यकता थी, इस ऐतिहासिक खेप के डिजाइन और मशीनरी को तैयार करते समय कम-से-कम 2.0 मीटर की गहराई दी गई, इसके लिए खासतौर से आईबीपीआर के सिराजगंज-दाइकोवा खंड जैसे महत्वपूर्ण हिस्सों को ध्यान में रखा गया। भारत सरकार ने बांग्लादेश की सरकार केसाथ इस खंड के तलकर्षण को क्रमशः 80:20 अनुपात के साथ निर्बाध नेविगेशन केलिए वित्तपोषित किया है। भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के साथ-साथ बांग्लादेश अंतर्देशीय जल परिवहन प्राधिकरण ने मिलकर काम किया, ताकि यह ऐतिहासिक माल ढुलाई का कार्य सुचारू रूपसे चल सके। परिवहन के माध्यम से परिवर्तन लाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना को पुनर्जीवित करने और उसमें नई जान डालने केलिए सरकार ने तलकर्षण का कार्य कराया और नाली को जहाजों केलिए सुरक्षित एवं सुचारू बनाने का काम किया।
जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस खंड में विभिन्न क्षेत्रों में आईडब्ल्यूएआई के किए गए तलकर्षण कार्य की व्यक्तिगत रूपसे निगरानी की, ताकि एनडब्ल्यू1 और एनडब्ल्यू2 केबीच आवाजाही प्राथमिकता पर शुरू हो सके। दिल्ली से ऑनलाइन जुड़े सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना भारत के विकास इंजन को शक्ति प्रदान करने केलिए पूर्वोत्तर की अष्टलक्ष्मी क्षमता को सक्रिय करना है, 'परिवहन के माध्यम से परिवर्तन' की उनकी परिकल्पना के तहत हमने क्षेत्र में जल परिवहन को फिरसे जीवंत करने केलिए अथक प्रयास किया। सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि यह न केवल परिवहन का सबसे सस्ता और पर्यावरण की दृष्टि से सबसे अनुकूल तरीका है, यह पूर्वोत्तर के व्यापार को समुद्री नेटवर्क के रास्ते शेष दुनिया से जोड़ने की भी अनुमति देता है, चूंकि ब्रह्मपुत्र पर चलने वाले इस सबसे लंबे जहाज का परीक्षण पांडु में सफल रहा है, हमें यह स्वीकार करना चाहिए कि टीम ने कई हिस्सों में चुनौतीपूर्ण गहराई तैयार करने के दौरान काम में आने लायक एक मार्ग तैयार किया है।
सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि हम असम में जल परिवहन की व्यावसायिक व्यवहार्यता लाने और पूर्वोत्तर भारत के आर्थिक भविष्य के रूपमें ब्रह्मपुत्र की जीवन शक्ति को फिरसे जीवंत करने केलिए प्रतिबद्ध हैं। असम के आर्थिक इतिहास के इस महत्वपूर्ण क्षण पर आभार व्यक्त करते हुए सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि असम के लोगों केलिए ब्रह्मपुत्र जीवन रेखा है, प्रधानमंत्री ने इस बात को समझा, जिसके कारण उन्होंने पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र के विकास को एक ऐसे माध्यम से आकार देने की कल्पना की जो व्यापक, आर्थिक और पर्यावरण के अनुकूल हो। उन्होंने कहाकि हमें बांग्लादेश सरकार का भी तहेदिल से शुक्रिया अदा करना चाहिए, जिसके समर्थन के बिना यह संभव नहीं होता। उन्होंने कहाकि चुनौतियों को देखते हुए असम के मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्वा सरमा के समर्थन के बिना यह सफल नहीं होता और इसके लिए मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं। मैं पश्चिम बंगाल सरकार और बिहार सरकार को इस आरंभिक कार्य को पूरा करने केलिए प्रदान किए गए हर प्रकार के सहयोग केलिए धन्यवाद देना चाहता हूं।
सर्बानंद सोनोवाल ने इंजीनियरों, टेक्नोक्रेट और इसमें शामिल सभी लोगों के किए गए अग्रणी कार्य की भी सराहना की। उन्होंने कहाकि हम उत्कृष्ट और अंतर्देशीय जलमार्गों को असम और पूर्वोत्तर भारत के आर्थिक पुनरुत्थान केलिए जीवनरेखा बनाने की दिशा में अपना प्रयास जारी रखे हुए हैं। इससे पहले एमवी लालबहादुर शास्त्री ने पटना से पांडु तक भारतीय खाद्य निगम केलिए 200 मीट्रिक टन खाद्यान्न की एक खेप को गंगा, राष्ट्रीय जलमार्ग-1 और ब्रह्मपुत्र राष्ट्रीय जलमार्ग-2 केबीच माल की ढुलाई के परीक्षण को सफलतापूर्वक पूरा किया था। इसके अलावा नुमालीगढ़ रिफाइनरी केलिए एक ओवर डायमेंशनल कार्गो को भी पहले आईबीपीआर के माध्यम से एनडब्ल्यू2 पर ले जाया गया था।