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Monday 28 March 2022 12:22:11 PM
भुवनेश्वर। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने ओडिशा के तट पर इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज चांदीपुर में मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल एमआरएसएएम के भारतीय सेना संस्करण के दो उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक किए। उड़ान परीक्षण हाई स्पीड हवाई लक्ष्यों के विरूद्ध लाइव फायरिंग ट्रायल के हिस्से के रूपमें किए गए। मिसाइलों ने हवाई लक्ष्यों को इंटरसेप्ट किया और दोनों रेंजों पर सीधे हिट दर्ज करते हुए उन्हें पूरी तरह से नष्ट कर दिया। पहला लांच एक मध्यम ऊंचाई लंबी दूरी के लक्ष्य को इंटरसेप्ट करना था और दूसरा लांच कम ऊंचाई वाली छोटी दूरी के लक्ष्य की क्षमता सिद्ध करने केलिए था।
एमआरएसएएम संस्करण भारतीय सेना के उपयोग केलिए डीआरडीओ और इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज इज़राइल की संयुक्त रूपसे विकसित सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है। एमआरएसएएम आर्मी वेपन सिस्टम में मल्टी-फंक्शन रडार, मोबाइल लॉंचर सिस्टम और अन्य वाहन शामिल हैं। उड़ान परीक्षण डिलीवरेबल आकृति में हथियार प्रणाली केसाथ किए गए थे। हथियार प्रणाली का निष्पादन आईटीआर चांदीपुर में तैनात रडार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम और टेलीमेट्री जैसे रेंज उपकरणों से कैप्चर किए गए उड़ान डेटा के माध्यम से सत्यापित किया गया था। उड़ान परीक्षण डीआरडीओ और भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में किया गया।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर एमआरएसएएम के सेना संस्करण के उड़ान परीक्षणों की सफलता पर डीआरडीओ, भारतीय सेना और उद्योग जगत को बधाई दी है। उन्होंने कहाकि दोनों सफल परीक्षण महत्वपूर्ण दूरी पर लक्ष्य को भेदने में हथियार प्रणाली की क्षमता को स्थापित करते हैं। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने एमआरएसएएम के सेना संस्करण के सफल उड़ान परीक्षण में शामिल टीमों की सराहना की और कहाकि ये परीक्षण 'आत्मनिर्भर भारत' केलिए प्रमुख उपलब्धियां हैं।