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Thursday 31 March 2022 03:15:33 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने फिल्म मीडिया इकाइयों का विलय करते हुए अपने तीन अलग-अलग आदेशों के जरिए वृत्तचित्रों और लघु फिल्मों के निर्माण, फिल्म समारोहों के आयोजन और फिल्मों के संरक्षण का कार्य-अधिदेश मंत्रालय के तहत काम कर रहे सार्वजनिक उपक्रम राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम को हस्तांतरित कर दिया है। इन सभी गतिविधियों को एक प्रबंधन केतहत लानेसे कई इकाईयों द्वारा एक ही कार्य किए जाने की संभावना कम होगी और इस प्रकार सार्वजनिक संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित होगा। एनएफडीसी पहले से ही फीचर फिल्मों का निर्माण कार्य कर रहा है। इससे फीचर फिल्मों, वृत्तचित्रों, बच्चों की फिल्मों और एनीमेशन फिल्मों सहित सभी शैलियों की फिल्मों के निर्माण, विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय समारोहों में भाग लेने और विभिन्न घरेलू समारोहों के आयोजनों से फिल्मों के प्रचार, फिल्म कंटेंट के संरक्षण एवं फिल्मों के डिजिटलीकरण और पुनरुद्धार, वितरण एवं आउटरीच गतिविधियों को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। इन इकाइयों केपास उपलब्ध परिसंपत्तियों का स्वामित्व हालांकि भारत सरकार के पास ही रहेगा।
फिल्म प्रभाग का वृत्तचित्रों के निर्माण का कार्य पूरी तरहसे एनएफडीसी को हस्तांतरित कर दिया गया है। फिल्म डिवीजन की विरासत एवं ब्रांड नाम को आगे बढ़ाया जाएगा और एनएफडीसी में वृत्तचित्रों के निर्माण केलिए प्रोडक्शन इकाई को फिल्म डिवीजन नाम दिया जाएगा। इसी तरह फिल्म महोत्सव का आयोजन जो फिल्म महोत्सव निदेशालय का अधिकार था, उसे एनएफडीसी को स्थानांतरित कर दिया गया है, इससे विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का आयोजन एक संगठन केतहत आ जाएगा, जिससे आयोजन में और अधिक तालमेल दिखेगा और अंतर्राष्ट्रीय पहुंच बनाने पर ध्यान केंद्रित होगा। एनएफडीसी द्वारा आयोजित होनेवाले कुछ प्रमुख आगामी फिल्म महोत्सव में मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव, गोवा में भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव और बाल फिल्म महोत्सव शामिल हैं। गौरतलब हैकि सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने इसी महीने की शुरुआत में चेन्नई और मुंबई में फिल्म उद्योग केसाथ संवाद के दौरान इन प्रमुख नीतिगत फैसलों को साझा किया था।
भारत के राष्ट्रीय फिल्म अभिलेखागार की संरक्षण संबंधी गतिविधियों को भी एनएफडीसी को हस्तांतरित कर दिया गया है। फिल्मों एवं वृत्तचित्रों के डिजिटलीकरण एवं नवीनीकरण के उद्देश्य वाले राष्ट्रीय फिल्म विरासत मिशन को अब एनएफडीसी पूरा करेगा। ऑडियो-विजुअल सेवा उन 12 सर्वोत्तम सेवा क्षेत्रों मेंसे एक है, जिसे वाणिज्य विभाग ने चिन्हित किया था और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय इस क्षेत्र केलिए नोडल मंत्रालय है। अर्थव्यवस्था के ऑडियो-विजुअल सेवाक्षेत्र को और प्रोत्साहित करने और रचनात्मक एवं तकनीकी सेवाओं को बढ़ावा देने केलिए बाहरी देशों केसाथ ऑडियो-विजुअल सहनिर्माण और भारत में विदेशी फिल्मों की शूटिंग को बढ़ावा देने केलिए वित्तीय प्रोत्साहन को भी सरकार ने अनुमोदित कर दिया है। इसकी भी अगुवाई एनएफडीसी अपने फिल्म सुविधा कार्यालय के माध्यम से करेगा। भारत सरकार ने इन सभी गतिविधियों केलिए 2026 तककी अवधि केलिए 1304.52 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। इन गतिविधियों को एनएफडीसी के माध्यम से लागू किया जाएगा।
एनएफडीसी को और अधिक मजबूत बनाने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया हैकि इन गतिविधियों से प्राप्त होनेवाले राजस्व को भी एनएफडीसी को दिया जाएगा। इस निगम के अंतर्गत आनेवाली फिल्म मीडिया इकाइयों का विलय भारतीय सिनेमा की सभी विधाओं-फीचर फिल्मों, वृत्तचित्रों, बच्चों केलिए कंटेंट, एनीमेशन और लघु फिल्मों का संतुलित एवं समंवित विकास सुनिश्चित करेगा और मौजूदा बुनियादी ढांचे एवं श्रमशक्ति के बेहतर एवं कुशल उपयोग को बढ़ावा देगा। दिसंबर 2020 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एनएफडीसी के मेमोरेंडम ऑफ आर्टिकल्स ऑफ एसोसिएशन का विस्तार करके अपनी चार फिल्म मीडिया इकाइयों यथा फिल्म प्रभाग, फिल्म महोत्सव निदेशालय, भारतीय राष्ट्रीय फिल्म अभिलेखागार और बाल फिल्म सोसायटी, भारत का विलय राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम लिमिटेड में करने का निर्णय लिया था। राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम लिमिटेड ही इन सभी इकाइयों के अब तक किए जा रहे समस्त कार्यकलापों को पूरा करेगा। इसका मुख्य उद्देश्य इन सभी इकाइयों के विभिन्न कार्यकलापों में उचित तालमेल बैठाना एवं इनके बीच सामंजस्य स्थापित करना और संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करना है।