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सागरमाला परियोजना के सात साल पूरे!

बंदरगाह पर व्यापार सुगमता में महत्वपूर्ण भूमिका-संजय

पोत परिवहन मंत्रालय का प्रमुख कार्यक्रम है 'सागरमाला'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 9 April 2022 03:25:29 PM

sagarmala project completes seven years

मुंबई। जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी ने सागरमाला परियोजना के सात साल पूरे होने पर जेएनपीए के अध्यक्ष संजय सेठी की अध्यक्षता में मुंबई में एक मीडिया ब्रीफिंग आयोजित की। गौरतलब हैकि सागरमाला 2015 में भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया पोत परिवहन मंत्रालय का एक प्रमुख कार्यक्रम है। इस अवसर पर जेएनपीए के अध्यक्ष ने कहाकि जेएनपीए बंदरगाह आधारित औद्योगीकरण को बढ़ावा देने केलिए सरकार की सागरमाला पहल में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने कहाकि जेएनपीए केपास सागरमाला केतहत कई परियोजनाएं हैं, जो चतुष्कोणीय दृष्टिकोण पर आधारित हैं जैसे-विकास को नई दिशा देना, भारत में लॉजिस्टिक्स खर्च को कम करना, बंदरगाहों के माध्यम से समग्र आर्थिक विकास को बढ़ावा और तटीय समुदायों को सशक्त करना।
जेएनपीए के अध्यक्ष ने बतायाकि महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रमें अपार संभावनाओं के कारण राज्यमें 1.05 लाख करोड़ रुपये की लागत से 131 परियोजनाओं को लागू करने का प्रस्ताव है। उन्होंने कहाकि 131 परियोजनाओं में से 29 परियोजनाओं को जेएनपीए ने अपने हाथों में लिया है, बाकी परियोजनाएं क्रियांवयन की प्रक्रिया में हैं। संजय सेठी ने कहाकि जेएनपीए की परियोजनाएं बंदरगाह पर व्यापार सुगमता बढ़ाएंगी और भारतीय आयात-निर्यात को नई ऊंचाई पर ले जाएंगी। उन्होंने कहाकि जेएनपीए की परियोजनाओं में चौथा कंटेनर टर्मिनल, जेएनपीए एसईजेड, वर्धा और जालना ड्राई पोर्ट, अतिरिक्त तरल कार्गो जेट्टी शामिल हैं। उन्होंने कहाकि जेएनपीए ने सागरमाला कार्यक्रम के पांच स्तंभों केतहत विभिन्न परियोजनाएं शुरू की हैं इनमें-बंदरगाह आधुनिकीकरण और नया बंदरगाह विकास, बंदरगाह कनेक्टिविटी को बढ़ाना, बंदरगाह आधारित औद्योगीकरण, तटीय सामुदायिक विकास और तटीय परिवहन प्रमुख हैं।
संजय सेठी ने कहाकि देश की अर्थव्यवस्था में समुद्री अवसंरचना एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने कहाकि मेरीटाइम इंडिया विजन-2030 केतहत सागरमाला पहल व्यापार में सहायता केलिए क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में सुधार करके बुनियादी ढांचे और निवेश को बढ़ावा देगी। उन्होंने कहाकि सागरमाला पहल ने भारतीय बंदरगाहों को अधिक कुशल बनाकर और कंटेनरों के टर्नअराउंड समय को कम करके बड़े पैमाने पर इसे संभालने में सक्षम बनाया है। संजय सेठी ने बतायाकि बंदरगाह आधुनिकीकरण, रेल, सड़क, क्रूज पर्यटन, आरओआरओ, रोपैक्स, मत्स्य पालन, तटीय अवसंरचना और कौशल विकास जैसी विभिन्न श्रेणियों में कई परियोजनाएं शुरू की गई हैं। ब्रीफिंग के दौरान जेएनपीए की कई परियोजनाओं पर वीडियो और प्रजेंटेशन प्रस्तुत किए गए।
नवी मुंबई में जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी भारत के प्रमुख कंटेनर हैंडलिंग बंदरगाहों में से एक है, यह पोर्ट 26 मई 1989 को शुरू हुआ। अपने संचालन के तीन दशक सेभी कम समय में जेएनपीए बल्क-कार्गो टर्मिनल से देश का एक प्रमुख कंटेनर पोर्ट बन गया है। वर्तमान में जेएनपीए पांच कंटेनर टर्मिनल संचालित करता है-जवाहरलाल नेहरू पोर्ट कंटेनर टर्मिनल, न्हावा शेवा इंटरनेशनल कंटेनर टर्मिनल, गेटवे टर्मिनल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और हालही में शुरू किया गया भारत मुंबई कंटेनर टर्मिनल प्राइवेट लिमिटेड। पोर्ट में सामान्य कार्गो केलिए एक शैडो वाटर बर्थ और एक अन्य लिक्विड कार्गो टर्मिनल भी है, जिसका प्रबंधन बीपीसीएल-आईओसीएल कंसोर्टियम और नवनिर्मित तटीय बर्थ द्वारा किया जाता है।

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