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Monday 11 April 2022 02:05:23 PM
मुंबई। योग संस्थान मुंबई की निदेशक माँ डॉ हंसाजी योगेंद्र को इंडियन योग एसोसिएशन का नया अध्यक्ष चुना गया है। इस 19 फरवरी को इंडियन योग एसोसिएशन की 7वीं आमसभा की बैठक में यह फैसला लिया गया। इंडियन योग एसोसिएशन योग संगठनों का एक स्वनियामक निकाय है, जिसकी स्थापना 31 अक्टूबर 2008 को की गई थी। इंडियन योग एसोसिएशन 42 सदस्य संस्थानों, 123 सहयोगी केंद्रों और 9 अंतर्राष्ट्रीय सहयोगियों का एक बड़ा और एकजुट समूह है। इसका उद्देश्य योग और इससे संबंधित अभ्यास को बढ़ावा देना और उन्हें आगे बढ़ाना है, साथही एसोसिएशन योग के प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों और कार्यक्रमों के लिए पाठ्यक्रम का निर्धारण भी करता है और विभिन्न स्तरोंपर योग और इसके अनुप्रयोगों में अनुसंधान करने के दिशानिर्देश भी निर्धारित करता है।
डॉ हंसाजी योगेंद्र ने इंडियन योग एसोसिएशन का अध्यक्ष चुने जानेपर इंडियन योग एसोसिएशन के अध्यक्ष पद उसकी जिम्मेदारियों और उसपर निर्वाचित होनेके महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहाकि योग जीवन का आधार है और मैंने न केवल अपने जीवन में बल्कि उन लाखों लोगों के जीवन में भी इसकी स्वस्थ्य परिवर्तनकारी शक्ति देखी है, जिनसे मैं योग संस्थान या योग से संबंधित दूसरे वैश्विक कार्यक्रमों में मिलती-जाती रही हूं। उन्होंने कहाकि मेरा पक्का यकीन हैकि तेजी से भागती दुनिया को दैनिक तनाव और शारीरिक बीमारियों से दूर रखने केलिए योग के लाभों की आवश्यकता है। उनका कहना हैकि दरअसल योग जीवनशैली का एक ऐसा समग्र दृष्टिकोण है, जो हम सभी को आधुनिक दौर की कई समस्याओं जैसे-मोटापा, अनिद्रा, मानसिक तनाव और ऐसी दूसरी मुश्किलों को दूर करने में मदद कर सकता है। वे कहती हैंकि दुनियाभर में हरघर में योग के फायदों का प्रसार करने के मामले में इस पद को संभालना एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है, हमेशा की तरह मैं इस मिशन पर लगन से अपना प्रयास जारी रखूंगी।
डॉ हंसाजी योगेंद्र ने कहाकि आज मेरा लक्ष्य भारत को योग के मामले में कमान संभालते देखना है, चूंकि योग का जन्म भारत में हुआ है, इसलिए इन नियमों और विनियमों को यहां स्थापित किया जाना चाहिए। डॉ हंसाजी का जीवन योग का एक जीवंत प्रतीक माना जाता है, अबतक उन्होंने योग, स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य पर 50,000 से अधिक बड़े सत्र आयोजित किए हैं और अपने गहन ज्ञान से लाखों लोगों को व्यक्तिगत रूपसे परामर्श दिया है। उन्होंने पिछले पांच दशक में योग शिक्षा, अनुसंधान, अनुभवात्मक अधिगम, योग प्रथाओं और प्रबंधन के मानकीकरण जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। एक प्रथम महिला योग शिक्षिका के रूपमें प्रतिष्ठित डॉ हंसाजी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ प्रथम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर नई दिल्ली में योगमंच साझा कर चुकी हैं। डॉ हंसाजी ने ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, हांगकांग, संयुक्त राज्य अमरीका आदि देशों की योग पर कई सेमिनार और व्याख्यान यात्राएं की हैं। डॉ हंसाजी योगेंद्र को योग के क्षेत्र में असाधारण योगदान और उत्कृष्टता के लिए लंदन में ब्रिटिश संसद में भारत गौरव पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
योग संस्थान की स्थापना 1918 में प्रसिद्ध योग गुरु योगेंद्र ने की थी, जिन्हें आधुनिक योग पुनर्जागरण के जनक के रूपमें भी जाना जाता है। योग संस्थान ने 25 दिसंबर 2018 को अपनी शताब्दी का जश्न मनाया। संस्थान के शताब्दी समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू भी भाग ले चुके हैं। यह एक गैर-लाभकारी संगठन है और दुनिया में योग का सबसे पुराना संगठित समूह है। संस्थान के पास योग के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य करने की एक लंबी विरासत है, जिसमें गृहस्थ योग आंदोलन के साथ-साथ कई सामाजिक पहल जैसे-अन्नम ब्रह्मा (वंचितों के लिए मुफ्त भोजन), मुफ्त चिकित्सा स्वास्थ्य शिविर, रक्तदान अभियान, सैन्य और पुलिस समग्र स्वास्थ्य कार्यक्रम, नगरपालिका और पश्चिमी रेलवे कर्मचारी कल्याण कार्यक्रम शामिल हैं। वर्ष 2016 में डॉ हंसाजी के मार्गदर्शन में योग इंस्टीट्यूट भारत सरकार के आयुष मंत्रालय की एक योजना के तहत क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा प्रमाणित भारत का पहला योग शिक्षक प्रशिक्षण स्कूल बना है।