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'लोकतंत्र रिसावमुक्त व भ्रष्टाचारमुक्त हो'

'भारत केबारे में सदियों पुराने आख्यानों को प्रौद्योगिकी ने बदला'

द एडवोकेट्स एसोसिएशन बेंगलुरु के कार्यक्रम में बोले राज्यमंत्री

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 12 April 2022 04:39:24 PM

government of india willing to support all forms of  technological advancements in the legal field

बेंगलुरु। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी, कौशल विकास और उद्यमिता राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा हैकि हम बड़ी क्षमता वाले देश हैं, लेकिन खेद हैकि हमारी क्षमता की तुलना में हमने हमेशा कम प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहाकि ऐसा अक्सर सामान्य तौरपर कहा जाता रहा है, लेकिन यदि हम वर्ष 2020-21 में समग्ररूपसे तेज़ बदलाव को देखें तो यह देखा जा सकता हैकि भारत केबारे में सदियों पुराने निराश आख्यानों को प्रौद्योगिकी ने बदल दिया है। राजीव चंद्रशेखर ने द एडवोकेट्स एसोसिएशन बेंगलुरु के एक कार्यक्रम में ‘उच्च न्यायालय बेंगलुरु में कानूनी पेशेवरों केलिए न्याय के वितरण में नवीनतम तकनीक’ विषय पर मुख्य भाषण देते हुए कहाकि पिछले छह वर्ष में नरेंद्र मोदी सरकार ने विशुद्ध रूपसे प्रौद्योगिकी के आधार पर एक ढांचा तैयार किया है, जिससे लाभार्थी के नामपर जारी किया गया हर पैसा बिना किसी देरी या बिना किसी बाधा के सीधे उसके खाते में पहुंचता है।
सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री ने कहाकि प्रौद्योगिकी ने साबित कर दिया हैकि लोकतंत्र रिसावमुक्त और भ्रष्टाचारमुक्त हो सकता है, भारत कानून के नियम से शासित होने के कारण जैसाकि दुनिया के सबसे लंबे लिखित संविधान में व्यापक रूपसे परिभाषित किया गया है में न्याय की व्यवस्था एक लंबी प्रक्रिया है और मुझे लगता हैकि इसी वजह से 'न्याय में देरी न्याय से वंचित' वाक्यांश गढ़ा गया है। उन्होंने कहाकि लोकतंत्र का मतलब ऐसी छिद्रयुक्त सरकार है, जिसमें कई दरारें हैं। उन्होंने उल्लेख कियाकि कैसे अप्रत्यक्ष करों के इतिहास में सबसे बड़े सुधार जीएसटी के परिणामस्वरूप एक और सदियों पुरानी कथा टूट गई हैकि भारत में करों से राजस्व गैर-कानूनी अर्थव्यवस्था केकारण नहीं बढ़ सकता है। उन्होंने कहाकि हाल के आंकड़े बताते हैंकि 2020-21 में एकत्र हुए (22 लाख करोड़) जीएसटी की तुलना में 2021-22 में जीएसटी संग्रह (27 लाख करोड़) में 34% की बढ़ोतरी हुई है।
राजीव चंद्रशेखर ने कहाकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग सहित नवीनतम उभरती प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाया जाना चाहिए, ताकि अदालती मामलों के निपटान के काममें तेजी लाई जा सके और लंबित पड़े अदालती मामलों की संख्या को कम किया जा सके। राजीव चंद्रशेखर ने कोविड महामारी से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने और कोविड प्रेरित लॉकडाउन के दौरान कर्नाटक उच्च न्यायालय के प्रयासों को मानते हुए संकटों केबीच न्याय सुनिश्चित करने केलिए वर्चुअल सुनवाई में तेजी लानेके उद्देश्य से समय पर प्रौद्योगिकी को अपनाने और उसका उपयोग करने की सराहना की। इस अवसर पर न्यायमूर्ति आलोक अराधे ने बतायाकि महामारी केदौरान बदली स्थितिके अनुसार न्यायपालिका कैसे बदली। उन्होंने कहाकि न्यायपालिका ने प्रौद्योगिकी को अपनाया है और न्याय देने की प्रक्रिया में इसका व्यापक रूपसे उपयोग किया है।
कर्नाटक सरकार में लघु सिंचाई, कानून, संसदीय कार्य और विधानमंत्री जेसी मधुस्वामी ने कहाकि हमें स्थिति के अनुसार बदलना होगा, हमें नवीनतम तकनीकों पर उपलब्ध ज्ञान का उपयोग करना होगा और पुस्तकालयों को विशेष रूपसे न्यायपालिका में, डिजिटल बनाना होगा। उन्होंने कहाकि प्रौद्योगिकी के विकास और कानून केसाथ इसके उपयोग के बारे में नवीनतम जानकारी आसानी से उपलब्ध कराई जानी चाहिए। उन्होंने कहाकि मामलों का शीघ्र निपटान सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। द एडवोकेट्स एसोसिएशन बेंगलुरु के अध्यक्ष विवेक सुब्बारेड्डी ने तकनीकी सुविधा की कमी के कारण अधिवक्ताओं के सामने आने वाली कठिनाइयों के बारे में बताया और जहांभी संभव हो सभी अदालतों में अधिवक्ताओं केलिए सह-कार्यस्थल केलिए अनुरोध किया। कार्यक्रम में एसोसिएशन के महासचिव टीजी रवि ने स्वागत भाषण दिया।

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