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Tuesday 19 April 2022 05:23:59 PM
बनासकांठा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दियोदर में समारोहपूर्वक एक नया डेयरी कॉम्प्लेक्स और आलू प्रसंस्करण संयंत्र किसानों को समर्पित किया, जिसे 600 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से तैयार किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहाकि यह डेयरी कॉम्प्लेक्स एक ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट है, जो प्रतिदिन लगभग 30 लाख लीटर दूध के प्रसंस्करण लगभग 80 टन मक्खन, एक लाख लीटर आइसक्रीम, 20 टन संघनित दूध (खोया) और 6 टन चॉकलेट का उत्पादन करने में सक्षम होगा। उन्होंने कहाकि आलू प्रसंस्करण संयंत्र विभिन्न प्रकार के प्रसंस्कृत आलू उत्पादों जैसे-फ्रेंच फ्राइज, आलू चिप्स, आलू टिक्की, पैटी आदि का उत्पादन करेगा, जिनमें से कई उत्पाद दूसरे देशोंमें निर्यात किए जाएंगे। उन्होंने कहाकि ये संयंत्र स्थानीय किसानों को सशक्त बनाएंगे और क्षेत्र में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देंगे। प्रधानमंत्री ने बनास सामुदायिक रेडियो स्टेशन भी किसानों को समर्पित किया और कहाकि यह रेडियो स्टेशन किसानों को कृषि और पशुपालन से संबंधित प्रमुख वैज्ञानिक जानकारी प्रदान करने केलिए स्थापित किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उम्मीद जताईकि यह रेडियो स्टेशन लगभग 1700 गांव के 5 लाख से अधिक किसानों से जुड़ेगा। प्रधानमंत्री ने पालनपुर में बनास डेयरी संयंत्र में पनीर उत्पादों और मट्ठा पाउडर के उत्पादन केलिए विस्तारित सुविधाओं, दामा में जैविक खाद और बायोगैस संयंत्र, खिमना, रतनपुरा-भीलडी, राधनपुर और थावर में स्थापित होनेवाले 100 टन क्षमता के चार गोबर गैस संयंत्रों की आधारशिला भी रखी। प्रधानमंत्री ने कहाकि पिछले कई वर्ष में बनास डेयरी स्थानीय समुदायों विशेष रूपसे किसानों और महिलाओं को सशक्त बनाने का केंद्र बन गया है, मुझे डेयरी के अभिनव उत्साह पर विशेष रूपसे गर्व है, जो उनके विभिन्न उत्पादों में देखा जाता है, शहद पर उनका निरंतर ध्यान रखना भी प्रशंसनीय है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि मैं बनासकांठा के लोगों की कड़ी मेहनत दृढ़ता की भावना की सराहना करता हूं और जिस तरहसे इस जिले ने कृषि क्षेत्रमें अपनी पहचान बनाई है, वह काबिले तारीफ है। उन्होंने कहाकि किसानों ने नई तकनीकें अपनाईं, जल संरक्षण पर ध्यान केंद्रित किया, जिसके परिणाम सभीके सामने हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बनास की महिलाओं के अदम्य उत्साह केप्रति सम्मान व्यक्त किया। उन्होंने कहाकि यहां प्रत्यक्ष रूपसे महसूस किया जा सकता हैकि भारत में गांव की अर्थव्यवस्था, माताओं-बहनों के सशक्तिकरण को कैसे बल दिया जा सकता है, सहकारिता कैसे आत्मनिर्भर भारत अभियान को ताकत दे सकती है। वाराणसी से सांसद प्रधानमंत्री ने बनास डेयरी और बनासकांठा के लोगों को वाराणसी में भी एक परिसर की स्थापना केलिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहाकि बनास डेयरी संकुल, पनीर और मट्ठा प्लांट ये सभी तो डेयरी सेक्टर के विस्तार में अहम हैंही, बनास डेयरी ने येभी सिद्ध किया हैकि स्थानीय किसानों की आय बढ़ाने केलिए दूसरे संसाधनों का भी उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहाकि आलू, शहद और अन्य संबंधित उत्पाद किसानों की किस्मत बदल रहे हैं। उन्होंने कहाकि यह वोकल फॉर लोकल अभियान पर जोर देने के साथ-साथ खाद्य तेल और मूंगफली के रूपमें भी डेयरी का विस्तार कर रहा है। उन्होंने गोवर्धन में डेयरी की परियोजनाओं की प्रशंसा की और पूरे देशमें ऐसे संयंत्र स्थापित करके कचरे से कंचन पैदा करने के सरकार के प्रयासों में मदद करने केलिए डेयरी परियोजनाओं की सराहना की।
गुजरात की प्रगति पर गर्व व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कल विद्या समीक्षा केंद्र के अपने दौरे के अनुभव साझा किए। उन्होंने कहाकि यह आज यह केंद्र गुजरात के 54000 स्कूलों, 4.5 लाख शिक्षकों और 1.5 करोड़ छात्रों की ताकत का एक जीवंत केंद्र बन गया है, यह केंद्र एआई मशीन लर्निंग और बिग डेटा एनालिटिक्स से लैस है, इस पहल से स्कूलों में उपस्थिति में 26 प्रतिशत का सुधार हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहाकि ऐसी परियोजनाओं से देशके शिक्षा परिदृश्य में दूरगामी परिवर्तन हो सकते हैं। उन्होंने शिक्षा से संबंधित हितधारकों, अधिकारियों और अन्य राज्यों को इस प्रकार के संयंत्र का अध्ययन करने और उसे अपनाने केलिए कहा। प्रधानमंत्री ने कहाकि बनास डेयरी ने देश में एक नई आर्थिक ताकत का निर्माण किया है। प्रधानमंत्री ने कहाकि बनास डेयरी आंदोलन उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, ओडिशा सोमनाथ से जगन्नाथ, आंध्रप्रदेश और झारखंड जैसे राज्यों में किसानों और पशुपालक समुदायों की मदद कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि 8.5 लाख करोड़ रुपये के दुग्ध उत्पादन केसाथ डेयरी पारंपरिक खाद्यान्नों की तुलना में किसानों की आय के एक बड़े माध्यम के रूपमें उभर रही है, खासकर जहां भूमि जोत छोटी है और स्थितियां कठिन हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि अब लाभ लाभार्थियों तक पहुंच रहा है, जबकि एक पूर्व प्रधानमंत्री ने बताया थाकि एक रुपये में केवल 15 पैसे ही लाभार्थी तक पहुंचते हैं। प्राकृतिक खेती पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने बनासकांठा के जल संरक्षण और ड्रिप सिंचाई को याद किया। उन्होंने कहाकि पानी को प्रसाद और सोना मानकर वे आजादी के अमृत महोत्सव के वर्ष 2023 में स्वतंत्रता दिवस तक 75 भव्य सरोवरों का निर्माण करें।