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Thursday 21 April 2022 01:22:28 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन विभाग में राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा हैकि नागरिक-केंद्रीयता भारत/ 2047 शासन मॉडल का निर्धारण करेगी। विज्ञान भवन दिल्ली में 15वें सिविल सेवा दिवस समारोह का उद्घाटन करते हुए डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि नए शासन मॉडल में सिविल सेवकों केलिए नागरिक अनुकूल दृष्टिकोण ही एकमात्र व्यवहार्य विकल्प होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हवाला देते हुए उन्होंने कहाकि सिविल सेवा दिवस का सही अर्थ आम आदमी केप्रति समर्पण है और प्रत्येक सिविल सेवक को आम आदमी के जीवनमें महत्वपूर्ण सुधार लाने केलिए दृढ़ संकल्पित होना चाहिए। सिविल सेवा दिवस-2022 केलिए विषय ‘विजन इंडिया@2047-नागरिक और सरकार को करीब लाना’ का उल्लेख करते हुए डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि इन कुछ वर्षों में आम आदमी की उम्मीदें बढ़ी हैं और सिविल सेवकों को सेवाओं की आपूर्ति पर स्पष्ट ध्यान देते हुए भविष्य की भूमिका केबारे में गंभीर आत्मनिरीक्षण करना होगा।
राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि हमें आगे 25 साल की सक्रिय सेवा करनेवाले अधिकारियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और जब देश स्वतंत्रता के 100वें वर्ष का जश्न मना रहा होगा, अधिकारियों को भारत को 2047 तक एक अग्रणी राष्ट्र बनाने केलिए उसकी क्षमता निर्माण में मदद करनी चाहिए। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि आज कोई 2022 के प्रिज्म के माध्यम से भारत@2047 की कल्पना नहीं कर सकता है। उन्होंने कहाकि भविष्य के शासन मॉडल एक सिविल सेवक की भूमिका को फिरसे परिभाषित कर सकते हैं और शासन अधिक से अधिक नागरिक डोमेन पर पास हो सकता है, इस प्रकार वास्तव में ‘न्यूनतम सरकार’ की भावना को मूर्तरूप दिया जा रहा है। उन्होंने कहाकि 2047 केलिए प्रासंगिक सूचकांकों की प्रकृति की पूरी तरहसे कल्पना की जानी चाहिए। राज्यमंत्री ने कहाकि आनेवाले वर्ष में प्रौद्योगिकी, नए सूचकांकों और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का एक जटिल इंटरवॉवन इंटरफ़ेस बड़े पैमाने पर अपनी जगह ले सकता है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि सिविल सेवा दिवस सिविल सेवकों के सही काम करने और नवीन दृष्टिकोणों का उपयोग करके महत्वपूर्ण क्षेत्रों में परिणाम देने के अनकहे उदाहरणों का जश्न मनाने का अवसर है, यह भारतीय प्रशासन में मौलिक परिवर्तनों को चिन्हित करने, राष्ट्र की सेवा में उत्कृष्टता की खोज केलिए खुद को फिरसे समर्पित करने का भी अवसर है। डॉ जितेंद्र सिंह ने मेटकाफ हाउस नई दिल्ली में भारतीय प्रशासनिक सेवा के पहले बैच को सरदार वल्लभभाई पटेल के संबोधन का उल्लेख करते हुए कहाकि आपके पूर्ववर्तियों का पालन-पोषण उन परंपराओं में हुआ था, जिनसे उन्होंने खुदको आम लोगों के जीवन से अलग रखा था और भारत के आम आदमी को अपना मानना आपका परम कर्तव्य होगा। मिशन कर्मयोगी के रूल-टू-रोल के मुख्य मंत्र पर डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि सिविल सेवकों को एक नए और चुनौतीपूर्ण कार्य केलिए खुदको प्रशिक्षित करना चाहिए, क्योंकि सरकार की अधिकांश प्रमुख योजनाएं अब विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर आधारित हैं।
डॉ जितेंद्र सिंह ने पहचान किए गए प्राथमिकता कार्यक्रमों और नवाचारों पर 2019-20 और 2021 की पुरस्कृत पहलों पर प्रदर्शनी का उद्घाटन किया और ‘विजन इंडिया@2047-शासन’ विषय पर एक पूर्णसत्र की अध्यक्षता की। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने कहाकि सिविल सेवा दिवस उत्सव का दिन होनेके साथ-साथ चिंतन और आत्मनिरीक्षण का दिन भी है। उन्होंने कहाकि आकांक्षी जिलों का परिवर्तनकारी दृष्टिकोण यह साबित करता हैकि नियमित संकेतक आधारित निगरानी क्या हासिल कर सकती है और समग्र दृष्टिकोण यह सुनिश्चित करेगाकि कल्याणकारी योजनाओं का लाभ कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। डीएआरपीजी के सचिव वी श्रीनिवास ने कहाकि लोक प्रशासन में उत्कृष्टता केलिए प्रधानमंत्री पुरस्कार की स्थापना केंद्र और राज्य सरकारों के जिलों और संगठनों के आम नागरिकों के कल्याण केलिए किएगए असाधारण और अभिनव कार्यों को मान्यता देने केलिए की गई है।
सिविल सेवा दिवस पर प्रदान किए जानेवाले पुरस्कारों केलिए 6 प्राथमिकता कार्यक्रमों की पहचान की गई है-जनभागीदारी या पोषण अभियान में लोगों की भागीदारी को बढ़ावा देना, खेलो इंडिया योजना के माध्यम से खेल और स्वास्थ्य में उत्कृष्टता को बढ़ावा देना, डिजिटल भुगतान और पीएम स्वनिधि में सुशासन योजना, एक जिला एक उत्पाद योजना के जरिए समग्र विकास, मानव हस्तक्षेप, जिला, नवाचारों, केंद्र, राज्य और जिलों के बिना सेवाओं की निर्बाध एंड-टू-एंड आपूर्ति। पांच चिन्हित प्राथमिकता कार्यक्रमों केलिए 10 पुरस्कार दिए जाएंगे, जबकि 6 पुरस्कार केंद्र एवं राज्य सरकार, जिले के संगठनों को नवाचारों केलिए दिए जाएंगे। कार्यक्रम में पूर्व कैबिनेट सचिव, पूर्व सचिव, सचिव, अतिरिक्त सचिव, संयुक्त सचिव, मुख्य सचिव, प्रधान सचिव और केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थानों के प्रमुख, रेजीडेंट आयुक्त शामिल हुए। पीसीसीएसएफ/ डीजीएसपी/ अतिरिक्त डीजीएसपी/ जिला कलेक्टर, शैक्षणिक संस्थान, राज्य एटीआई/ सहायक सचिव और 2013-17 बैच के आईएएस अधिकारी, जिन्होंने सहायक सचिव के रूपमें कार्य किया है, वेभी कार्यक्रम में शामिल हुए।