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Tuesday 26 April 2022 03:08:40 PM
मुंबई। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की पहल के तहत इसबार हुनर हाट में सर्कस कलाकारी भी देखें। आखिरी बार आपने और बच्चों ने सर्कस कब देखने गए थे? आप मुंबई के हुनर हाट में जाकर दोपहर के 1, 3 और शाम 5 बजे के शो देख सकते हैं। कलाकारों की चर्चा होतेही हमारे दिमाग में गायक, नर्तक-नर्तकी, थिएटर कलाकार, स्टैंड-अप कॉमेडियन छा जाते हैं, लेकिन हममें से कितने लोग कभी सर्कस के कलाकार के बारेमें सोचते हैं? विशेष रूपसे भारत में इसका कारण यह हैकि एक कला के रूपमें सर्कस काफी दूर चला गया है या हममें से बहुत लोगों के जीवन से खो गया है। हर कोई जानता हैकि कोविड-19 महामारी ने दुनियाभर की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है, इसने दुनियाभर के अनेक कलाकारों का भी जीवन प्रभावित किया है। सर्कस की लोकप्रियता खोने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय इस भुला दी गई कला को वापस लाकर लोगों को इसका भरपूर आनंद दिला रहा है।
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की पहल हुनर हाट का आयोजन मुंबई के एमएमआरडीए ग्राउंड बीकेसी में 16 से 27 अप्रैल 2022 तक किया जा रहा है, जहां लगभग 35 सर्कस कलाकार प्रतिदिन अपनी कला प्रदर्शन कर रहे हैं। कलाकारों ने इस तरह के मंच केलिए सरकार और मंत्रालय केप्रति आभार व्यक्त किया और कहाकि अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के इस कदम ने उन्हें प्रेरित किया है, उनके आत्मविश्वास को बढ़ाया है। प्रेस सूचना कार्यालय मुंबई को हुनर हाट में प्रदर्शन करनेवाले कुछ सर्कस कलाकारों केसाथ बातचीत करने का अवसर मिला। प्रेस सूचना कार्यालय मुंबई के अनुसार यह उस कला को सम्मान है, जिसने हमें रोमांचित किया, बचपन में हमें खुश किया और उस प्रत्येक कलाकार का अभिनंदन है, जो दर्शकों को खुश करने केलिए कड़ी मेहनत कर रहा है। हुनर हाट का प्रचार वाक्य है-'शिल्प, व्यंजन और संस्कृति' 12-दिवसीय मेलेमें एकही स्थान पर विश्वसनीय और उत्कृष्ट स्वदेशी उत्पाद उपलब्ध हैं।
हुनर हाट ने देशभर के हजारों कारीगरों को सहायता और प्रोत्साहित करने के अलावा मेले के दौरान आगंतुकों का मनोरंजन करनेवाले 100 से अधिक गायकों, नर्तकियों, हास्य कलाकारों के साथ-साथ सर्कस कलाकारों को मंच प्रदान किया है। रेम्बो सर्कस मंडली के मालिक पीटी दिलीप ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहाकि लंबे समय केबाद सर्कस को देशमें अपनी प्रतिष्ठा वापस मिली है, मंडली देशभर में विभिन्न हुनर हाटों में प्रदर्शन कर रही है। पीटी दिलीप ने बतायाकि चंडीगढ़ के उपराज्यपाल द्वारा कलाकारों को सम्मानित करने के बारेमें उनकी यादें ताजा हो गईं, कुछ दिन पहले जब चंडीगढ़ ने हुनर हाट की मेजबानी की थी। उन्होंने कहाकि हमें पुरस्कार के रूपमें एक स्मृति चिन्ह और 11,000 रुपये नकद दिए गए, जिसे पाकर एक वरिष्ठ कलाकार बीजू नायर, जो जोकर की भूमिका निभा रहा था, खुशी केमारे रोने लगा था। बीजू नायर ने कहाकि यह पैसा नहीं, मै 50 साल से अधिक का हूं और यह मेरे जीवन में पहलीबार थाकि मुझे इतना सम्मान मिला और वहभी इतने प्रतिष्ठित व्यक्ति से।
सर्कस के सदाबहार दौर को याद करते हुए रैम्बो सर्कस मंडली के मैनेजर राजीव बिरडिया ने अपने किस्से बताते हुए कहाकि एक समय था, जब लोग तीन दिन पहले आते थे वे साथ में अपना खाना बांधकर आते थे और सर्कस का एक घंटे का शो देखने केलिए कई दिनों तक इंतजार करते थे। उन्होंने काफी मायूसी से याद कियाकि कैसे सर्कस कला ने वर्षों में अपना आकर्षण खो दिया है। उन्होंने बतायाकि 1998 में देश में 317 ग्रुप थे, आज केवल 6 बचे हैं और महाराष्ट्र में केवल एक है। उन्होंने उल्लेख कियाकि बदलते हुए समय केसाथ बड़े शहरों में बहुत अधिक किरायों के कारण सर्कस कलाकारों को उचित जगह नहीं मिलती है। उन्होंने बतायाकि कैसे हुनर हाट जो शहर के केंद्र में है, उन्हें प्रदर्शन करने केलिए जगह के साथ-साथ पारिश्रमिक भी प्रदान कर रहा है और उन्हें दर्शक उपलब्ध कराकर प्रोत्साहित भी कर रहा है।
राजीव बिरडिया ने यहभी साझा कियाकि महामारी ने अनेक कलाकारों का जीवन प्रभावित किया है, हमें कुछ नहीं सूझ रहा थाकि आगे क्या करना है, तभी हमें अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय से एक फोन आया, जिसमें पूछा गयाकि क्या हम हुनर हाट केलिए प्रदर्शन कर सकते हैं, महामारी केबाद के समयमें यह कॉल ऑक्सीजन की तरह आई, उन्होंने सरकार और मंत्रालय को इस पहल केलिए तहेदिल से धन्यवाद दिया। उन्होंने बतायाकि मंडली हुनर हाट से 2021 से लगातार जुड़ी हुई है और हाट के अनेक गंतव्यों की यात्रा कर चुकी है, कई राज्यों में प्रदर्शन कर रही है। उन्होंने धन्यवाद केसाथ कहाकि पहले हमें केवल राज्य के भीतर प्रदर्शन करने का अवसर मिलता था, लेकिन अब सरकार की मदद से हम देशभर में प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहाकि हुनर हाट में प्रदर्शन करने वाले सर्कस कलाकार एक मिनी-इंडिया का प्रतिनिधित्व करते हैं, क्योंकि वे देश के पूर्वोत्तर, उत्तर भारत, महाराष्ट्र, केरल और पश्चिम बंगाल लगभग सभी राज्यों से आते हैं।
रेम्बो सर्कस में काम करने वाले कलाकारों की आयु 18 से 35 वर्ष के बीच है, जिसमें छह महिला कलाकार शामिल हैं। महिला कलाकार, जिनमें से एक सिंगल मदर है, ने दावा कियाकि शो के दौरान चौंका देने वाला जिम्नास्टिक करने केलिए वह दिन में दो-से तीन घंटे अभ्यास करती हैं। उन्होंने उल्लेख कियाकि सर्कस मंडली 2021 से विभिन्न हुनर हाट में प्रदर्शन कर रही है और तबसे व्यस्त है। महाराष्ट्र में केंद्रित रेम्बो सर्कस एक अभ्यास के रूपमें कलाकारों को बारी-बारी से लाता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सकेकि मंडली का कोई भी सदस्य अवसर नहीं खोए और देशभर में मंत्रालय के प्रदान किए गए मंच से वंचित न रहे। उन्होंने कहाकि सर्कस गांव को अपने साथ लेजाने जैसा है, मंडली से जुड़े लगभग 300 लोग हैं और परिवार के हर सदस्य की तरह प्रत्येक सदस्य की देखभाल करनी होती है।