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Thursday 12 May 2022 04:54:21 PM
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2020 बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों से कहा हैकि वे प्रशासनिक व्यवस्था की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी हैं, विकास कार्यों के क्रियांवयन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है, इसलिए प्रशासनिक अधिकारी सदैव सकारात्मक दृष्टिकोण केसाथ कार्य करें, सकारात्मक दृष्टिकोण न केवल सेवाकाल में बल्कि जीवन में भी उपयोगी सिद्ध होता है। आईएएस प्रशिक्षु लोकभवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिष्टाचार भेंट करने आए थे। उन्होंने कहाकि प्रशासनिक अधिकारी संवाद से जनता की समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहाकि सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों का लाभ जनता तक पहुंचने केलिए जरूरी हैकि प्रशासनिक अधिकारी पहले विषयों और मुद्दों से भली-भांति परिचित हों, उन्हें अपने दायित्वों के निर्वहन में परिश्रमी और तेजी से फैसले लेने में भी सक्षम होना चाहिए, साथही मामलों का निस्तारण पारदर्शी तथा समयबद्ध किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहाकि सुशासन के लक्ष्य की पूर्ति केलिए सुदृढ़ कानून व्यवस्था आवश्यक है, प्रदेश सरकार ने 5 वर्ष में कानून व्यवस्था को बेहतर करने केलिए उल्लेखनीय कार्य किए हैं, प्रदेश में अमन चैन के माहौल ने विकास गतिविधियों को नई ऊंचाइयां प्रदान की हैं, सभी पर्व एवं त्योहार शांतिपूर्ण मनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहाकि कानून-व्यवस्था बनाए रखने में प्रशासनिक अधिकारियों की प्रभावी भूमिका होती है, कभी-कभी एक छोटी सी घटना भी बड़े विवाद का रूप ले लेती है, जिसे प्रारम्भिक चरण मेही संवाद के माध्यम से निस्तारित कर लेना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहाकि लोकतंत्र में जनाकांक्षा एवं जनआस्था का सम्मान आवश्यक है, यह अंतर्विभागीय समन्वय कार्यों को क्रियांवित करने का एक बेहतर माध्यम है। उन्होंने कहाकि अंतर्विभागीय समन्वय से ही पूर्वी उत्तर प्रदेश में इन्सेफेलाइटिस के प्रभावी नियंत्रण में सफलता प्राप्त की जा सकी है, इसी प्रकार आकांक्षात्मक जनपदों में विकास कार्य किए जा रहे हैं, जिससे जनपदों की डेल्टा रैंकिंग में फतेहपुर ने उल्लेखनीय प्रगति हासिल की है एवं 7 और जनपदों ने भी डेल्टा रैंकिंग में बेहतर प्रदर्शन किया है।
योगी आदित्यनाथ ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को साकार करने की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार तेजीसे कार्य कर रही है, अब हमें बेहतर प्रबंधन से आत्मनिर्भर गांव की दिशा में बढ़ना होगा। उन्होंने कहाकि प्रशासनिक अधिकारियों के मार्गदर्शन से ग्राम पंचायतें अपने संसाधनों के बेहतर प्रबंधन एवं जनसहभागिता से अपना राजस्व बढ़ाकर विभिन्न विकास कार्य सम्पादित कर सकती हैं। मुख्यमंत्री ने आईएएस प्रशिक्षुओं से कहाकि उत्तर प्रदेश जैसे विशाल और विविधतापूर्ण राज्य में उनको अपनी क्षमता एवं दक्षता दिखाने का अवसर मिला है और आशा की जाती हैकि वे बगैर किसी भेदभाव, दबाव एवं पक्षपात के जनसंवाद के आधार पर कार्य करके एक कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी के रूपमें पहचान बनाने में सफल हो सकेंगे। उन्होंने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, उत्तर प्रदेश प्रशासन एवं प्रबंधन अकादमी के महानिदेशक एल वेंकटेश्वर लू, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।