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Wednesday 18 May 2022 11:34:51 AM
पेरिस। फ्रांस में कान फिल्म महोत्सव का शुभारंभ हो चुका है, इसके उद्घाटन समारोह में सितारों से सजे-धजे रेड कार्पेट पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने अबतक के सबसे बड़े आधिकारिक भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया है। ग्यारह सदस्यों का ये दल जब पलाइस डेस फेस्टिवल्स की ऐतिहासिक सीढ़ियों की ओर बढ़ा तो वैश्विक सिनेमा का केंद्र बनने की भारत की महत्वाकांक्षा के सभी प्रतीकों को ये प्रतिनिधिमंडल अपने में संजोए था। भारतीय सिनेमा की विविधता और विशिष्टता को दिखाते हुए इस ग्लैमर से भरे रेड कार्पेट दल में भारत की फिल्मी हस्तियां शामिल थीं। भारतीय लोक कलाओं केलिए एक ऐतिहासिक पल के रूपमें मामे खान कान में भारतीय दल की तरफ से रेड कार्पेट का नेतृत्व करने वाले पहले लोक कलाकार थे। प्रतिनिधिमंडल में तीन संगीत के उस्ताद थे, जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं और साथमें भारतीय सिनेमा के जाने-माने फिल्म निर्माता और अभिनेता मौजूद रहे, जो विभिन्न क्षेत्रों, भाषाओं, मुख्यधारा के और ओटीटी सिनेमा का प्रतिनिधित्व करते हैं। कहानीकारों की धरती भारत कान में अभीतक की सबसे मजबूत रेड कार्पेट उपस्थिति के माध्यम से दुनिया केलिए एक सुंदर रिवायत पेश कर रहा है।
कान फिल्म महोत्सव के रेड कार्पेट पर इन फ़िल्मी सितारों में अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी शामिल थे, जो कान महोत्सव में नियमित चेहरा रहे हैं। 'द लंचबॉक्स' हो या 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' उनकी फ़िल्मों के यथार्थवाद और उनमें उनके कच्चे, ताकतवर अभिनय की यूरोपीय दर्शकों केबीच एक विशेष प्रतिध्वनि है और यह इस बात का संकेत हैकि संवेदनाओं की एक विस्तृत श्रृंखला को परोसने वाली फिल्में बनाने में भारत बहुत सक्षम है। सुपरस्टार संगीतकार एआर रहमान की मौजूदगी ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल के सिनेमैटोग्राफिक संगीत को ट्रिब्यूट देने के इरादे को प्रदर्शित किया, क्योंकि शायद दुनियाभर के सिनेमा में सबसे ज्यादा भारतीय सिनेमा के डीएनए में ही साउंडट्रैक एक बड़ी भूमिका निभाते हैं। भारत देश के संगीतमय सारसंग्रह का प्रदर्शन करते हुए रेड कार्पेट पर विभिन्न शैलियों का प्रतिनिधित्व किया गया। जहां अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहे गए नए जमाने के म्यूज़िक कंपोज़र और बहु-ग्रैमी पुरस्कार विजेता रिकी केज ने भारत के अधिकांश समकालीन पक्ष का प्रतिनिधित्व किया, वहीं राजस्थान के म्यूजिक कंपोजर और लोक गायक मामे खान ने भारतीय सिनेमा पर लोक संस्कृति के प्रभाव को व्यक्त किया। बहुत सारे सदाबहार फिल्मी गीत लिखने वाले गीतकार और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी भी उपस्थित थे।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न क्षेत्रीय सिनेमाई हस्तियां भी शामिल थीं, इससे दुनिया को ये संकेत दिया गया हैकि भारत में जहां 25 क्षेत्रीय फिल्म उद्योग हैं, फिल्म प्रोडक्शन के लिहाज से बहुत से अलग-अलग कलेवर और शैली भी हैं। इस साल साउथ का सिनेमा सुर्खियों में रहा और छह अलग-अलग भाषाओं तमिल, तेलुगू, मलयालम, कन्नड़, हिंदी और अंग्रेजी में शूट की गई फिल्मों में शामिल रहे अभिनेता एवं निर्माता आर माधवन भारतीय सिनेमा की विविधता का एक अच्छा उदाहरण थे। तेलुगू सिनेमा के दो सुपरस्टार तमन्ना भाटिया और पूजा हेगड़े ने भी प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के तौरपर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। 'मिस्टर इंडिया' जैसी दिग्गज फिल्मों के निर्देशक और अब भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) के अध्यक्ष शेखर कपूर केसाथ-साथ अभिनेत्री और सीबीएफसी की सदस्य वाणी त्रिपाठी टीकू ने भी भारतीय प्रतिनिधिमंडल में हिस्सा लिया।
गौरतलब हैकि हर साल वैश्विक फिल्म उद्योग के नामी-गिरामी लोगों को एकत्रित करने वाला कान फ़िल्म महोत्सव 28 मई 2022 तक चलेगा और ये भारतीय प्रतिनिधियों केलिए विभिन्न कार्यक्रमों एवं उच्चस्तरीय बैठकों में भाग लेने का एक अवसर होगा। भारतीय सिनेमा के कौशल के सेलिब्रेशन के लिहाज से इसबार का महोत्सव खास है, क्योंकि 'मार्चे डू फ़िल्म' फ़िल्म बाज़ार में भारत इस साल पहला आधिकारिक 'कंट्री ऑफ ऑनर' है। 'कान नेक्स्ट' में भारत भी कंट्री ऑफ ऑनर है, जिसके तहत 5 नए स्टार्टअप को ऑडियो-विजुअल इंडस्ट्री के सामने पिच करने का मौका दिया जाएगा। एनिमेशन डे नेटवर्किंग में दस पेशेवर भाग लेंगे। कान फिल्म फेस्टिवल के इस संस्करण में भारत की भागीदारी का एक प्रमुख आकर्षण है, आर माधवन की फिल्म रॉकेट्री का वर्ल्ड प्रीमियर जिसे 19 मई 2022 को 'पलाइस डेस फेस्टिवल्स' में प्रदर्शित किया जाएगा।