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Saturday 28 May 2022 01:47:56 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय कार्मिक राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा हैकि सर्वश्रेष्ठ शासन पद्धतियां अभिनव विचारों से उत्पन्न होती हैं और लोक सेवकों को उन अभिनव विचारों पर ध्यान केंद्रित देने की जरूरत है, जिनमें प्रतिकृति और स्थायित्व हो, जिनका उपयोग सर्वश्रेष्ठ शासन अभ्यासों के रूपमें किया जा सकता है। राज्यमंत्री ने केंद्रीय कार्मिक विभाग के ‘स्वास्थ्य’ पर राष्ट्रीय सुशासन वेबिनार श्रृंखला के दूसरे संस्करण को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने बतायाकि 21 अप्रैल को लोकसेवा दिवस के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डीएआरपीजी को अगले 12 महीने में अप्रैल 2022 से मार्च 2023 तक जिला अधिकारियों और अन्य अधिकारियों केसाथ वर्चुअल सम्मेलन आयोजित करने का आदेश दिया था।
स्वास्थ्य पर वेबिनार और मुख्य रूपसे गुजरात में आदिवासी समुदाय केबीच 'सिकल सेल एनीमिया नियंत्रण कार्यक्रम' विषयवस्तु पर डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि यह एक आनुवंशिक रक्त विकार है, जिसके लिए समाज में जागरुकता की कमी है। उन्होंने इसका पता लगाने केलिए व्यापक जांच का आह्वान किया। उन्होंने कहाकि यह सिकल सेल एनीमिया के बोझ को कम करने और उत्पादकता में बढ़ोतरी, परीक्षण के जरिए दीर्घायु एवं जीवन की गुणवत्ता, अगली पीढ़ी में रोग के संचरण को रोकने और रुग्णता एवं मृत्यु दर को कम करने केलिए शीघ्र निदान, शीघ्र उपचार तथा परामर्श को लेकर कार्यक्रम के बेहतर कार्यांवयन केलिए सरकार के विभिन्न विभागों और कई गैर सरकारी संगठनों केबीच विभिन्न गतिविधियों को एकीकृत करने की सुशासन पहल का एक उदाहरण है। डॉ जितेंद्र सिंह ने राजस्थान सरकार के चितौड़गढ़ में चिकित्सा को वहनीय बनाने केलिए स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रधानमंत्री के पुरस्कार विजेता पहल का उल्लेख किया।
कार्मिक राज्यमंत्री ने कहाकि यह जिलेवार कम लागत वाली दवाओं की दुकानों की स्थापना केलिए सुशासन की पहल का एक उदाहरण है, जिससे लोगों केलिए दवाओं को अधिक सस्ती एवं सुलभ बनाया जा सके और उनका पूरा इलाज सुनिश्चित किया जा सके। डीएआरपीजी के सचिव वी श्रीनिवास ने इस अवसर पर कहाकि सुशासन पहल केतहत विभिन्न विषयों पर 13 वेबिनार आयोजित किए जाएंगे, जिन्हें 2006 में अपनी स्थापना केबाद से बीते वर्षों में लोक प्रशासन में उत्कृष्टता केलिए प्रधानमंत्री पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने कहाकि राष्ट्रीय वेबिनार केलिए चुने गए विषयों में स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण, आपदा प्रबंधन, प्राथमिकता कार्यक्रम और जल या जल प्रबंधन आदि कई क्षेत्रों को शामिल करने के प्रस्ताव हैं।
प्रधानमंत्री पुरस्कार से सम्मानित राज्य या जिले इन वेबिनार में अपना अनुकरणीय कार्य को सामने रखेंगे, जिसका उद्देश्य अन्य राज्यों एवं जिलों के प्रतिकृति केलिए सर्वश्रेष्ठ अभ्यासों और पुरस्कार विजेता पहलों को सामने रखना है। इस श्रृंखला केतहत पहला वेबिनार 'सेवा वितरण सुधार में प्रधानमंत्री पुरस्कार-विजेता पहल' विषयवस्तु पर 28 अप्रैल को हुआ था। वेबिनार में राज्य एआर सचिव, जिला अधिकारी, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के राज्य/ केंद्रशासित प्रदेश के मिशन निदेशक, मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी, सभी जिलों के प्रधान चिकित्सा अधिकारी/ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और भारतीय लोक प्रशासन संस्थान एवं शाखा के शिक्षक वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए।