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पर्यावरण रक्षा के लिए हर व्यक्ति सचेत हो-मोदी

विश्व पर्यावरण दिवस पर की मिट्टी बचाओ आंदोलन की सराहना

'पर्यावरण की रक्षा के लिए भारत के प्रयास बहुत बहुआयामी हैं'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Sunday 5 June 2022 04:51:09 PM

pm addressing at the 'save soil' programme organised by isha foundation

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज विश्व पर्यावरण दिवस पर शुभकामनाएं देते हुए 'मिट्टी बचाओ आंदोलन' की सराहना की और कहा हैकि पर्यावरण की रक्षा केलिए हर व्यक्ति को जागरुक होना चाहिए। उन्होंने ईशा फाउंडेशन के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में कहाकि 'मिट्टी बचाओ आंदोलन' बिगड़ती मिट्टी के स्वास्थ्य के बारेमें जागरुकता बढ़ाने और इसे सुधारने केलिए जागरुक पहल शुरू करने केलिए एक वैश्विक आंदोलन है। उन्होंने कहाकि सद्गुरु ने मार्च 2022 में इस आंदोलन की शुरुआत की थी, इन्होंने 27 देशों से गुजरते हुए 100 दिन की मोटरसाइकिल यात्रा शुरू की थी, 5 जून इस 100 दिन की यात्रा का 75वां दिन है और यह कार्यक्रम भारत में मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार केलिए साझा चिंताओं और प्रतिबद्धता को दर्शाएगा। उन्होंने कहाकि मिट्टी या ये भूमि हमारे लिए पंचतत्वों मेंसे एक है, हम माटी को गर्व से अपने माथे से लगाते हैं, इसी में गिरते, खेलते हुए हम बड़े होते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि माटी के सम्मान में कोई कमी नहीं है, माटी की अहमियत को समझने में कोई कमी नहीं है, कमी इस बात को स्वीकारने में हैकि मानवजाति जो कर रही है, उससे मिट्टी को कितना नुकसान हो रहा है, उसकी समझ का एक गैप रह गया है और सद्गुरू कह रहे थेकि सबको पता है समस्‍या क्‍या है। प्रधानमंत्री ने कहाकि मुझे खुशी हैकि बीते आठ वर्ष में देश ने मिट्टी को जीवंत बनाए रखने केलिए निरंतर काम किया है। प्रधानमंत्री ने कहाकि ऐसे समय में जब राष्ट्र आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान नए संकल्प ले रहा है, ऐसे आंदोलनों को एक नया महत्व प्राप्त होता है। उन्होंने पर्यावरण के संरक्षण केलिए भारत के बहुआयामी प्रयासों के उदाहरण के रूपमें स्वच्छ भारत मिशन या कचरे से कंचन संबंधी कार्यक्रम, सिंगल यूज प्लास्टिक में कमी, एक सूर्य एक पृथ्वी या इथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम का हवाला दिया। प्रधानमंत्री ने कहाकि पर्यावरण की रक्षा केलिए भारत के प्रयास बहुआयामी हैं, भारत यह प्रयास तब कर रहा है, जब जलवायु परिवर्तन में भारत की भूमिका ना के बराबर है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि पर्यावरण, धरती और मिट्टी की रक्षा केलिए जनचेतना जितनी ज्यादा बढ़ेगी, उतना ही बेहतर परिणाम मिलेगा। उन्होंने देशवासी और देशभर की सरकारों, स्थानीय निकायों, स्वयंसेवी संस्थाओं से आग्रह कियाकि वे इन प्रयासों में स्कूल-कॉलेजों, एनसीसी-एनएसएस को भी जोड़ें और जागरुकता बढ़ाएं। उन्होंने कहाकि पर्यावरण की सुरक्षा और तेज़ विकास सभी के प्रयासों से संपूर्णता की अप्रोच से ही संभव है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि दुनिया के बड़े आधुनिक देश न केवल पृथ्वी के अधिक से अधिक संसाधनों का दोहन कर रहे हैं, बल्कि अधिकतम कार्बन उत्सर्जन उनके खाते में जाता है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत में प्रतिव्यक्ति प्रतिवर्ष लगभग 0.5 टन की तुलना में दुनिया का औसत कार्बन फुटप्रिंट लगभग 4 टन प्रतिव्यक्ति प्रतिवर्ष है। उन्होंने कहाकि भारत पर्यावरण की रक्षा केलिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और आपदारोधी बुनियादी ढांचे केलिए गठबंधन, अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन जैसे संगठन के सहयोग से दीर्घकालिक दृष्टि पर काम कर रहा है। प्रधानमंत्री ने 2070 तक भारत के नेट-जीरो के लक्ष्य को दोहराया। उन्होंने कहाकि मिट्टी को बचाने केलिए हमने पांच प्रमुख बातों पर फोकस किया है पहला-मिट्टी को केमिकल फ्री कैसे बनाएं, दूसरा-मिट्टी में जो जीव रहते हैं, जिन्हें तकनीकी भाषा में आप लोग सॉइल ऑर्गेनिक मैटर कहते हैं, उन्हें कैसे बचाएं, तीसरा-मिट्टी की नमी को कैसे बनाए रखें, उसतक जल की उपलब्धता कैसे बढ़ाएं, चौथा-भूजल कम होने की वजह से मिट्टी को जो नुकसान हो रहा है, उसे कैसे दूर करें और पांचवां-वनों का दायरा कम होने से मिट्टी का जो लगातार क्षरण हो रहा है, उसे कैसे रोकें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि मिट्टी की समस्या को दूर करने केलिए कृषि क्षेत्र में मुख्य प्रयास किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि पहले हमारे देश के किसान के पास इस जानकारी का अभाव थाकि उसकी मिट्टी किस प्रकार की है, उसकी मिट्टी में कौन सी कमी है, कितनी कमी है, इस समस्या को दूर करने केलिए देश में किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड देने का बहुत बड़ा अभियान चलाया गया है। उन्होंने कहाकि सरकार कैच द रेन जैसे अभियानों से जल संरक्षण से देश के जन-जन को जोड़ रही है, इस साल मार्च में ही देश में 13 बड़ी नदियों के संरक्षण का अभियान भी शुरू हुआ है, इसमें पानी में प्रदूषण कम करने के साथ-साथ नदियों के किनारे वन लगाने का भी काम किया जा रहा है। उन्होंने कहाकि अनुमान हैकि इससे 7400 वर्ग किलोमीटर का वन क्षेत्र जुड़ जाएगा, जो भारत में 20 हजार वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र में वृद्धि करेगा, जोकि पिछले 8 वर्ष में जोड़ा गया है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत आज बायोडायवर्सिटी और वाइल्डलाइफ से जुड़ी जिन नीतियों पर चल रहा है, उसने वन्यजीवों की संख्या में भी रिकॉर्ड वृद्धि की है, आज चाहे बाघ हो, शेर हो, तेंदुआ हो या हाथी सभी की संख्या देश में बढ़ती ही जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि पहलीबार स्वच्छता, ईंधन में आत्मनिर्भरता से संबंधित पहल शुरू की गई, किसानों की आय बढ़ाने और मृदा स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रम आपस में जोड़े गए। उन्होंने गोवर्धन योजना का उदाहरण दिया। प्रधानमंत्री ने कहाकि प्राकृतिक खेती से हमारी अनेक बड़ी-बड़ी समस्याओं का बड़ा समाधान होता है। उन्होंने कहाकि इस साल के बजट में सरकार ने तय किया हैकि गंगा के किनारे बसे गांवों में नैचुरल फार्मिंग को प्रोत्साहित करेंगे, नैचुरल फॉर्मिंग का एक विशाल कॉरिडोर बनाएंगे। उन्होंने कहाकि इससे हमारे खेत तो कैमिकल फ्री होंगे ही, नमामि गंगे अभियान को भी नया बल मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत 2030 तक 26 मिलियन हेक्टेयर भूमि को दुरुस्त करने के लक्ष्य पर काम कर रहा है। उन्होंने कहाकि बीएस VI मानदंडों को अपनाने एलईडी बल्ब अभियान पर जोर दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत ने अपनी स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता का 40 प्रतिशत गैर-जीवाश्म आधारित स्रोतों से हासिल करने का लक्ष्य तय किया था, ये लक्ष्य भारत ने तय समय से 9 साल पहले ही हासिल कर लिया है। उन्होंने कहाकि सौर ऊर्जा क्षमता में 18 गुना वृद्धि हुई है और हाइड्रोजन मिशन एवं सर्कुलर अर्थव्यवस्था से संबंधित नीतियां, स्क्रैपेज नीति जैसी नीतियां पर्यावरण संरक्षण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता के उदाहरण हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुलासा कियाकि आज भारत ने तय समय से 5 महीने पहले पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडिंग के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है। प्रधानमंत्री ने कहाकि 2014 में इथेनॉल मिश्रण 1.5 प्रतिशत था, इस लक्ष्य को प्राप्त करने के तीन स्पष्ट लाभ हैं, सबसे पहले, इससे 27 लाख टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आई है, दूसरा इसने 41 हजार करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत की है और तीसरा, देश के किसानों ने 8 वर्ष में इथेनॉल मिश्रण में वृद्धि के कारण 40 हजार 600 करोड़ रुपये कमाए हैं। प्रधानमंत्री ने इस उपलब्धि पर देश के लोगों, किसानों और तेल कंपनियों को बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कहाकि पीएम राष्ट्रीय गतिशक्ति मास्टर प्लान के कारण लॉजिस्टिक सिस्टम और ट्रांसपोर्ट सिस्टम को मजबूत किया जाएगा और इससे प्रदूषण में कमी आएगी, सौ से अधिक जलमार्गों पर मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी कार्य भी प्रदूषण को कम करने में मदद करेगा। प्रधानमंत्री ने ग्रीन जॉब के पहलू पर दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहाकि पर्यावरण संरक्षण पर भारत की गति बड़ी संख्या में ग्रीन जॉब के अवसर पैदा कर रही है। उन्होंने पर्यावरण और मिट्टी संरक्षण केबारे में जागरुकता बढ़ाने केलिए कहा और हर जिले में 75 अमृत सरोवर बनाने केलिए एक जनआंदोलन का भी आह्वान किया।

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