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Wednesday 22 June 2022 04:34:51 PM
नई दिल्ली। बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय केतहत नौवहन महानिदेशालय ने डीजीएस आदेश संख्या-17 जारी की है, जिसमें भारतीय नौसेना कर्मियों केलिए मर्चेंट नेवी में 16 परिवर्तन योजनाओं का विवरण दिया गया है। ये योजनाएं भारतीय नौसेना केसाथ विस्तृत चर्चा केबाद तैयार की गई हैं। ये योजनाएं अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन के प्रशिक्षण प्रमाणन और निगरानी सम्मेलन के मानकों के अनुसार मर्चेंट जहाजों पर काम करने केलिए आवश्यक प्रमाणीकरण प्राप्त करके सेवानिवृत्त नौसेना कर्मियों को मर्चेंट नेवी में सुचारू रूपसे परिवर्तित करने में सक्षम बनाती हैं। समझौता ज्ञापन पर भारतीय नौसेना की ओर से वाइस एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी, एवीएसएम, एनएम, कार्मिक प्रमुख और बंदरगाह जहाजरानी तथा जलमार्ग मंत्रालय के जहाजरानी महानिदेशालय की ओर से जहाजरानी महानिदेशक अमिताभ कुमार ने हस्ताक्षर किए।
मर्चेंट नेवी की परिवर्तन योजनाओं की प्रमुख विशेषताएं हैं-यह नौसेना के जहाजों पर इंजन रूम के काम में लगे कर्मियों के परिवर्तन को पूरा करता है, जो रेटिंग से लेकर आर्टिफिशर से इंजीनियर तक है तथा बिजली ड्यूटी के साथ-साथ मेकेनिकल इंजन ड्यूटी पर काम करने वालों केलिए विकल्प भी प्रदान करता है। यह न्यूनतम ब्रिज कोर्स समुद्री सेवा तथा उन लोगों की परीक्षा के समकक्ष परिवर्तन को पूरा करता है, जो भारतीय नौसेना केसाथ अपने कार्यकाल के दौरान एक निश्चित स्थिति तक पहुंच गए हैं, लेकिन चरण-दर-चरण एसटीसीडब्ल्यू प्रमाणन प्राप्त करने में असमर्थ थे। यह भारतीय नौसेना कर्मियों को एनसीवी जहाज से लेकर विदेश जा रहे जहाजों के प्रमाणिकरण तक विभिन्न विकल्प देता है। यह भारतीय नौसेना में अपने करियर में प्रगति के रूपमें नौसेना कर्मियों द्वारा प्राप्त किए जाने वाले एक इंजीनियरिंग शाखा के प्रभारी अधिकारी से दूसरे इंजीनियर से लेकर एक व्यापारी जहाज के मुख्य अभियंता तक चरण-दर-चरण एसटीसीडब्ल्यू प्रमाणन को भी पूरा करता है।
मर्चेंट नेवी की परिवर्तन योजना केतहत यह तब मदद करता है, जब एक नौसेना इंजीनियरिंग कर्मी कुछ वर्षों की सेवा केबाद ही भारतीय नौसेना को छोड़ देता है, फिरभी आवश्यक एसटीसीडब्ल्यू प्रमाणन मर्चेंट नेवी में उसके सहज परिवर्तन की सुविधा प्रदान करता है। यह निकटवर्ती तटवर्ती क्षेत्र में तथा 3000 किलोवाट से कम प्रेरक शक्ति केसाथ संचालित व्यापारिक जहाज के चीफ इंजीनियर बनने में मेकेनिकल आर्टिफिसर्स की प्रक्रिया को आसान बनाता है। यह इलेक्ट्रिकल इंजीनियरों और इलेक्ट्रिकल आर्टिफिसर्स को संबंधित ब्रिजिंग पाठ्यक्रमों के साथ मर्चेंट जहाजों के इलेक्ट्रो-तकनीकी अधिकारी बनने की अनुमति देता है। भारतीय नौसेना के विशेषज्ञ कार्यकारी शाखा के अधिकारी 500 सकल टन भार या उससे अधिक के जहाजों पर मर्चेंट नेवी के जहाजों के नौवहन प्रभारी, चीफ मेट तथा मास्टर के रूपमें योग्यता प्रमाणपत्र प्राप्त करेंगे। भारतीय नौसेना के कार्यकारी शाखा के अधिकारी सकल 500 टन के जहाजों पर नौवहन निगरानी के प्रभारी अधिकारी के रूपमें योग्यता प्रमाणपत्र प्राप्त करेंगे।
भारतीय नौसेना के रेडियो अधिकारी मर्चेंट नेवी के जहाजों के सामान्य रेडियो ऑपरेटरों के रूपमें योग्यता का प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकेंगे। भारतीय नौसेना के डेक नाविक नौवहन निगरानी का हिस्सा बनते हुए मर्चेंट नेवी डेक रेटिंग में बदल सकते हैं। भारतीय नौसेना के रसोइये मर्चेंट नेवी के रसोइए के रूपमें प्रमाणित होंगे। इस योजना में भारतीय नौसेना के अपने अधिकारियों को दिए गए प्रशिक्षण की स्वीकृति और भारतीय नौसेना द्वारा जारी प्रमाण पत्र के आधार पर भारतीय नौसेना या मालवाहक जहाजों पर रेटिंग तथा समुद्री सेवा के अनुभव की परिकल्पना की गई है।