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Wednesday 29 June 2022 01:46:57 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव एवं संचार राज्यमंत्री देवुसिंह चौहान ने इंडिया हैबिटाट सेंटर के स्टीन ऑडिटोरियम में एक समारोह में डाक विभाग के ई-लर्निंग पोर्टल 'डाक कर्मयोगी' की शुरूआत की, जिसको मिशन कर्मयोगी की परिकल्पना केतहत संस्थान में विकसित किया गया है, इसकी संकल्पना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत सरकार के सभी कर्मचारियों के कार्यों में दक्षता लाने और न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन केसाथ नौकरशाही की कार्य क्षमता में बदलाव लाने के उद्देश्य से की थी। अश्विनी वैष्णव तथा और राज्यमंत्री देवुसिंह चौहान ने डाक विभाग के कर्मचारियों के अच्छे प्रदर्शन को पहचानने और उन्हें अपने अच्छे काम को बनाए रखने या सुधारने केलिए प्रेरित करने केलिए कार्यक्रम के दौरान आठ अलग-अलग श्रेणियों में मेघदूत पुरस्कार भी प्रदान किए।
डाक कर्मयोगी पोर्टल लगभग 4 लाख ग्रामीण डाक सेवकों और विभागीय कर्मचारियों की दक्षता में वृद्धि करेगा, जिससे प्रशिक्षुओं की समान मानकीकृत प्रशिक्षण सामग्री तक ऑनलाइन या मिश्रित कैंपस मोड तक पहुंच प्रदान करने में सक्षम बनाया जा सके, ताकि वे ग्राहक की बेहतर संतुष्टि केलिए कई जी2सी सेवाओं को प्रभावी ढंग से वितरित कर सकें। डाक विभाग अपने 10 डाक प्रशिक्षण केंद्रों एवं क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र और रफी अहमद किदवई राष्ट्रीय डाक अकादमी, केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थान के नेटवर्क के माध्यम से अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षण दे रहा है, हालांकि पोर्टल के शुभारंभ केसाथ विभागीय कर्मचारी और ग्रामीण डाक सेवक अपनी सुविधा के अनुसार 'कभी भी, कहीं भी' प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे और अपने दृष्टिकोण, कौशल तथा ज्ञान को अपनी सुविधानुसार अपडेट कर सकेंगे। यह पोर्टल कर्मचारियों और ग्रामीण डाक सेवकों को अपग्रेड करके बेहतर सेवाएं प्रदान करने में समर्थ होकर लंबा सफर तय करेगा।
डाक विभाग के जो कर्मचारी वर्ष 2021 केलिए मेघदूत पुरस्कार से सम्मानित किए गए हैं इनमें हैं-अशोक कुमार साहू जीडीएस बीपीएम कटक साउथ डिवीजन ओडिशा सर्कल, जो जनता केबीच वित्तीय जागरुकता पैदा करने और उन्हें डाकघर बचत बैंक तथा भारतीय डाक भुगतान बैंक के तहत खाते खोलने केलिए प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। ग्रामीण डाक जीवन बीमा केतहत ग्रामीण लोगों का जीवन बीमा करने में उनका योगदान सराहनीय है। प्रेमलाल मेल रनर मंडी डिवीजन हिमाचल प्रदेश सर्कल लाहौल के उदयपुर शालग्रान मेल लाइन में मेल रनर के रूपमें काम कर रहे हैं, जो कठिन इलाके में 32 किलोमीटर की दूरी को समुद्र से 9000 फीट से अधिक की ऊंचाई के साथ पूरा करता है। यह वर्ष के अधिकांश समय बर्फ से ढका रहता है और सर्दियों के दौरान हिमस्खलन केलिए जाना जाता है, जोखिम और खतरों से भरपूर इस लाइन पर चलते हुए प्रेमलाल अपनी दैनिक यात्रा में निर्बाध रूपसे आना-जाना करते हैं।
धनंजय टी डाक सहायक अंचल कार्यालय कर्नाटक सर्कल अधिकतम ट्रांसमिशन यूनिट के मूल्य के संशोधन के उनके विचार ने कम बैंडविड्थ पर फिनेकल के प्रदर्शन को बढ़ाने में मदद की है। उन्होंने डाक जीवन बीमा के प्रीमियम के ऑनलाइन भुगतान, प्रोत्साहन भुगतान, पीएलआई प्रीमियम की शुद्ध वृद्धि की निगरानी केलिए सॉफ्टवेयर टूल विकसित किए हैं, जिसने पीएलआई ऑपरेशन को उपयोगकर्ता के अनुकूल बना दिया। विजेंद्र सिंह राणा तकनीकी पर्यवेक्षक मेल मोटर सेवा दिल्ली सर्किल ने सीएनजी वाहनों की मरम्मत केलिए वर्कशॉप उपकरणों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। एमएमएस ऑपरेशन में वाहनों के मैकेनिकल सुधार में अभिनव दृष्टिकोण अत्यधिक उपयोगी साबित हुआ है। संदीप गुंडू कडगांवकर एएसपी गोवा क्षेत्र महाराष्ट्र सर्कल ने निगरानी केलिए क्लस्टर दृष्टिकोण अपनाया, जिसके परिणामस्वरूप राजस्व लक्ष्यों और परिचालन दक्षता की उच्चस्तर की उपलब्धि हुई। उन्होंने सुकन्या समृद्धि योजना के तहत पात्र लड़कियों की 100 प्रतिशत कवरेज केलिए विशेष अभियान 'सुवर्णकन्या' चलाया।
रणधीर कुमार सहायक निदेशक अंचल कार्यालय बिहार सर्किल ने 'आधार सक्षम भुगतान प्रणाली' के माध्यम से आम लोगों के दरवाजे पर माइक्रो-एटीएम सुविधा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कर्मचारियों को प्रौद्योगिकी परियोजनाओं को लागू करने, डाकघर बचत बैंक और भारतीय डाक भुगतान बैंक का कवरेज बढ़ाने केलिए प्रेरित किया। चल्ला नागेश उप प्रबंधक सीईपीटी हैदराबाद ने 'डी-क्यूब' सॉफ्टवेयर विकसित किया है, जिसका उपयोग लाभार्थियों को मनरेगा मजदूरी के वितरण केलिए किया जाता है। उन्होंने ग्रामीण डाक सेवक ऑनलाइन अनुबंध पोर्टल के विकास में अत्यधिक योगदान दिया। के कलाईवानी सहायक निदेशक दक्षिणी क्षेत्र मदुरै तमिलनाडु सर्कल ने डाकघर बचत बैंक के संचालन को कोर बैंकिंग समाधान में स्थानांतरित करने और डाकघरों में मैककैमिश के कार्यांवयन में प्रमुख भूमिका निभाई। उन्होंने समयबद्ध तरीके से शिकायतों का निपटान सुनिश्चित करने के लिए कठोर निगरानी तंत्र भी विकसित किया। गौरतलब हैकि मेघदूत पुरस्कार की शुरूआत 1984 में की गई थी। सम्पूर्ण प्रदर्शन और उत्कृष्टता केलिए राष्ट्रीयस्तर पर डाक विभाग का यह सर्वोच्च पुरस्कार है, यह आठ श्रेणियों में प्रदान किया जाता है। पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं को पदक, प्रमाणपत्र और 21000 रुपये के नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।