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Tuesday 14 May 2013 10:50:57 AM
गुवाहाटी। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने सोमवार को गुवाहाटी में पांडु कॉलेज के स्वर्ण जयंती समापन समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी उच्च शिक्षा प्रणाली सुलभता, सुगमता और गुणवत्ता के स्तंभों पर टिकी हुई है, हमारे उच्च शिक्षा संस्थानो में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, हमारे देश में अब 650 डिग्री संस्थान तथा 33,000 कॉलेज हैं, इसके बावजूद गुणवत्ता नहीं है।
राष्ट्रपति ने कहा राष्ट्रीय ज्ञान आयोग ने उच्च शिक्षा के गिरते स्तर को स्थिर परंतु गंभीर संकटनिर्दिष्ट किया है। हमारा उद्देश्य कम से कम कुछ उच्च शैक्षिक संस्थानों को वैश्विक शीर्ष स्तर पर लाने का होना चाहिए। उन्होंने कहा उच्च शिक्षा की आवश्यक मांग को पूरा करने के लिए प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक उपयोग होना चाहिए। सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के माध्यम से राष्ट्र शिक्षा मिशन एक महत्वपूर्ण पहल है। यह शहरी क्षेत्रों से दूर स्थित संस्थानो के छात्रों के लिए महत्वपूर्ण व्याख्यान प्रेषित करके आपस में सूचना साझा करने को बढ़ावा देता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि कई शैक्षिक संस्थानों में शिक्षकों की कमी से काम काज में रूकावट पैदा होती है। हमारे कॉलेजों तथा विश्वविद्यालयों में कई शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। यद्यपि रिक्त पदों को भरना प्राथमिकता होनी चाहिए, हमें इस संकट से निपटने के लिए ई-क्लास रूम जैसे नवीन तकनीकी समाधान लागू करने चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि हमें अपने देश में अनुसंधान और विकास को पुर्नजीवित करना चाहिए। दुर्भाग्यवश अनुसंधान एक पसंदीदा विकल्प नहीं है, उच्च शिक्षा के छात्रों की कुल संख्या से 0.4 प्रतिशत से कम इसको अपनाते हैं। अनुसंधान के लिए एक स्वस्थ वातावरण को बढ़ावा देने की जरूरत है।