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Friday 1 July 2022 05:20:44 PM
चित्रदुर्ग (कर्नाटक)। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉंस्ट्रेटर की आज वैमानिकी परीक्षण रेंज चित्रदुर्ग कर्नाटक से सफलतापूर्वक पहली उड़ान आयोजित की। पूरी तरह स्वायत्त मोड में संचालन करते हुए इस विमान ने एक आदर्श उड़ान का प्रदर्शन किया, जिसमें टेकऑफ, वे पॉइंट नेविगेशन और एक आसान टचडाउन शामिल रहे। यह उड़ान भविष्य के मानवरहित विमानों के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों को साबित करने के मामले में एक प्रमुख उपलब्धि है और यह सामरिक रक्षा प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
मानवरहित वायुयान को वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान बेंगलुरु ने डिजाइन और विकसित किया है, जो डीआरडीओ की एक प्रमुख अनुसंधान प्रयोगशाला है। यह एक छोटे टर्बोफैन इंजन से संचालित होता है। विमान केलिए उपयोग किए जानेवाले एयरफ्रेम, अंडर कैरिज और संपूर्ण उड़ान नियंत्रण और एवियोनिक्स सिस्टम स्वदेशी रूपसे विकसित किए गए हैं। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ को बधाई देते हुए कहा हैकि यह स्वायत्त विमानों की दिशा में उल्लेखनीय उपलब्धि है और इससे महत्वपूर्ण सैन्य प्रणालियों के रूपमें 'आत्मनिर्भर भारत' का मार्ग भी प्रशस्त होगा। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने भी इस प्रणाली के डिजाइन, विकास और परीक्षण से जुड़ी टीमों के प्रयासों की प्रशंसा की है।