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Wednesday 15 May 2013 09:17:54 AM
लुमामी, नगालैंड। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बुधवार को लुमामी में नगालैंड विश्वविद्यालय की नवाचार प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने नगालैंड विश्वविद्यालय के शिक्षकों और विद्यार्थियों का आह्वान किया कि इस क्षेत्र में नवाचार की खोज, प्रसार और उसकी उपलब्धि का जश्न मनाया जाए। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि देश में नवाचार महोत्सव की शुरुआत की जाए। राष्ट्रपति ने नवाचार प्रदर्शनी के आयोजन के लिए नगालैंड विश्वविद्यालय को बधाई भी।
उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण पहल है, जो वास्तविक धरातल पर नवाचार प्रतिभा और रचनात्मकता को मान्यता देती है तथा उसे औपचारिक शिक्षा प्रणाली से जोड़ती है। राष्ट्रपति ने नगालैंड विश्वविद्यालय का इस कड़ी को सशक्त बनाने और क्षेत्र में विभिन्न विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थानों तक इसका विस्तार करने का आह्वान किया, इससे नवाचार का कार्य करने वाले व्यवसायिक इस्तेमाल के लिए प्रौद्योगिकी को स्थापित करने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा कि इस दिशा में अगला कदम उद्यमियों और निवेशकों को आकर्षित करने के लिए बाज़ार रणनीति का विकास होना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि नवाचार प्रगति और समृद्धि की कुंजी है, नवाचार को ज्ञान में बदलना सामाजिक भलाई और आर्थिक समृद्धि की प्रक्रिया है।
प्रणब मुखर्जी ने विश्वविद्यालयों और शैक्षिक संस्थानों का आह्वान किया है कि वे समय की नैतिक चुनौतियों का सामना करने में अग्रणी भूमिका निभाएं और युवाओं में सभ्यता से जुड़े मूल्य विकसित करें। नगालैंड विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में मुखर्जी ने कहा कि देश के युवाओं में देश के प्रति प्यार, कर्तव्य परायणता, सहिष्णुता, महिलाओं के लिए आदर-सम्मान, ईमानदारी जैसे गुण होते हैं और विश्वविद्यालयों तथा शैक्षिक संस्थानों का कार्य इन गुणों का विकास सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि शिक्षा सामाजिक परिवर्तन का औजार है। हाल के वर्षों में महिलाओं और बच्चों के प्रति अत्याचार की बड़ी घटनाओं ने देश को झकझोर दिया है, हमें नैतिक मूल्यों में आई गिरावट के कारणों को पहचानना होगा। प्रणब मुखर्जी ने अपने भाषण में अनुसंधान और विकास की आवश्यकता पर भी जोर दिया।