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Saturday 16 July 2022 11:46:38 AM
नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने अपनी गतिविधियों के विभिन्न पहलुओं में कार्य निष्पादन एवं दक्षता लेखा परीक्षा केलिए शीर्ष समिति केसाथ एक संस्थागत तंत्र का गठन किया है, जिसमें रक्षा सचिव अध्यक्ष के रूपमें कार्य करेंगे। इस प्रकार की लेखा परीक्षा से रक्षा परियोजनाओं के नियोजन और इस दौरान उनके निष्पादन में आनेवाली विशिष्ट त्रुटियों को दूर करने, मंत्रालय के शीर्ष प्रबंधन को महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने एवं आंतरिक सेवाओं में प्रणालीगत सुधार लाने, वित्तीय प्रक्रियाओं की सुदृढ़ता तथा जोखिम कारकों की पहचान करने आदि का सुझाव प्राप्त होने की उम्मीद है।
रक्षा मंत्रालय का यह मौजूदा लेनदेन आधारित अनुपालन लेखा परीक्षा से एक परिणाम आधारित कार्य संपादन या दक्षता लेखा परीक्षा केलिए समग्र दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया एक प्रमुख बदलाव है। दक्षता लेखा परीक्षा केलिए शीर्ष समिति के सदस्यों में तीनों सेनाओं के उप प्रमुख, रक्षा सचिव वित्त, एकीकृत कर्मचारी समिति के प्रमुख, रक्षा लेखा महानियंत्रक, महानिदेशक अधिग्रहण और रक्षा मंत्रालय तथा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। कार्य निष्पादन और दक्षता लेखा परीक्षा के क्रियांवयन केलिए जिन व्यापक क्षेत्रों की पहचान की गई है, उनमें रक्षा संपत्ति खरीद, प्रावधान, लॉजिस्टिक्स सेवा, वस्तुसूची स्तर, प्लेटफार्मों या संपत्तियों का रखरखाव, मुहरबंद विवरण रखने वाले प्राधिकरणों की भूमिका एवं प्रदर्शन आदि शामिल हैं।
शीर्ष समिति कार्य निष्पादन और दक्षता लेखा परीक्षा केलिए किसी अन्य विशिष्ट क्षेत्र की भी सिफारिश कर सकती है। रक्षा सचिव की अध्यक्षता वाली समिति सीजीडीए कार्य निष्पादन एवं दक्षता लेखा परीक्षा के क्रियांवयन केलिए विशिष्ट क्षेत्रों की पहचान करेगी और लेखा परीक्षा रिपोर्ट तथा उनपर की गई कार्रवाई की निगरानी करेगी। यह रक्षामंत्री को अपनाए जानेवाले सुधारात्मक उपायों केसाथ-साथ आंतरिक निरीक्षण और जोखिम प्रबंधन ढांचे को मजबूत करने में समग्र सुधार के उपायों पर भी सलाह देगी।