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प्रधानमंत्री ने यूपी के महान नेताओं को याद किया

'हरमोहन ने देश केलिए सहयोग और समन्वय के आदर्श को निभाया'

नेता हरमोहन सिंह यादव के पुण्यतिथि कार्यक्रम को संबोधित किया

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 26 July 2022 11:50:29 AM

pm addressing at the 10th punyatithi of harmohan singh yadav

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व सांसद, विधानपरिषद सदस्य, विधायक और शौर्यचक्र से सम्मानित एवं एक महान शख्सियत और यादव समुदाय के नेता हरमोहन सिंह यादव की 10वीं पुण्यतिथि पर वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के महान नेताओं की गौरवशाली विरासत को याद करते हुए कहाकि सामाजिक जीवन में हरमोहन सिंह यादव ने जो आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया, वो अतुलनीय है। प्रधानमंत्री ने कहाकि लोहियाजी के विचारों को उत्तर प्रदेश और कानपुर की धरती से हरमोहन सिंह यादव ने अपने लंबे राजनैतिक जीवन में आगे बढ़ाया, उन्होंने प्रदेश और देश की राजनीति में जो योगदान किया, समाज केलिए जो कार्य किया, उनसे आनेवाली पीढ़ियों को मार्गदर्शन मिल रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रामसभा से राज्यसभा तक की हरमोहन सिंह यादव की लंबी और विशिष्ट यात्रा में समाज और समुदाय के प्रति उनके समर्पण के बारे में बताया। प्रधानमंत्री ने हरमोहन सिंह यादव के अनुकरणीय साहस के बारेमें चर्चा करते हुए कहाकि उन्होंने न केवल सिख संहार के खिलाफ राजनैतिक स्टैंड लिया, बल्कि सिख भाई-बहनों की रक्षा केलिए वो सामने आकर लड़े, अपनी जान पर खेलकर उन्होंने कितने ही सिख परिवारों की, मासूमों की जान बचाई, देश ने भी उनके इस नेतृत्व को पहचाना, उन्हें शौर्यचक्र से सम्मानित किया गया। नरेंद्र मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी के शब्दों को याद करते हुए दलगत राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्र की प्रधानता पर जोर दिया। उन्होंने कहाकि दलों का अस्तित्व लोकतंत्र की वजह से है और लोकतंत्र का अस्तित्व देश की वजह से है, हमारे देश में अधिकांश पार्टियों ने विशेष रूपसे सभी गैर-कांग्रेसी दलों ने इस विचार को देश केलिए सहयोग और समन्वय के आदर्श को निभाया भी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1971 के युद्ध, परमाणु परीक्षण और आपातकाल के खिलाफ लड़ाई का उदाहरण देते हुए देश केलिए एक संयुक्त मोर्चा बनाने को लेकर राजनीतिक दलों की भावना को स्पष्ट किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि आपातकाल के दौरान जब देश के लोकतंत्र को कुचला गया तो सभी प्रमुख पार्टियों ने एकसाथ आकर संविधान को बचाने केलिए लड़ाई भी लड़ी। उन्होंने कहाकि चौधरी हरमोहन सिंह यादव भी उस संघर्ष के एक जुझारू सैनिक थे, यानी हमारे यहां देश और समाज के हित, विचारधाराओं से बड़े रहे हैं।प्रधानमंत्री ने कहाकि हाल के समय में विचारधारा या राजनीतिक हितों को समाज और देश के हित से भी ऊपर रखने का चलन शुरू हुआ है, कई बार तो सरकार के कामों में विपक्ष के कुछ दल इसलिए अड़ंगे लगाते हैं, क्योंकि जब वो सत्ता में थे तो अपने लिए फैसले वो लागू नहीं कर पाए।
प्रधानमंत्री ने कहाकि यह देश की जनता को पसंद नहीं है, ये हर एक राजनीतिक पार्टी का दायित्व हैकि दल का विरोध, व्यक्ति का विरोध देश के विरोध में न बदले, विचारधाराओं का अपना स्थान है, और होना चाहिए, राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं हैं तो हो सकती हैं, लेकिन देश सबसे पहले है, समाज सबसे पहले है-राष्ट्र प्रथम है। नरेंद्र मोदी ने डॉ राम मनोहर लोहिया की सांस्कृतिक शक्ति की अवधारणा के बारे में बताया। नरेंद्र मोदी ने कहाकि मूल भारतीय चिंतन में समाज, विवाद या बहस का मुद्दा नहीं है और इसे एकता और सामूहिकता के ढांचे के रूपमें देखा जाता है। उन्होंने याद करते हुए कहाकि डॉ लोहिया ने रामायण मेलों का आयोजन और गंगा की देखभाल करके देश की सांस्कृतिक ताकत को मजबूत करने का काम किया। उन्होंने कहाकि भारत नमामि गंगे, समाज के सांस्कृतिक प्रतीकों को पुनर्जीवित करने और अधिकारों को सुनिश्चित करने केसाथ कर्तव्य के महत्व पर जोर देने जैसी पहलों से इन सपनों को साकार कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि समाज सेवा केलिए ये भी आवश्यक हैकि हम सामाजिक न्याय की भावना को स्वीकार करें, उसे अंगीकार करें। उन्होंने कहाकि आज जब देश अपनी आजादी के 75 वर्ष पर अमृत महोत्सव मना रहा है तो इसे समझना और इस दिशा में आगे बढ़ना बहुत जरूरी है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि सामाजिक न्याय का अर्थ है-समाज के हर वर्ग को समान अवसर मिलें, जीवन की मौलिक जरूरतों से कोई भी वंचित न रहे, दलित, पिछड़ा, आदिवासी, महिलाएं, दिव्यांग, जब आगे आएंगे, तभी देश आगे जाएगा। नरेंद्र मोदी ने कहाकि हरमोहनजी इस बदलाव केलिए शिक्षा को सबसे जरूरी मानते थे, शिक्षा के क्षेत्र में उनका काम प्रेरणादायक है। उन्होंने कहाकि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, आदिवासी क्षेत्रों के लिए एकलव्य स्कूल, मातृभाषा में शिक्षा को बढ़ावा देने जैसी पहलों के माध्यम से देश इस रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहाकि देश शिक्षा के माध्यम से सशक्तिकरण के मंत्र पर आगे बढ़ रहा है और शिक्षा ही सशक्तिकरण है।
ज्ञातव्य हैकि हरमोहन सिंह यादव एक महान व्यक्ति और यादव समुदाय के नेता थे। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री की भागीदारी होना किसानों, पिछड़े वर्गों और समाज के अन्य वर्गों केलिए उनके योगदान को मान्यता है। हरमोहन सिंह यादव लंबे समय तक राजनीति में सक्रिय रहे और विधान परिषद सदस्य, विधायक, राज्यसभा सदस्य और 'अखिल भारतीय यादव महासभा' के अध्यक्ष के रूपमें विभिन्न पदों पर कार्य किया। उन्होंने अपने बेटे सुखराम सिंह की मदद से कानपुर और उसके आसपास कई शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हरमोहन सिंह यादव को 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान कई सिखों की जान बचाने में वीरता के प्रदर्शन केलिए 1991 में शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था।

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