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भारत ब्रॉडबैंड का बीएसएनएल में होगा विलय

बीएसएनएल के पुनरुद्धार के उपायों के पैकेज को मंजूरी दी गई

बीएसएनएल के 2026-27 तक लाभ अर्जन करने की आशा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 28 July 2022 04:38:47 PM

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नई दिल्ली। प्रबंधन अधिकारियों की निजी क्षेत्र की संचार कंपनियों से सांठगांठ, अकर्मण्यता, भ्रष्टाचार और अव्यवस्था से जूझ रहे देश के सबसे बड़े संचार नेटवर्क बीएसएनएल को वित्तीय रूपसे व्यवहार्य बनाने केलिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 1.64 लाख करोड़ रुपये के बीएसएनएल के पुनरुद्धार उपायों के पैकेज को मंजूरी दी है। पुनरुद्धार के माध्यम से भारत ब्रॉडबैंड निगम लिमिटेड का बीएसएनएल में विलय करके बीएसएनएल सेवाओं के उन्नयन, स्पेक्ट्रम आवंटन, इसकी बैलेंस शीट को डी-स्ट्रेस करना और इसके फाइबर नेटवर्क को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। गौरतलब हैकि दूरसंचार एक सामरिक क्षेत्र है और दूरसंचार बाजार में बीएसएनएल एक बाजार संतुलक का कार्य करता है, जिसमें बीएसएनएल ग्रामीण क्षेत्रों में दूरसंचार सेवाओं के विस्तार, स्वदेशी प्रौद्योगिकी के विकास और आपदा राहत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
बीएसएनएल को उसकी मौजूदा सेवाओं में सुधार और 4जी सेवाएं प्रदान करने केलिए इक्विटी निवेश से 44,993 करोड़ रूपये की लागत से 900/1800 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम का प्रशासनिक आवंटन किया जाएगा। बीएसएनएल इस स्पेक्ट्रम से बाजार में प्रतिस्पर्धा करने और ग्रामीण क्षेत्रों सहित अपने विशाल नेटवर्क का उपयोग करके हाईस्पीड डेटा प्रदान करने में सक्षम होगा। दावा हैकि स्वदेशी प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देने केलिए बीएसएनएल आत्मनिर्भर 4जी प्रौद्योगिकी स्टैक लगाने की दिशा में अग्रसर है और अगले 4 वर्ष केलिए अनुमानित पूंजीगत व्यय को पूरा करने केलिए सरकार उसे 22,471 करोड़ का कैपेक्स फंड देगी। आत्मनिर्भर 4जी स्टैक को विकसित करने तथा लगाने से बीएसएनएल को महत्वपूर्ण प्रोत्साहन मिलेगा। उम्मीद की जा रही हैकि पुनरुद्धार योजना के लागू होने से बीएसएनएल के वित्तीय वर्ष 2026-27 में लाभ अर्जन करके टर्न अराउंड होगा।
बीएसएनएल वाणिज्यिक अव्यवहार्यता के बावजूद सरकार के सामाजिक उद्देश्यों को पूरा करने केलिए ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में वायर लाइन सेवाएं प्रदान कर रहा है। नरेंद्र मोदी सरकार 2014-15 से 2019-20 के दौरान किए गए व्यावसायिक रूपसे अव्यवहार्य ग्रामीण वायर लाइन संचालन केलिए वायबिलिटी गैप फंडिंग के रूपमें बीएसएनएल को 13,789 करोड़ प्रदान करेगी। एजीआर बकाया के निपटान कैपेक्स के प्रावधान और स्पेक्ट्रम के आवंटन के बदले बीएसएनएल की अधिकृत पूंजी को 40,000 करोड़ से बढ़ाकर 1,50,000 करोड़ रुपये किया जाएगा। सरकार इन पीएसयू को दीर्घकालिक ऋण लेने केलिए सॉवरेन गारंटी देगी, जो40,399 करोड़ की राशि केलिए दीर्घकालिक बॉंड लेने में सहायक होंगे, इससे मौजूदा ऋण के पुनर्गठन और बैलेंस शीट को डी-स्ट्रेस करने में मदद मिलेगी।
बीएसएनएल की बैलेंस शीट को और बेहतर बनाने केलिए बीएसएनएल की 33,404 करोड़ रुपये की एजीआर बकाया धनराशि को इक्विटी में परिवर्तित करके चुकाया जाएगा। बीएसएनएल को एजीआर/ जीएसटी बकाया के निपटारे केलिए सरकार धन उपलब्ध कराएगा। बीएसएनएल सरकार को 7,500 करोड़ के प्रेफरेंस शेयर पुन: जारी करेगा। भारतनेट के तहत सृजित बुनियादी ढांचा राष्ट्रीय संपत्ति बना रहेगा, जो सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं केलिए बिना भेदभाव के आधार पर उपलब्ध होगा। इन उपायों से बीएसएनएल मौजूदा सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करने, 4जी सेवाओं को शुरू करने और वित्तीय रूपसे व्यवहार्य बनने में सक्षम होगा।

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