Friday 29 July 2022 04:10:12 PM
हर्ष भारवानी
मुंबई। विशेष रूपसे आज देश-विदेश के आईटी उद्योग में डिजिटल रोज़गार तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन जानते हैंकि ऐसा क्यों? हमने इससे पहले सुना है कि आर्टिफीशियली इंटेलिजेंस यानी कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसी संभावित प्रौद्योगिकियां लोगों को बेरोज़गार कर सकती हैं, लेकिन मैक्किंज़े ग्लोबल इन्स्टिट्यूट का कहना हैकि डिजिटल अर्थव्यवस्था उत्पादकता का चेहरा बदल सकती है और 2025 तक 60 मिलियन से अधिक नई नौकरियां पैदा कर सकती है। उसीके साथ प्रशिक्षित पेशेवरों की मांग में वृद्धि हो रही है, जानिए इसके लिए नौसीखिए पेशेवर अपना प्रशिक्षण कहां से प्राप्त कर सकते हैं?
डिजिटल इंडिया की रिपोर्ट में यह भी कहा गया हैकि भारत में श्रमिकों की संख्या 2025 तक बढ़कर 540 मिलियन से अधिक हो जाएगी। इसमें सरकारी सेवाएं, नए डिजिटलीकरण क्षेत्र, प्रमुख आईटी क्षेत्र आदि शामिल होंगे। कई कारणों से आने वाली तकनीकों के कारण डिजिटल दुनिया में नौकरियों की मांग जबरदस्त बढ़ रही है। आज हमारे पास विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिष्ठित संगठनों के उच्च प्रशिक्षित कौशल वाले युवा कर्मचारी हैं। इसके अलावा कुछ नौसीखिए पेशेवर हैं, जो प्रशिक्षित होना चाहते हैं और एक शानदार आशाजनक करियर की तलाश में हैं। हर नौसीखिए केलिए सबसे बड़ा सवाल यह रहता हैकि विभिन्न कौशल के साथ अपने भविष्य को उज्ज्वल करने केलिए उन्हें कहां से प्रशिक्षण लेना चाहिए?
यह सवाल बिल्कुल सामान्य है, क्योंकि प्रशिक्षण लेने केलिए कई संस्थाएं उपलब्ध हैं, लेकिन स्टूडेंट का अच्छे से क्वालिफाइड होना जरुरी है, ताकि उस क्षेत्र की सभी गतिविधियों केसाथ उसको पूरी नॉलेज मिले, जिसे वह सीखना चाहता है। सरकार ने अध्ययन और रोज़गार के बीच की खाई को कम करने केलिए कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए हैं या जेटकिंग का स्किल-इंडिया जैसी कई प्रतिष्ठित संस्थाओं ने यह ग्रूमिंग प्रोग्राम शुरू किया है। संस्था के लक्ष्यों या उद्देश्यों के आधार पर छात्रों में आवश्यक कौशल विकसित करना होता है। एक सवाल हैकि डिजिटल रोज़गार ने कर्मचारी-नियोक्ता समझौते मॉडल को कैसे प्रभावित किया है? डिजिटल परिवर्तन ने प्रौद्योगिकी में क्रांतिकारी परिवर्तनों के साथ काम करने के बारे में लोगों के सोचने के तरीके को बदल दिया है।
हालॉकि प्रौद्योगिकी ने आज लोगों केलिए कार्यस्थल और समय के अनुकूल होना आसान और अधिक लचीला बना दिया है। कोविड महामारी ने लोगों के जीवन में ऐसा आमूलचूल परिवर्तन कर दिया हैकि पूरी दुनिया में लोग दूर और घर से काम कर पा रहे हैं। इसने गिग इकॉनमी को जन्म दिया है, जहां लोग अधिक स्वतंत्र रूपसे काम कर सकते हैं। डिजिटल कौशल की अचानक मांग ने आपूर्ति अंतर को बड़ा कर दिया है। अपने कर्मक्षेत्र में असफल कर्मचारियों को छोड़कर, कुशल कर्मचारी हर कंपनी में अपनी सफल और महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। नवीनतम औद्योगिक क्रांति डिजिटल अर्थव्यवस्था के साथ प्रतिस्पर्धा करने केलिए डिजिटल कौशल की पूरी मांग में है। इनकी लगातार बढ़ती मांग ने सबसे आवश्यक प्रतिभाओं की आपूर्ति को भी पूरा किया है। इसमें अपस्किलिंग कार्यक्रम अधिक सहायक हैं।
लेकिन फिर भी दुनिया के कुछ हिस्से ऐसे भी हैं, जहां लोग पूरी तरह से पारंपरिक प्रणालियों पर निर्भर हैं। दूरदराज के इलाकों में ज्यादातर लोग अभीभी अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलने और नई चीजों की खोज करने केलिए संघर्ष कर रहे हैं। मांग कौशल की दिशा में आपूर्ति के अंतर को चौड़ा करने का यह एक प्रमुख कारण हो सकता है। आपूर्ति अंतराल को कम करने केलिए कंपनियां अलग-अलग अप-स्किलिंग का अभ्यास करने की अपेक्षा कैसे करती हैं जानिए! कई कंपनियां आज इन-हाउस ग्रूमिंग कार्यक्रमों के माध्यम से अपनी प्रतिभा को विकसित करने केनए तरीके लेकर आती हैं। वे उद्योग के साथ सीखने और बढ़ने केलिए प्रत्येक कर्मचारी केलिए एक अनुकूल वातावरण तैयार कर रही हैं। इन-हाउस ट्रेनिंग के अलावा कंपनियां अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने केलिए अन्य प्रशिक्षण चैनलों के साथ साझेदारी कर रही हैं। यह संयोजन कर्मचारियों की आपूर्ति और मांग के बीच भारी अंतर को कम कर सकता है।
ब्लॉकचेन, क्लाउड कंप्यूटिंग में नौसीखिए पेशेवरों केलिए अपेक्षित वेतन क्या है? वेतन और भत्तों को ध्यान में रखते हुए ब्लॉकचेन उद्योग के विशेषज्ञ औसतन रुपए 500,000 से 20,00,000 एलपीए वेतन की उम्मीद कर सकते हैं। ग्लासडोर सर्वेक्षण के अनुसार कौशल, अनुभव, उद्योग के प्रकार जैसे कई कारकों के आधार पर वेतन अधिक हो सकता है। जनवरी 2020 तक के एक अध्ययन के अनुसार एक क्लाउड कंप्यूटिंग पेशेवर औसत वार्षिक वेतन 7-8 लाख रुपये तक कमा सकता है। क्लाउड कंप्यूटिंग उद्योग के बढ़ने के साथ इस श्रेणी के बढ़ने की उम्मीद है। (हर्ष भारवानी, जेटकिंग इन्फोट्रेन के सीईओ और प्रबंध निदेशक हैं)।