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राजभवन में सजा श्रीगुरुग्रंथ साहिब का दरबार!

राजभवन में मनाया गया श्रीगुरु तेग बहादुर का 401वां प्रकाश पर्व

राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने श्रीगुरूओं के लिए उद्गार व्यक्त किए

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Friday 29 July 2022 09:47:35 PM

prakash parv of shri guru tegh bahadur celebrated at raj bhavan

लखनऊ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज राजभवन के गांधी सभागार में श्रीगुरु तेग बहादुर के 401वें प्रकाश पर्व पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने श्रीगुरु ग्रंथ साहिब को अपने सिर पर रखकर उनके आसन पर स्थापित किया। पंज प्यारों ने श्रीगुरु ग्रंथ साहिब की अगुवाई की। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहाकि श्रीगुरु तेग बहादुर का आदर्श जीवन हमें ईश्वरीय निष्ठा के साथ समता, करुणा, प्रेम, सहानुभूति, त्याग और बलिदान जैसे मानवीय गुणों के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने कहाकि श्रीगुरु गोविंद सिंह महाराज के चार साहिबजादों ने देश और धर्म की रक्षा केलिए अपने को बलिदान कर दिया था, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साहिबज़ादों को उनका सम्मान दिलाने केलिए हरसाल वीर बाल दिवस मनाने की घोषणा की, वे सिख परम्परा के सभी तीर्थों को जोड़ने केलिए भी प्रयासरत हैं।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने श्रीगुरु तेगबहादुर साहिब को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहाकि वीरता और साहस के प्रतीक सिख धर्म के 9वें गुरु उन निःस्वार्थ शहीदों में से एक थे, जिन्होंने सभी भारतीयों को शांतिपूर्वक अपने धर्म का पालन करने में मदद की। उन्होंने कहाकि वे जानते थेकि धर्म का मार्ग सत्य का मार्ग है और सत्य की सदैव जीत होती है। राज्यपाल ने कहाकि उत्तर प्रदेश पंजाबी अकादमी ने पंजाबी को लोकभाषा के रूपमें प्रचलित करने केलिए रचनात्मक कार्य किए हैं। राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने संयुक्त रूपसे पंजाबी अकादमी के मोबाइल पंजाबी ऐप का शुभारंभ किया और सिख इतिहास पर होने वाली प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता परीक्षा केलिए प्रकाशित पुस्तक ‘सिक्खी ज्ञानमाला प्रतियोगिता’ तथा ‘अनमोल कलमां’ का विमोचन किया। कार्यक्रम में राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को सरोपा एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया। राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने सिख समाज के सदस्यों के साथ जमीन पर बैठकर लंगर में प्रसाद भी ग्रहण किया।
राज्यपाल ने कहाकि सिख परम्परा के प्रथम गुरू श्रीगुरू नानकदेव महाराज ने भी प्रेम एकता और मानवता का संदेश दिया है, इस सिख परम्परा को श्रीगुरू अंगददेव महाराज से लेकर श्रीगुरू गोविंद सिंह तक सभीने आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहाकि हमारा देश पूरी निष्ठा केसाथ अपने गुरुओं के आशीर्वाद तथा उनके आदर्श अपनाकर आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहाकि श्रीगुरु तेग बहादुर एक आध्यात्मिक पुंज थे, वे एक गुरू के रूपमें हम सबके आराध्य हैं। मुख्यमंत्री ने राजभवन में श्रीगुरू तेगबहादुर के प्रकाशपर्व के आयोजन केलिए राज्यपाल को बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहाकि सभीको यह याद रखना होगाकि इतिहास को विस्मृतकर हम आगे नहीं बढ़ सकते, इतिहास के गौरवशाली क्षण हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा प्रदान करते हैं, साथही इतिहास की गल्तियां भी हमें उनका परिमार्जन करने का अवसर प्रदान करती हैं। उन्होंने कहाकि कीर्तन हमें भक्ति की धारा के साथ जोड़ने का प्रयास है, जो हमारी भावी कार्ययोजनाएं बनाने केलिए भी प्रेरित करता है। उन्होंने कहाकि यह सभी चीजें एक साथ आगे बढ़कर देश और समाज को प्रगति पथ पर अग्रसर करती हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहाकि सिख गुरुओं का इतिहास भारत की विजयगाथा को प्रमाणित करता है, श्रीगुरू नानकदेव महाराज ने विशुद्ध भक्ति की धारा प्रवाहित की, लेकिन जब देश और समाज को आवश्यकता पड़ी तो उनके शक्तिपुंज बनने में भी देर नहीं लगी। उन्होंने कहाकि श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर को स्वर्ण मंडित करने का कार्य महाराजा रणजीत सिंह ने किया था और एक वह धारा थी, जिसने श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर को तोड़ा था, पहली धारा उसी मंदिर को स्वर्ण मंडित करके भारत के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखी गई जो पीढ़ियों को प्रेरित कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहाकि जब व्यक्ति किसी कार्य को धर्म मानता है तो उसके लिए दावा नहीं करता है, वह उसे एक कर्तव्य मानता है, जैसे महाराजा रणजीत सिंह, जिनके वंशजों या सिख समाज ने कभी यह दावा नहीं कियाकि उन्होंने श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर को स्वर्ण मंडित कराया। योगी आदित्यनाथ ने कहाकि श्रीगुरू तेग बहादुर का बलिदान कश्मीरी पंडितों, देश तथा धर्म की रक्षा केलिए हुआ था।
योगी आदित्यनाथ ने उल्लेख कियाकि मुख्यमंत्री आवास पर भी श्रीगुरू नानक देव महाराज के 550वें प्रकाश पर्व का आयोजन हुआ था, उसके बाद पहली बार मुख्यमंत्री आवास पर साहिबजादा दिवस के आयोजन हुए। मुख्यमंत्री ने विगत वर्ष प्रधानमंत्री द्वारा साहिबजादा दिवस को देशभर में प्रतिवर्ष वीर बाल दिवस के रूपमें मनाने की घोषणा केलिए आभार प्रकट किया। मुख्यमंत्री ने कहाकि लखनऊ का यहियागंज गुरुद्वारा, श्रीगुरू तेग बहादुर महाराज की स्मृतियों के साथ ही श्रीगुरू गोविंद सिंह महाराज की बचपन की स्मृतियों से भी जुड़ा हुआ है, पटना साहिब में श्रीगुरू गोविंद सिंह का जन्म हुआ था, वहां से अलग-अलग स्थानों से होती हुई उनकी सवारी लखनऊ आई, वह स्मृतियां भी हमारे साथ जुड़ी हुई हैं। उन्होंने कहाकि उत्तर प्रदेश में श्रीगुरू नानकदेव महाराज से लेकर श्रीगुरू गोविंद सिंह महाराज तथा उसके उपरांत समृद्ध सिख परम्परा और उससे जुड़े हुए कार्य अभूतपूर्व हैं, इस परम्परा को अक्षुण बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है, इस प्रकार के पवित्र आयोजनों की निरंतरता बनी रहनी चाहिए।
कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह ओलख भी इस अवसर पर मौजूद थे, जिन्होंने श्रीगुरू तेग बहादुर का प्रकाश पर्व राजभवन में मनाने की पहल केलिए राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री का भी आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में श्रीअकाल तख्त साहिब के जत्थेदार हरप्रीत सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के समापन के पश्चात राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री ने सिख समाज के सदस्यों के साथ जमीन पर बैठकर लंगर ग्रहण किया। इस अवसर पर लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया, दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के पूर्व अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा, राष्ट्रीय सिख संगत के अध्यक्ष सरदार गुरूचरन सिंह गिल, राष्ट्रीय महामंत्री अविनाश जायसवाल, उत्तर प्रदेश पंजाबी अकादमी के उपाध्यक्ष गुरविंदर सिंह छाबड़ा, राज्य अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य परविंदर सिंह, स्वामी रामेश्वरानंद, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव राज्यपाल महेश कुमार गुप्ता, अपर मुख्य सचिव एमएसएमई एवं सूचना नवनीत सहगल और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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