स्वतंत्र आवाज़
word map

चाबहार बंदरगाह से खुलेंगे मध्य एशियाई बाज़ार

भारत और मध्य एशियाई बाजारों के जुड़ाव की रणनीति को बढ़ावा

केंद्रीय नौवहन मंत्रालय का मुंबई में 'चाबहार दिवस' पर सम्मेलन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 1 August 2022 01:41:25 PM

union shipping ministry's conference on 'chabahar day' in mumbai

मुंबई। केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन, जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने ईरान में चाबहार बंदरगाह के उपयोग के माध्यम से मध्य एशियाई क्षेत्र केसाथ व्यापार क्षमता को खोलने की संभावना की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता व्यक्त की है। 'चाबहार दिवस' पर केंद्रीय बंदरगाह नौवहन मंत्रालय ने इंडियन पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड केसाथ मुंबई में एक सम्मेलन किया था, जिसमें केंद्रीय नौवहन मंत्री और राज्यमंत्री श्रीपद येसो नाइक ने मध्य एशियाई देशों के उच्चस्तरीय राजनयिक प्रतिनिधिमंडल केसाथ बातचीत की। सर्बानंद सोनोवाल ने इसमें कहाकि आईपीजीएल का गठन चाबहार विकास परियोजना में शाहिद बेहश्‍ती बंदरगाह के संचालन केलिए किया गया था और हमारी परिकल्‍पना हैकि चाबहार बंदरगाह अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे का पारगमन केंद्र बने, ताकि हम सीआईएस देशों तक आसानी से पहुंच सकें।
सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि ईरान में चाबहार के जीवंत शाहिद बेहेश्ती बंदरगाह के माध्यम से आईएनएसटीसी का विचार एक मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक कॉरिडोर का उपयोग करके दो बाजारों को जोड़ने का है। उन्होंने कहाकि ये हमारी लॉजिस्टिक लागत को युक्तिसंगत बनाएगा, जो दोनों क्षेत्रों केबीच व्यापार की मात्रा में योगदान देगा। चाबहार बंदरगाह के विकास केलिए सक्रिय समर्थन दिखाने वाले हितधारकों को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहाकि संयुक्त प्रयासों से कनेक्टिविटी बढ़ाने वाले व्यापार का एक बिंदु और भारत-मध्य एशियाई देशों केबीच वाणिज्य को सफलतापूर्वक विकसित किया गया है। सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि चाबहार बंदरगाह समृद्ध मध्य एशियाई क्षेत्र को दक्षिण एशियाई बाजारों से जोड़ता है, यह व्यापार, आर्थिक सहयोग और दो भौगोलिक क्षेत्रों केबीच लोगों को जोड़ने केलिए महत्वपूर्ण रूपमें उभरा है। उन्होंने कहाकि मध्य एशियाई बाजारों की संभावना के कारण भारत की अगुवाई में आपस में जुड़ने से मध्‍य एशियाई देशों की हिंद महासागर क्षेत्र में पहुंच को सुरक्षित और वाणिज्यिक दृष्टि से व्‍यवहार्य बना दिया है।
जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि मध्‍य एशियाई देशों से यह सम्‍पर्क न केवल आपस में संपर्क प्रदान करेगा, बल्कि हमारे सांस्कृतिक और राजनीतिक संबंधों का आगे बढ़ाते हुए निवेश को भी आगे बढ़ाएगा। उन्होंने कहाकि यह मध्य एशियाई क्षेत्र की पारगमन और परिवहन संभावना को भी विकसित करेगा और उनके लॉजिस्टिक नेटवर्क में सुधार करेगा। उन्होंने कहाकि चाबहार बंदरगाह वहां पर एक क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय परिवहन गलियारा बनाने केलिए एक संयुक्त पहल को बढ़ावा देने की अगुवाई करेगा। सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि इसका उद्देश्य चाबहार बंदरगाह पर सार्वभौमिक रूपसे मान्यता प्राप्त अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों, सुशासन, कानून के शासन और समानता को विकसित करना है। उन्होंने कहाकि चाबहार में शाहिद बेहश्‍ती बंदरगाह की माल लादने और उतारने की क्षमता जो आज 8.5 मिलियन टन है, परियोजना के पहले चरण के पूरा होने पर बढ़कर 15 मिलियन टन हो जाएगी। सर्बानंद सोनोवाल ने भारत और अन्य बाजारों केसाथ अपने व्यापार को सुविधाजनक बनाने केलिए शाहिद बेहेश्ती बंदरगाह की सेवाओं का उपयोग करने केलिए मध्य एशियाई देशों का स्वागत किया।
सर्बानंद सोनोवाल ने सभी हितधारकों से आग्रह कियाकि वे परिवहन समय को और कम करने, भारत से मध्‍य एशिया केलिए एक छोटा, तेज और अधिक विश्‍वसनीय मार्ग खोलने और दोनों क्षेत्रों केबीच बिना किसी कठिनाई के व्‍यापार की संभावना बढ़ाने केलिए चाबहार आईएनएसटीसी लिंक को प्रोत्‍साहित करने केलिए सुझाव दें। उन्होंने हितधारकों से अनुरोध किया कि वे अपने व्यापार समुदाय को जागरुक करेंकि यह मार्ग अवसर और संभावनाएं खोल सकता है। राज्‍यमंत्री श्रीपद येसो नाइक ने कहाकि आनेवाले वर्ष में शाहिद बेहेश्ती बंदरगाह की प्रगति व्यापार के तेजीसे विकास में सहयोग करेगी और क्षेत्र में जीवन स्तर को बढ़ाएगी। राज्‍यमंत्री ने कहाकि इस बुनियादी ढांचे से क्षेत्र में व्यापार और निवेश की संभावनाओं का विस्तार होगा। उन्होंने कहाकि यह व्यापार बैठक शाहिद बेहश्‍ती बंदरगाह के माध्यम से अवसर पैदा करेगी और इसे समुद्री क्षेत्र में और अधिक विकसित करने में मदद मिलेगी। मध्य एशियाई देशों के प्रतिनिधियों ने इस बात पर प्रकाश डालाकि कैसे आईएनएसटीसी केसाथ चाबहार लिंक उनके क्षेत्रों में आयात-निर्यात एक्जिम व्यापार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है और इसकी क्षमता भूमि से घिरे देशों में विकास को और बढ़ावा दे सकती है।
दिनभर चलने वाले कार्यक्रम के दौरान कई प्रस्तुतियां और गवर्नमेंट टू बिजनेस सेशन हुए। चाबहार दिवस आईएनएसटीसी की शुरुआत-भारत और मध्य एशिया केबीच कार्गो की आवाजाही को किफायती बनाने की भारत की परिकल्‍पना के अवसर पर मनाया जाता है। ईरान में चाबहार बंदरगाह क्षेत्र और विशेष रूपसे मध्य एशिया केलिए वाणिज्यिक पारगमन केंद्र है। सम्मेलन में आए उच्चस्तरीय राजनयिक प्रतिनिधिमंडल में कजाकिस्तान के राजदूत नुरलान झालगासबायेव, किर्गिस्तान के राजदूत असीन इसेव, ताजिकिस्तान के राजदूत लुकमोन बोबोकलोंजोडा, तुर्कमेनिस्‍तान के राजदूत शालार गेलडीनजरोव, उज्बेकिस्तान के राजदूत दिलशोद अखतोव, पीएमओ में बंदरगाह और आर्थिक मामलों के उप मंत्री जलील एस्लामी, अफगानिस्तान की महावाणिज्य दूत (सीजी) जकिया वर्दाक, ईरान के महावाणिज्य दूत डॉ एएम अलीखानी और मसूद ओस्ताद हुसैन शामिल थे। भारतीय बंदरगाह संघ के अध्यक्ष राजीव जलोटा, विदेश मंत्रालय में संयुक्‍त सचिव जेपी सिंह और इंडियन पोर्टस ग्लोबल लिमिटेड के एमडी सुनील मुकुंदन भी इस दौरान उपस्थित थे। अध्यक्ष आईपीए, एमडी आईपीजीएल, एफएफएफएआई और संयुक्त सचिव विदेश मंत्रालय भारत सरकार ने प्रस्तुतिकरण और भाषण दिए।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]