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काले कपड़ों में कांग्रेस के 'काले कारनामे'

महंगाई के नाम पर राहुल-प्रियंका का ईडी से बचाओ-बचाओ!

सोनिया परिवार के भ्रष्टाचार पर ईडी की सख़्त कार्रवाई जारी है

Friday 5 August 2022 04:28:35 PM

दिनेश शर्मा

दिनेश शर्मा

black exploits of congress in black clothes!

नई दिल्ली। काले कारनामों में फंसी कांग्रेस का काले कपड़ों में राष्ट्रपति भवन तक आज मार्च और प्रदर्शन यूं तो देशमें महंगाई और बेरोज़गारी पर नाराज़गी के नाम पर था, किंतु सच्चाई यह हैकि सोनिया गांधी का परिवार उसके भ्रष्टाचार पर ईडी की कड़ी कार्रवाई में जेल भेजे जाने से भयभीत है। सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और रार्बट वाड्रा के खिलाफ आर्थिक अपराध और भ्रष्टाचार के अकाट्य सबूतों के साथ ईडी की कार्रवाई जैसे-जैसे इनके अंजाम की ओर बढ़ रही है, वैसे-वैसे यह परिवार अपने बचाव केलिए कोर्ट और 'लोकतंत्र' का इस्तेमाल कर रहा है, जैसे आज दिल्ली और देशभर में सोनिया गांधी, राहुल गांधी परिवार ने किया और कांग्रेसियों से कराया। राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा एवं उनके नेताओं को गिरफ्तार कर किंग्सवे कैंप में दिनभर के लिए निरुद्ध कर दिया गया। देशभर में इस धरना-प्रदर्शन के बावजूद सोनिया गांधी परिवार पर कानून का शिकंजा कसना जारी है। कांग्रेस की महंगाई और बेरोज़गारी की दलील जनसामान्य और विश्लेषकों के गले नहीं उतर रही है। वह मान रहे हैंकि मामला केवल सोनिया गांधी परिवार के भ्रष्टाचार पर कार्रवाई का है, जिससे वह ऐसे हथकंडे अपनाकर कार्रवाई से बचने की असफल कोशिश करता आ रहा है।
जनसामान्य इसे कांग्रेस का काले कपड़ों में भ्रष्टाचार का 'फैशन शो' कहकर मज़ाक उड़ा रहा है। उसका कहना हैकि इस मार्च और प्रदर्शन में काले कपड़े पहने कांग्रेसी नेता भीतो सोनिया गांधी परिवार के भ्रष्टाचार और सरकार में शीर्ष पदों पर रहकर कदाचार के सुखभोगी हैं। कांग्रेस के नेता संसद में भी काले कपड़ों में पहुंचे। राहुल गांधी ने बांहपर काली पट्टी बांधकर सवेरे प्रेस कॉंफ्रेंस की थी और मोदी सरकार पर हल्ला बोला था। बीजेपी ने भी पलटवार करके कहाकि यह मार्च बेरोज़गारी और महंगाई का मामला नहीं है, बल्कि ईडी पर हमला है, जो सोनिया गांधी परिवार के भ्रष्टाचार को उजागर कर रही है। राहुल गांधी की प्रेस कॉंफ्रेंस में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी मौजूद थे, जो यह प्रमुखता से कह रहे थेकि देश में 'ईडी' का आतंक है। अशोक गहलोत के कथन से कांग्रेस के मार्च और प्रदर्शन के उद्देश्य का उसी समय भंडाफोड़ हो गया। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का कुनबा यूं तो पहले से ही राजनीति से लेकर आर्थिक क्षेत्रमें अपराध और भ्रष्टाचार से देश-विदेश में अकूत धन-सम्पत्ति जमा करने केलिए कुख्यात है, लेकिन सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और रार्बट वाड्रा पर पहलीबार ईडी के तगड़े एक्शन से देशकी नई पीढ़ी के सामने इसकी पुष्टि हो गई है।
कांग्रेस और सोनिया परिवार की बौखलाहट और कानून से बचने के नाना प्रकार के प्रपंच, कांग्रेस के बचे-खुचे कार्यकर्ताओं को बेरोज़गारी महंगाई के बहाने सड़कों पर उतारना, बात-बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को घसीटना इस परिवार की आम बात हो गई है। पूरा देश जान चुका हैकि सोनिया गांधी परिवार ने देशके सार्वजनिक प्रतिष्ठानों से लेकर देशकी सम्प्रभुता एकता अखंडता को दूसरे देशों में तार-तार किया है। तत्कालीन प्रधानमंत्री सरदार मनमोहन सिंह के नेतृत्व में सोनिया गांधी और उसका परिवार ही यूपीए की सरकार चला रहा था और एकसे बढ़कर एक आर्थिक अपराध में संलिप्त था। जैसे इन्हें देशमें हर प्रकार की छूट मिली हुई थी, लेकिन इन्हें यह अनुमान नहीं रहाकि एक समय बाद देश उनके कारनामों से बखूबी बाख़बर हो जाएगा और जब उनके भ्रष्टाचार के मामले खुलेंगे तो देशकी जनता उनके समूचे साम्राज्य को तहस-नहस कर देगी और वही हुआ। देशकी जनता ने कांग्रेस गठबंधन को लात मारकर बीजेपी गठबंधन को देशकी सत्ता सौंप दी, जिसके बाद जो होरहा है, वह देश और दुनिया जान रही है, समझ रही हैकि कांग्रेस नेता और सोनिया गांधी परिवार सत्ता में रहकर किस तरह सोने की चिड़िया हिंदुस्तान को इस्लामिक हमलावरों की तरह लूटते और बर्बाद करते रहे हैं।
सोनिया गांधी परिवार केहाथ से देश और देशके लगभग सभी राज्यों की सत्ता चली गई है। कभी पूरे देशपर राज करने वाली कांग्रेस आज अपने अस्तित्व केलिए क्षेत्रीय दलों का सहारा ढूंढ रही है। कांग्रेस के नेता सत्ता केबिना तड़प-तड़पकर इधर-उधर भाग रहे हैं, उनके हाथ में मानो कटोरा आ गया है। हालात बता रहे हैंकि देशकी जनता ने कांग्रेस शासन का युग बेआबरू करके सत्ता से बाहर किया है। देशके कुछ ही राज्यों में कांग्रेस को जोकुछ आस बंधी थी, भारतीय जनता पार्टी ने उसका भी बोरिया-बिस्तर समेट दिया है। देशके सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का कोई नाम लेवा नहीं बचा है। सोनिया गांधी केकुछ प्यादे कोई राजस्थान और कोई छत्तीसगढ़ से राज्यसभा में अपना ठौर ढूंढ पाए हैं। इन प्यादों की निष्ठाओं काभी कुछ पता नहीं है। इस समय सोनिया गांधी परिवार का नेशनल हेराल्ड केस में 'जुलूस' निकला हुआ है। इनमें चारों तरफ उसीकी खलबली और चिंता हैकि ऐसे हालातों में उत्तर प्रदेश ही नहीं अब कहींभी कांग्रेस की वापसी संभव नहीं दिखती है तो आगे क्या होगा?प्रियंका गांधी कांग्रेस का अंतिम कार्ड था, वहभी विफल हो गया है। राहुल गांधी में कितना दम है, वह देश देखही चुका है। सोनिया गांधी कुनबे का भ्रष्टाचार उसके ही गले पड़ गया है। नवजीवन, नेशनल हेराल्ड और कौमी आवाज़ समाचारपत्र निकालने वाली कंपनी एजेएल की सम्पत्तियों को कदाचार करके अपनी यंग इंडिया कंपनी में बदलकर इन्होंने जो 'खेल' किया है, देश-दुनिया में उसकी मिसाल नहीं मिल रही है।
कांग्रेस का सोनिया गांधी परिवार झूंठ पर झूंठ बोलकर जमानत पर रहते हुए ईडी और देशपर कीचड़ उछाल रहा है, देशवासियों को गुमराह करता आ रहा है। सोनिया गांधी परिवार ने हफ्तेभर से कांग्रेस के नेता लोकसभा और राज्यसभा में हंगामा काटने पर लगाए हुए हैं। इनके भक्तगणों ने कोरे झूंठे आरोपों केसाथ कभी संसद का घेराव, कभी जंतर-मंतर पर प्रदर्शन, कभी प्रधानमंत्री का निवास घेरने केलिए हंगामे की हदें पार कर रखी हैं। देश जान गया हैकि सोनिया गांधी परिवार ने देश केसाथ धोखा किया हुआ है, चीन जैसी भारतविरोधी शक्तियों से देशका सौदा किया हुआ है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी कोशिश कर रहे हैंकि वह मोदी सरकार को दबाव में लेलें, लेकिन उनके लिए यह इतना मुश्किल काम हैकि वे अपने कोही बचा लें तो बहुत बड़ी बात है। एक और बात। कांग्रेस के मार्च प्रदर्शन में अनेक टीवी चैनल भी कांग्रेस का मुखौटा नज़र आ रहे हैं। प्रियंका गांधी और उनका परिवार एयरकंडीशन कार में बैठकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, बाकी नेता-कार्यकर्ता सड़कों पर नौटंकी कर रहे हैं। अनेक चैनल के रिर्पोटर कांग्रेसियों के प्रदर्शन और हंगामे की ऐसे लाइव रिर्पोटिंग कर रहे हैं, जैसेकि वह स्वयं इस धरना प्रदर्शन और हंगामे में शामिल हैं। इनके रिर्पोटर और एंकर केपास कंटेंट के नामपर केवल 'उन्होंने कहा', 'उन्होंने आरोप लगाया', 'उन्होंने बताया' और हद से हद 'सूत्रों का कहना हैकि' के अलावा अपना कोई कंटेंट नहीं है।
अधिकांश समाचार टीवी चैनल ऐसे-ऐसे छिछोरे नेताओं के छिछोरे आरोप दिखाते सुनाते आ रहे हैंकि पत्रकारिता को शर्म आ जाए। टीवी समाचार देखने और सुनने वाले कभी-कभी एंकर और रिर्पोटर की अज्ञानता पर अपना माथा पकड़कर रह जाते हैं, आज कांग्रेस के 'बचाओ-बचाओ शो' में अपवाद को छोड़कर मीडिया चैनल यही करते नज़र आए। कांग्रेस के चार्जशीटेड सोनिया गांधी परिवार का यह प्रदर्शन हंगामा केवल टीवी चैनलों परही ज्यादा दिख रहा है। जब टीवी चैनल वाले स्थल पर आते हैं तो कांग्रेसी उनके सामने उग्ररोष प्रकट करते हैं। वे यातो अपनी लग्जरी गाड़ियों में या आसपास के सुविधाजनक कैफे आदि जगहों पर याफिर टीवी डिबेट में दिखते हैं। मोदी सरकार पर इनके आरोप वही घिसेपिटे चले आ रहे हैं, जिनसे पता चलता हैकि कांग्रेसियों का ड्रामा केवल मोदी सरकार की कार्रवाई पर रोने-धोने का ही बचा है। सोनिया गांधी परिवार पर कानून का शिकंजा इतना कसा हैकि इनकी कहीं कोई बचत नहीं दिख रही है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के कुनबे और उनके सलाहकारों का प्र्रपंच देखिए कि ईडी की कार्रवाई का काले कपड़े पहनकर विरोध किया जा रहा है। राष्ट्रपति भवन तक मार्च और प्रदर्शन यूं तो देश में महंगाई बेराज़गारी के नाम पर था, लेकिन वस्तुत: कांग्रेस का इससे कभी कोई मतलब नहीं दिखाई दिया है।
सोनिया गांधी परिवार का महंगाई बेरोज़गारी के नामपर इस मार्च के पीछ कुछ और भी बड़ा संदेश है, जिसे समझने वाले अच्छी तरह से समझ रहे हैं और समझा जा सकता है। आजही केदिन यानी पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण की आधारशिला रखी थी, जिसका इस्लामिक तुष्टिकरण की जनक कांग्रेस के सोनिया गांधी परिवार ने अपने मार्च की पांच अगस्त तारीख रखकर काले कपड़ों में भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण का विरोध दिवस मनाया, ताकि देशके मुसलमान खुश हों और कांग्रेस केसाथ आएं। चूंकि अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर निर्माण सुप्रीम कोर्ट की मान्यता से हो रहा है, इसलिए कांग्रेस उसका खुलकर विरोध नहीं करपाई है, लेकिन मुसलमानों को रिझाने के लिए कांग्रेस और सोनिया गांधी का परिवार कुछ भी कर सकता है, जैसाकि आज उसने किया। कांग्रेस के सड़े हुए थिंक टैंक की ऐसी छद्म चालों को देशकी जनता अच्छी तरह समझ चुकी है, इसीलिए उसने कांग्रेस को उसके आकाओं सहित देश और राज्यों की सत्ता से उखाड़ फेंका है। भारतीय जनता पार्टी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस की इस चाल को पकड़कर इस मार्च के उद्देश्यों की धज्जियां उड़ा दी हैं और कांग्रेस के नेताओं को उसका जवाब देते नहीं बन रहा है। इस प्रकार सोनिया गांधी परिवार कदम-कदम पर मुंह की खा रहा है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके परिवार के खिलाफ विभिन्न मामलों में भ्रष्टाचार और आर्थिक अपराध पर ईडी ने कार्रवाई की हुई है, इस परिवार से ईडी पूछताछ कर रही है। इन्हें अपनी गिरफ्तारी की आशंका है, जिसके बाद उनकी और अच्छी छिछालेदर होनी है और कहनेवाले कह रहे हैंकि उसका उन्हें कोई भी राजनीतिक लाभ नहीं मिल सकेगा। लिहाजा यह परिवार काले कपड़े पहनकर काले कपड़ों में कांग्रेसियों को लेकर सड़क पर रोषपूर्ण प्रदर्शन कर रहा है। कांग्रेस नेतृत्व ने देशभर से अपने नेता-कार्यकर्ता बुलाए थे। राज्यों में भी प्रदर्शन आयोजित किए। सरकार कांग्रेस से कह रही हैकि यदि उसे देश में महंगाई बेरोज़गारी पर बात करनी है तो वह संसद में आकर बात करे, बहस करे, लेकिन वास्तविकता महंगाई बेरोज़गारी नहीं है, बल्कि सोनिया गांधी परिवार के भ्रष्टाचार पर ईडी की कार्रवाई है, जिसके विरुद्ध मार्च निकालकर मोदी सरकार को दबाव में लेना है। मोदी सरकार की जांच एजेंसी ईडी उनके विरुद्ध भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई कर रही है। आज सवेरे सेही कांग्रेसियों का मार्च प्रदर्शन शुरू हो गया था, जो एक तरह विफल ही रहा, जिसका पटाक्षेप प्रियंका गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस नेताओं-कार्यकर्ताओं की परंपरागत गिरफ्तारी के साथ हो गया।

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