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Monday 8 August 2022 12:55:50 PM
चेन्नई। भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी में एक नया आयाम जोड़ते हुए और 'मेक इन इंडिया' और 'रक्षा में आत्मनिर्भरता' को बड़ा बढ़ावा देते हुए अमेरिकी नौसेना का जहाज़ चार्ल्स ड्रू चेन्नई के कट्टुपल्ली में मरम्मत और संबंधित सेवाओं केलिए एलएंडटी शिपयार्ड पहुंच चुका है। यह भारत में अमेरिकी नौसेना के जहाज की पहली मरम्मत है। ज्ञातव्य हैकि अमेरिकी नौसेना ने जहाज के रखरखाव केलिए कट्टुपल्ली में एलएंडटी के शिपयार्ड से एक अनुबंध किया था। अमेरिकी नौसेना जहाज की मरम्मत, जहाज मरम्मत के वैश्विक बाजार में भारतीय शिपयार्ड की क्षमताओं का प्रतीक है। भारतीय शिपयार्ड उन्नत समुद्री प्रौद्योगिकी प्लेटफार्मों का इस्तेमाल करते हुए व्यापक एवं लागत प्रभावी जहाज मरम्मत और रखरखाव सेवाएं मुहैया कराते हैं।
रक्षा सचिव डॉ अजय कुमार, नौसेना उप प्रमुख वाइस एडमिरल एसएन घोरमडे, तमिलनाडु एवं पुडुचेरी नेवल एरिया के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग रियर एडमिरल एस वेंकट रमन और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी पोत का स्वागत करने केलिए शिपयार्ड पर मौजूद थे। चेन्नई में अमेरिकी दूतावास में महावाणिज्यदूत जूडिथ रेविन और डिफेंस अटैशे रीयर एडमिरल माइकल बेकर भी यहां मौजूद थे। इस आयोजन को भारतीय जहाज निर्माण उद्योग और भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों केलिए एक चिरस्मरणीय दिवस बताते हुए रक्षा सचिव डॉ अजय कुमार ने कहाकि हमें वास्तव में अमेरिकी नौसेना के जहाज यूएसएनएस चार्ल्स ड्रू का उसकी यात्रा का भारत में स्वागत करते हुए खुशी है, भारत और अमेरिका केबीच रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने में भी भारत की पहल का विशेष महत्व है, यह गहरे आपसी लगाव के एक नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक है।
डॉ अजय कुमार ने मरम्मत केलिए अमेरिकी नौसेना के जहाज चार्ल्स ड्रू के आगमन को एक परिपक्व होते भारतीय जहाज निर्माण उद्योग के संकेत के रूपमें व्यक्त किया। उन्होंने कहाकि आज भारत में लगभग 2 अरब डॉलर के कारोबार केसाथ छह प्रमुख शिपयार्ड हैं, उन्होंने कहाकि हम न केवल अपनी जरूरतों केलिए जहाज बना रहे हैं, हमारा अपना डिज़ाइन हाउस है, जो सभी प्रकार के अत्याधुनिक जहाज बनाने में सक्षम है। डॉ अजय कुमार ने कहाकि देश का पहला स्वदेशी विमान वाहक पोत विक्रांत भारतीय जहाज निर्माण उद्योग के विकास का एक शानदार उदाहरण है, नये इनोवेशन इकोसिस्टम के तहत गोवा शिपयार्ड लिमिटेड और हमारे कुछ स्टार्ट-अप ने स्वायत्त मिशन में सक्षम जहाजों का निर्माण किया है। उन्होंने कहाकि जहाज निर्माण उद्योग आज न केवल पारंपरिक चीजों को अंजाम दे रहा है, बल्कि इसके साथ नवीनतम तकनीकों को भी मिला रहा है।
रक्षा सचिव ने कहाकि भारत-अमेरिका केबीच संबंध बड़े पैमाने और बड़े दायरे में विस्तार कर रहे हैं और भारत-प्रशांत और शेष वैश्विक सामान्य प्रणालियों में एक खुली, समावेशी और नियम आधारित व्यवस्था के सामान्य मूल्यों और विश्वासों पर आधारित हैं। उन्होंने कहाकि पिछले कुछ वर्ष में दोनों देशों केबीच रक्षा उद्योग सहयोग में जबरदस्त वृद्धि हुई है। डॉ अजय कुमार ने भारतीय रक्षा उद्योग को सहयोग और समर्थन केलिए अमेरिकी भागीदारों को धन्यवाद देते हुए कहाकि चार-पांच वर्ष में भारतीय रक्षा निर्यात में भारी वृद्धि देखी गई है। उन्होंने कहाकि निर्यात, जो 2015-16 में लगभग 1,500 करोड़ रुपये का था, अब 800 प्रतिशत बढ़कर लगभग 13,000 करोड़ रुपये हो गया है। उन्होंने कहाकि भारतीय निर्यात केलिए एक प्रमुख गंतव्य अमेरिका है। उन्होंने उम्मीद जताईकि आने वाले समय में रक्षा निर्यात में और इजाफा होगा। अमेरिकी महावाणिज्यदूत जूडिथ रवींस ने कहाकि अप्रैल में यूएस-इंडिया 2 + 2 मंत्रिस्तरीय वार्ता में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने अमेरिकी नौसेना के जहाजों की मरम्मत केलिए भारतीय शिपयार्ड का उपयोग करने के अपने इरादे को जताया।
जूडिथ रवींस ने कहाकि अमेरिकी नौसेना के युद्धपोत चार्ल्स ड्रू की भारत में यह प्रथम मरम्मत एक स्मरणीय घटना है, जिसको हमारी मजबूत आमेरिका-भारत साझेदारी के प्रतीक के रूपमें मनाया जाना चाहिए। अमेरिकी दूतावास नई दिल्ली में डिफेंस अटैशे रीयर एडमिरल माइकल बेकर ने कहाकि हमारे शिपिंग उद्योग, सैन्य जहाजों की प्रभावी, कुशल और किफायती मरम्मत केलिए साझेदारी करके एक स्वतंत्र और खुले भारत-प्रशांत में सकारात्मक योगदान देते हैं। कार्यकारी परिषद के सदस्य और रक्षा एवं स्मार्ट प्रौद्योगिकियों केलिए एलएंडटी के सीईओ के सलाहकार जेडी पाटिल ने कहाकि अमेरिकी नौसेना के समुद्री सीलिफ्ट कमांड ने भारत में चुनिंदा शिपयार्ड का विस्तृत मूल्यांकन किया था और अपने जहाजों की मरम्मत केलिए एलएंडटी को मंजूरी दी थी, यह वैश्विक मानकों के अनुसार निर्मित शिपयार्ड में आधुनिक बुनियादी ढांचे को एक मान्यता प्रदान करता है। अमेरिकी नौसेना का युद्धपोत चार्ल्स ड्रू 11 दिन की अवधि केलिए कट्टुपल्ली शिपयार्ड में रहेगा और विभिन्न स्थानों पर मरम्मत से गुजरेगा।