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Monday 8 August 2022 06:39:21 PM
कटक। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज कटक में उड़िया भाषा के समाचार पत्र 'प्रजातंत्र' की 75वीं वर्षगांठ पर प्रजातंत्र के अमृत उत्सव कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूपमें शामिल हुए। अमित शाह ने प्रजातंत्र समाचार पत्र को शुभकामनाएं देते हुए कहाकि जब स्वतंत्रता की शताब्दी मनाई जाए, तब प्रजातंत्र की शताब्दी भी गौरव केसाथ मनाई जानी चाहिए। अमित शाह ने कहाकि आज़ादी के अमृत महोत्सव का वर्ष देश की आज़ादी केलिए अपनी जान न्यौछावर करने वाले आंदोलनकारियों एवं स्वतंत्रता सेनानियों का स्मरण करने और देशकी आज़ादी में उनके योगदान को स्वीकार करने का वर्ष है। अमित शाह ने देशकी आज़ादी में उत्कल केसरी डॉ हरिकृष्ण महताब और प्रजातंत्र अख़बार के योगदान को नमन करते हुए कहाकि उत्कल केसरी डॉ हरिकृष्ण महताब ने ना केवल आज़ादी की लड़ाई लड़ी, बल्कि आज़ादी केबाद भी केंद्रीय मंत्री, मुंबई के राज्यपाल, ओडिशा के मुख्यमंत्री और प्रजातंत्र के सजग प्रहरी के नाते हमेशा उत्कल प्रजा को गौरव दिलाया।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भारत सरकार और देश की जनता की ओर से डॉ हरिकृष्ण महताब को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। गृहमंत्री ने कहाकि उत्कल केसरी डॉ हरिकृष्ण महताब का शुरू किया गया 'प्रजातंत्र' 75 वर्ष से जनता के हितों केप्रति समर्पित होकर काम कर रहा है और डॉ हरिकृष्ण महताब के दिखाए हुए रास्ते पर आज भ्रतृहरी महताब प्रजातंत्र को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहाकि किसी समाचार पत्र के 75 साल होना अपने आपमें बहुत बड़ी बात होती है, लेकिन 75 साल तक एक विचार, देश और जनता को समर्पित रखते हुए बिना कोई समझौता किए हमेशा उत्कल जनता की आवाज़ बनकर अख़बार चलाना उससे भी बड़ी बात है। गृहमंत्री ने कहाकि चाहे आपातकाल हो, कालाहांडी हो, राज्य पुनर्गठन आयोग आंदोलन हो या 1964 का छात्र आंदोलन हो, प्रजातंत्र ने हर आंदोलन को आवाज़ देने का काम किया है। गृहमंत्री ने कहाकि यह उत्कल प्रदेश केसाथ ही पूरे भारत केलिए गर्व की बात हैकि एक गरीब जनजातीय परिवार से आनेवाली द्रौपदी मुर्मु देश की राष्ट्रपति बनी हैं, इसके लिए मैं सभी उत्कलवासियों को बधाई देता हूं। उन्होंने कहाकि देश की हमारी संविधान सभा में एक भी जनजातीय महिला नहीं थी, लेकिन आज उसी संविधान के स्थापित प्रजातंत्र में द्रौपदी मुर्मु देश की महामहिम राष्ट्रपति हैं।
गृहमंत्री अमित शाह ने भुवनेश्वर के सुप्रसिद्ध लिंगराज मंदिर में महादेव के दर्शन भी किए। गृहमंत्री ने कटक में महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाषचंद्र बोस के पैत्रक निवास और जन्मस्थली पर जाकर नेताजी को श्रद्धासुमन अर्पित किए। गृहमंत्री ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम सभी ओडिशा के सर्वांगीण विकास केलिए राज्य सरकार केसाथ प्रयास कर रहे हैं, मोदीजी का भी प्रयास हैकि टीम इंडिया के नाते केंद्र और राज्य सरकार दोनों मिलकर काम करें। उन्होंने कहाकि ओडिशा में जन्मीं द्रौपदी मुर्मु आज देश की राष्ट्रपति हैं, धर्मेंद्र प्रधान शिक्षामंत्री हैं, अश्विनी वैष्णव रेलमंत्री हैं, विश्वेश्वर टुडु भी केंद्र में मंत्री हैं और भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर भी ओडिशा से आते हैं। उन्होंने कहाकि आज़ादी केबाद ओडिशा को इतना प्रतिनिधित्व पहले कभी नहीं मिला था। उन्होंने कहाकि ओडिशा में विकास की अपार संभावनाएं हैं और आने वाले दिनों में राज्य का भविष्य बहुत उज्ज्वल है। गृहमंत्री ने कहाकि उत्कल केसरी डॉ हरिकृष्ण महताब को उनके एक और योगदान केलिए याद किया जाता है, जब वर्ष 1947 में सरदार वल्लभभाई पटेल इस क्षेत्र की सभी रियासतों को जोड़ने यहां आए थे, तब उन्होंने डॉ हरिकृष्ण महताब को सभी रियासतों को भारतीय संघ में जोड़ाने की ज़िम्मेदारी दी थी और उन्होंने बहुत अच्छे तरीके से यह काम किया।
अमित शाह ने कहाकि डॉ महताब ने कहा थाकि किसीभी देश की जनता को सांस्कृतिक विकास के बिना महान नहीं बना सकते और हमारा उत्कल प्रदेश सांस्कृतिक विरासत का बहुत धनी है, यहां भाषा, उसका गौरव, संगीत, नाट्यकला और साहित्य देशके कुछ उत्कृष्ट प्रदेशों की साहित्यिक रचनाओं में से जाने जाते हैं। उन्होंने कहाकि हमें इस विरासत को आगे ले जाना है और डॉ हरिकृष्ण महताब को यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी। अमित शाह ने कहाकि भर्तृहरि महताब ने देश की राजभाषा को मज़बूत करने में बहुत बड़ा योगदान दिया है, उन्होंने ना सिर्फ़ ओडिशा, बल्कि पूरे देश के सभी राज्यों में राजभाषा को बल देने का प्रयास किया है। अमित शाह ने कहाकि प्रजातंत्र सिर्फ एक अख़बार नहीं है, बल्कि एक ऐसा संस्थान है, जहां से सैकड़ों कलम के सन्यासी निकले हैं, जिन्होंने साहित्य का सृजन किया, पत्रकारिता में आए, गद्य और पद्य का सृजन किया और कुछ लोगों ने ओडिशा के गौरवगान केलिए अपना जीवन समर्पित किया। उन्होंने कहाकि 75 साल में प्रजातंत्र ने अनेक साहित्यकार और पत्रकार दिए हैं, प्रजातंत्र ने पत्रकारिता की ज्योत को जलाए रखने के साथ-साथ पत्रकार धर्म को भी संभालकर रखा है। इस अवसर पर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।