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Friday 12 August 2022 01:53:34 PM
नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग ने 'हमारे चुनावों को समावेशी, सुलभ और सहभागी बनाना' विषय पर एशियाई क्षेत्रीय मंच की वर्चुअल बैठक की मेजबानी की है, जो आनेवाले महीने में मेक्सिको के नेशनल इलेक्टोरल इंस्टीट्यूट के होनेवाले 'चुनावी लोकतंत्र केलिए शिखर सम्मेलन' से पहले आयोजित की गई थी। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने इस अवसर पर कहाकि लोकतंत्र और लोकतांत्रिक संस्थान तभी फलते-फूलते हैं, जब लोगों के सभी समूहों का पूर्ण प्रतिनिधित्व होता है। उन्होंने कहाकि कोईभी लोकतंत्र तबतक सार्थक और आकांक्षी नहीं हो सकता, जब तककि वह सभी नागरिकों केलिए समावेशी न हो, बिना किसी डर या पक्षपात के सुलभ न हो और विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक कमजोरियों के बावजूद सहभागी न हो। सीईसी ने सभी चुनाव प्रबंधन संस्थाओं को निरंतर स्व-मूल्यांकन और अपने सिस्टम को मजबूत करने, नागरिकों की बढ़ती अपेक्षाओं को पूरा करने एवं चुनावी प्रक्रिया के दौरान उभरती चुनौतियों से निपटने केलिए प्रोत्साहित किया।
सीईसी राजीव कुमार ने कहाकि वैश्विक मूल्यांकन एजेंसियों की लोकतांत्रिक देशों के मूल्यांकन और तथाकथित रैंकिंग केलिए संरचना वस्तुनिष्ठ और प्रासंगिक होनी चाहिए, जिसमें परिमाण, सामाजिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक संदर्भ में प्रत्येक देश एवं ईएमबी कार्य करता है। राजीव कुमार ने कहाकि चुनावों केप्रति निष्ठा और लोकतंत्र साथ-साथ चलते हैं और वैश्विक शांति, समृद्धि एवं स्थिरता उत्पन्न करते हैं। उन्होंने कहाकि समावेशन में क्षेत्र, भूगोल, साक्षरता, भाषा, जातीयता, अर्थव्यवस्था, लिंग, विकलांगता के आधार पर सभी प्रकार के हाशिए के समुदायों को शामिल किया जाना चाहिए, ताकि उनकी आवाज़ सुनी जा सके और वे अपनी आवाज़ को व्यक्त करने में सक्षम हों एवं अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें। उन्होंने कहाकि वोट डालने की पूरी प्रक्रिया को आसान और आरामदायक बनाने केलिए इन समुदायों तक पहुंच प्रदान की जानी चाहिए। उन्होंने कहाकि जबभी कोई नई तकनीक डिजाइन की जाती है या ईएमबी द्वारा कोई नई सेवा अपनाई जाती है तो अभिगम्यता डिजाइन का ही हिस्सा होनी चाहिए, बादमें सोचे गए समाधान के रूपमें नहीं जोड़ी जानी चाहिए। उन्होंने विभिन्न तकनीकी, कानूनी और नियामक वास्तुकला को डिजाइन और मजबूत करने में इच्छुक ईएमबी को समर्थन दिया।
राजीव कुमार ने भारत में चुनाव कराने पर प्रकाश डालते हुए कहाकि आयोग ने 80 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिकों, विकलांग व्यक्तियों और कोविड पॉजिटिव या लक्षण वाले लोगों केलिए पोस्टल बैलेट सुविधा शुरू करके कोविड-19 महामारी की अवधि के दौरान एक दूरदर्शी सुधार किया है। उन्होंने कहाकि लक्षित हस्तक्षेप और सार्थक आउटरीच केलिए ईसीआई ने 7.7 मिलियन से अधिक दिव्यांग मतदाताओं और 80 वर्ष से अधिक उम्र वाले 15 मिलियन मतदाताओं की मैपिंग की है। उन्होंने कहाकि ईसीआई सभी दिव्यांगों और वरिष्ठ नागरिक मतदाताओं की 100 प्रतिशत मैपिंग प्राप्त करने की दिशा में लगातार प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहाकि पहले भारतीय चुनाव में महिलाओं की भागीदारी 78 मिलियन यानी 45 प्रतिशत थी, सात दशक और 17 राष्ट्रीय चुनाव केबाद महिलाओं की भागीदारी पुरुषों से अधिक हो गई है एवं महिला-पुरुष आधारित अंतर न केवल समाप्त हो गया है, बल्कि 2019 में 0.17 प्रतिशत से अधिक हो गया है। उन्होंने कहाकि भारत में 1971 के चुनाव के बादसे महिला मतदाताओं में 235.72 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। सीईसी ने ईएमबी को सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार बढ़ती पहुंच से उभरकर आनेवाले अवसरों और चुनौतियों केबारे में आगाह किया, जो नकली समाचारों या कथाओं और सरोगेट विज्ञापन के समाधान केलिए कानूनी, नियामक ढांचे और भौगोलिक सीमाओं के संदर्भ में महत्वपूर्ण हैं।
सीईसी ने सुगम और समावेशी चुनाव केलिए कीगई विभिन्न पहलों केलिए ईएमबी की सराहना करते हुए कहाकि चुनावी प्रक्रियाओं में बाधाओं को अधिक प्रभावी ढंगसे समाप्त करने केलिए प्रवासी मतदाताओं केसाथ-साथ हाशिए के मतदाताओं को शामिल करने केलिए दूरस्थ मतदान की संभावनाओं का पता लगाने की गुंजाइश है। चुनाव आयुक्त अनूपचंद्र पांडे ने कहाकि पहुंच के मुद्दे सार्वभौमिक हैं और अधिकांश हाशिए के समूहों को चुनाव में उनकी भागीदारी केलिए बाधाओं का सामना करना पड़ता है, जोकि कोविड-19 महामारी से और बढ़ गया है। उन्होंने सभी ईएमबी से चुनाव प्रक्रिया में महिलाओं, ट्रांसजेंडर, दिव्यांगजन, वरिष्ठ नागरिकों और अन्य हाशिए के समूहों को शामिल करने केलिए निरंतर प्रयास करने का आग्रह किया। अनूपचंद्र पांडे ने भारत निर्वाचन आयोग की वर्षों से कीगई उल्लेखनीय पहलों केबारे में बताया जैसे-'कोई मतदाता पीछे न छूटे' और मतदान केंद्रों पर बुनियादी न्यूनतम सुविधाएं, महिला प्रबंधित मतदान केंद्र, महिलाओं केलिए अलग कतार और शौचालय, पोस्टल बैलेट सुविधा, ब्रेल ईपीआईसी, स्वयंसेवकों केसाथ व्हीलचेयर की सुविधा, मतदान केंद्र से आने-जाने की सुविधा, दिव्यांगों केलिए मोबाइल ऐप, ट्रांसजेंडर को तीसरे लिंग के रूपमें मान्यता देना और ईसीआई के भीतर एक एक्सेसिबिलिटी डिवीजन बनाना आदि प्रमुख हैं।
चुनाव आयुक्त अनूपचंद्र पांडे ने एशिया क्षेत्रीय मंच और प्रतिभागियों को उनके सुझाव और संबंधित चुनाव प्रबंधन निकायों की भागीदारी, समावेशी और सुलभ चुनावों केलिए की गई अभिनव पहलों को साझा करने केलिए सराहना की। वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त धर्मेंद्र शर्मा ने कहाकि ईसीआई को इस मंच से जुड़े होने पर गर्व है, यह मंच अनुभव साझा करने और एक-दूसरे से सीखने का अवसर प्रदान करता है। मेक्सिको के नेशनल इलेक्टोरल इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष लोरेंजो सी वियानेलो का एक रिकॉर्डेड संदेश भी बैठक में साझा किया गया। बैठक में मेक्सिको, मॉरीशस, फिलीपींस, नेपाल, उज्बेकिस्तान, मालदीव, इंटरनेशनल आईडिया, एसोसिएशन ऑफ वर्ल्ड इलेक्शन बॉडीज (ए-वेब) और इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर इलेक्टोरल सिस्टम्स के चुनाव प्रबंधन निकायों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक के दौरान भारत निर्वाचन आयोग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।