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Saturday 20 August 2022 04:02:28 PM
बलिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में वीर बलिदानी मंगल पांडेय की धरती बलिया पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चित्तू पांडेय के नेतृत्व में स्वतंत्र सरकार के गठन की 80वीं वर्षगांठ पर ‘बलिया बलिदान दिवस’ कार्यक्रम में आए। इस अवसर पर उन्होंने कहाकि बलिया का अपना एक इतिहास है, आजादी केबाद देश के विकास केलिए जिस अनुशासन की आवश्यकता थी, वह बलिया ने हमेशा दिखाया है। उन्होंने कहाकि देशको आजाद कराने केलिए जिस तेवर की आवश्यकता थी, वह बलिया में देखने को मिलता है, महान क्रांतिकारी मंगल पांडेय ने बैरकपुर छावनी में स्वतंत्रता संग्राम की चिंगारी जलाई, वे बलिया की धरती के लाल थे। मुख्यमंत्री ने जिला कारागार में अमर शहीद राजकुमार बाघ की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके उन्हें श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस लाइन परेड ग्राउंड में जनसभा को भी सम्बोधित किया। उन्होंने जनपद के 6 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एवं उनके आश्रितों को स्मृतिचिन्ह और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहाकि महान सेनानियों का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता है, यह हमारा सौभाग्य हैकि आजादी के योद्धाओं के दर्शन हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहाकि आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में पूरा देश जुटा है। उन्होंने कहाकि महात्मा गांधी ने 1942 में जब अंग्रेजों भारत छोड़ो का आह्वान दिया था, तब बलिया के महान सेनानी चित्तू पांडेय के नेतृत्व में बलिया को एक स्वतंत्र राष्ट्र घोषित किया था, चित्तू पांडेय यहां के प्रथम कलेक्टर तथा महानंद मिश्र पुलिस कप्तान बने थे, जिन्होंने कईदिन तक बलिया के प्रशासन और पुलिस व्यवस्था को चलाया था, यहांके क्रांतिकारियों ने हल, कुदाल, फावड़ा से ही आजादी की लड़ाई लड़ी थी और अंग्रेजों को क्रांतिकारियों को जेल से छोड़ने पर विवश कर दिया था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तत्कालीन संस्मरणों का उल्लेख किया। उन्होंने कहाकि ब्रिटिश हुकूमत ने यहां पर जुल्म ढाया, यहां के सुखपुरा, बांसडीह, रसड़ा, नरही, चौरवां, चितबड़ा गांव आदि स्थानों पर 84 क्रांतिकारियों को निर्ममतापूर्वक गोलियों से भून दिया था, चित्तू पांडेय, महानंद मिश्र, राधामोहन सिंह, जगन्नाथ सिंह, रामानंद पांडेय, राजेश्वर त्रिपाठी, उमाशंकर, विश्वनाथ चौबे आदि को ब्रिटिश हुकूमत ने जेल में डाल दिया था, बलिया में बलिदान और त्याग बलिया को नई पहचान देता है। उन्होंने कहाकि आजादी की लड़ाई केबाद बलिया विकास के क्षेत्रमें अपने आपको आगे बढ़ाता रहा है, गंगा और सरयू केबीच बसा बलिया पौराणिक एवं पवित्र स्थल है, वही पवित्रता यहां की क्रांति के रूपमें झलकती है। उन्होंने कहाकि आजादी केबाद एकबार फिर देशके लोकतंत्र को कुचलने का कार्य हुआ था, तबभी बलिया ने हुंकार भरी थी और लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में लोकतंत्र की बहाली हुई। उन्होंने कहाकि आमआदमी के मौलिक अधिकार, उनकी सुरक्षा एवं स्वावलंबन केलिए वह आंदोलन चला, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर का योगदान अविस्मरणीय है।
योगी आदित्यनाथ ने कहाकि आजादी के अमृतकाल में विकास पर सोचना है, इसमें सभी अपना कर्तव्य निभाएं। उन्होंने कहाकि आज बिना भेदभाव के सबको सरकारी विकास और कल्याण योजनाओं का लाभ मिल रहा है, प्रत्येक ग़रीब को आवास, शौचालय, राशन केसाथ हर गांव में बिजली और बुनियादी सुविधाएं पहुंचाई जा रही हैं। उन्होंने बलिया के ही रहने वाले राज्य के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह का जिक्र किया और कहाकि मै उनसे आशा करता हूंकि बलिया परिवहन के क्षेत्र में और ज्यादा अच्छा होना चाहिए, यहां सरकारी परिवहन की बेहतर कनेक्टिविटी होनी चाहिए, बलिया का बस स्टेशन अच्छा हो, यहां इलेक्ट्रिक बसें चलवाएं। उन्होंने कहाकि सभी जनप्रतिनिधि बलिया नगर का दायरा बढ़ाने केसाथ इसके चहुंमुखी विकास केलिए काम करें। मुख्यमंत्री ने निराशा व्यक्त कीकि बलिया में जो मेडिकल कॉलेज तीन वर्ष पूर्व बन जाना चाहिए था, जमीन नहीं मिलने के कारण अभीतक नहीं बन पाया है, वे मेडिकल कॉलेज केसाथ यहां की मूलभूत सुविधाओं की गति बढ़ाने केलिए मुख्यसचिव को साथ लेकर आए हैं। उन्होंने कहाकि बलिया से लखनऊ आवागमन में कम समय लगे, इसके लिए लिंक एक्सप्रेस-वे से बलिया को जोड़ा जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या शोध संस्थान, संस्कृति विभाग की पुस्तक 'उत्तर प्रदेश का स्वतंत्रता संग्राम बलिया' का विमोचन किया। उन्होंने अमर सेनानियों के पराक्रम एवं बलिदान की वीरगाथा पर आधारित इस पुस्तक के लेखक डॉ शिवकुमार कौशिकेय को वर्ष 1857 से 1947 तकके इतिहास से अवगत कराने केलिए उनकी सराहना की। मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम की हरएक चिंगारी से जुड़ी हरएक तहसील एवं गांव के इतिहास लेखन की आवश्यकता पर बल दिया। बलिया बलिदान दिवस कार्यक्रम में आने लिए परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहाकि केंद्र और राज्य सरकार हमारे महान सेनानियों को सम्मान दिलाने का कार्यकर रही है। इस अवसर पर अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी, सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त, सांसद रविंदर कुशवाहा और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।