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Monday 22 August 2022 12:29:07 PM
मुंबई। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा हैकि हमें भारतीय बुनियादी ढांचे को विश्वस्तरीय बनाना है और हमने तय किया हैकि साल 2024 के अंततक बिहार और उत्तर प्रदेश समेत देशभर में सड़क बुनियादी ढांचे को अमेरिका के सड़क बुनियादी ढांचे के स्तर का बनाएंगे। राजमार्ग मंत्री ने मुंबई में एसोसिएशन ऑफ कंसल्टिंग सिविल इंजीनियर्स संबंधित उद्योगों के सिविल इंजीनियरों और पेशेवरों केलिए राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही। नितिन गडकरी ने कहाकि भारत में सड़क निर्माण, नदी संपर्क, ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन, पार्किंग प्लाजा, सिंचाई, बसपोर्ट, रोपवे और केबल कार परियोजनाओं केलिए बड़ी संभावनाएं हैं। सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की परियोजनाओं केबारे में नितिन गडकरी ने कहाकि हम 2 लाख करोड़ रुपये के 26 ग्रीन एक्सप्रेस हाईवे और लॉजिस्टिक्स पार्क बना रहे हैं, साथही हमारे पास कई इनोवेटिव आइडिया हैं, जिनसे हम बुनियादी ढांचे को और विकसित कर सकते हैं।
राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहाकि भारतीय बुनियादी ढांचा क्षेत्र का भविष्य बहुत उज्ज्वल है, हमें दुनियाभर से और भारत के भीतर से अच्छी तकनीक, अनुसंधान, नवाचार और सफल प्रथाओं को स्वीकार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहाकि हमें गुणवत्ता से समझौता किए बिना लागत कम करने केलिए वैकल्पिक सामग्रियों का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहाकि निर्माण में समय सबसे महत्वपूर्ण पहलू है और यह सबसे बड़ी संपत्ति है। नितिन गडकरी ने सिविल इंजीनियरों की भूमिका पर कहाकि रोज़गार सृजन और विकास केलिए इनकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। सड़क निर्माण में हरित विकल्पों के उपयोग पर उन्होंने कहाकि सीमेंट और अन्य कच्चे माल के विकल्प खोजे जाने चाहिएं, स्टील के स्थान पर ग्लास फाइबर स्टील का उपयोग किया जा सकता है, यदि प्रतिस्पर्धा है तो लागत कम हो जाएगी और तर्कसंगत बन जाएगी। वैकल्पिक ईंधन के उपयोग का समर्थन करते हुए राजमार्ग मंत्री ने कहाकि हरित हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन है। उन्होंने कहाकि पेट्रोलियम, कोयला और बायोमास, जैविक अपशिष्ट और सीवेज के पानी से हाइड्रोजन बनाया जा सकता है।
नितिन गडकरी ने कहाकि उनका सपना हैकि हरित हाइड्रोजन एक डॉलर प्रति किलो पर उपलब्ध हो, जिसका इस्तेमाल कोयले और पेट्रोलियम के बजाय विमानन, रेलवे, बस, ट्रक, रसायन और उर्वरक उद्योग में किया जा सके। नितिन गडकरी ने कहाकि 1 लीटर इथेनॉल की कीमत 62 रुपए है, लेकिन कैलोरी मान के मामले में 1 लीटर पेट्रोल 1.3 लीटर इथेनॉल के बराबर है। उन्होंने कहाकि इंडियन ऑयल ने रूसी वैज्ञानिकों केसाथ मिलकर इस विचार पर काम किया है और अब पेट्रोलियम मंत्रालय ने इथेनॉल के कैलोरी मान को पेट्रोल के बराबर बनाने केलिए प्रौद्योगिकी को प्रमाणित किया है। अपशिष्ट प्रबंधन से पैसा बनाने के आइडिया पर उन्होंने कहाकि नागपुर में हम सीवेज के पानी को रीसाइकल कर रहे हैं और इसे बिजली परियोजनाओं केलिए राज्य सरकार को बेच रहे हैं, इससे हमें 300 करोड़ रुपए की रॉयल्टी हर साल मिल रही है। उन्होंने कहाकि भारत में सॉलिड और लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट में 5 लाख करोड़ रुपये की अपार संभावनाएं हैं। नितिन गडकरी ने कहाकि ज्ञान ही शक्ति है, ज्ञान को धन में बदलना भविष्य है, यह नेतृत्व दूरदृष्टि और प्रौद्योगिकी है, जो कचरे को धन में बदलने में सक्षम बनाता है।
सड़क पविहन मंत्री ने कहाकि ज्ञान का उपयोग करके हम लागत कम कर सकते हैं और निर्माण की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं। सार्वजनिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं केलिए पूंजी बाजार के लाभ पर मुंबई पुणे एक्सप्रेसवे और वर्ली बांद्रा सी ब्रिज का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहाकि इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट के तहत हमारा विचार लोगों के पैसे पर 7 से 8 प्रतिशत मासिक रिटर्न देना है, हमने कैपिटल मार्केट में जाने का फैसला किया है, जहां हम एक व्यक्ति को अधिकतम 10 लाख रुपये के शेयर बेचेंगे, लोग निवेश करेंगे और हम इससे संसाधन जुटा सकते हैं। उन्होंने कहाकि एनएचएआई एएए-रेटेड है और इसमें आर्थिक तौरपर आगे बढ़ने की क्षमता है। नितिन गडकरी ने कहाकि वर्तमान में टोल राजस्व 40,000 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष का है और 2024 के अंततक यह 1.4 लाख करोड़ रुपए प्रतिवर्ष का हो जाएगा, इसलिए हमे पैसे की कोई समस्या नहीं है। उन्होंने बतायाकि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाईवे का 70 फीसदी काम पूरा हो चुका है और 12 घंटे में मुंबई के नरीमन पॉइंट से दिल्ली तक नागरिकों को सड़क मार्ग से पहुंचाया जाए, अब हम इस हाईवे को नरीमन प्वाइंट से जोड़ने केलिए काम कर रहे हैं।