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Thursday 29 September 2022 04:42:50 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने आज बीपीआरएंडडी और फिक्की के संयुक्त तत्वावधान में चौथे राष्ट्रीय युवा पुलिस अधीक्षक सम्मेलन और पुलिस एक्सपो-2022 के उद्घाटन कार्यक्रम में 'साइबर अपराध-प्रबंधन, ड्रोन एवं काउंटर ड्रोन में नवाचार और अनुसंधान' विषयक सत्र को संबोधित करते हुए कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सुरक्षा के सभी मोर्चा पर आधुनिक तकनीक एवं शोधयुक्त नवाचारों केसाथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहाकि गृह मंत्रालय साइबर अपराधों से निपटने और साइबर हमलों को रोकने केलिए प्रतिबद्ध एवं तैयार है और हम इसके लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों की क्षमता निर्माण, साइबर अपराधों और भविष्य के अपराधों से निपटने केलिए रणनीतिक संस्थानों की स्थापना और दोषियों के समयबद्ध अभियोजन केलिए कानूनी प्रणाली को उन्नत करने में लगातार प्रयासरत हैं। नित्यानंद राय ने कहाकि लोक प्रशासन में पुलिस सबसे अहम हिस्सा है, जो सार्वजनिक जीवन के हर क्षेत्रमें अपनी उपस्थिति दर्ज कराती है।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने कहाकि पुलिस राष्ट्र की शांति और सद्भाव की प्रहरी है, जिसकी किसीभी राष्ट्र और उसके नागरिकों को सबसे अधिक आवश्यकता होती है और देशमें पुलिस ही सुरक्षित वातावरण प्रदान करती है, इस तरह पुलिस देशकी विकास यात्रा का एक अनिवार्य अंग है। गृह राज्यमंत्री ने कहाकि बीपीआरएंडडी ने राष्ट्र की सेवा में 52 साल की लंबी यात्रा पूरी की है और देशभर में शांति, सद्भाव सुनिश्चित करने और कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने तथा भारतीय पुलिस के हर कदम का मार्गदर्शन एवं संवर्धन करने केलिए अनुकरणीय कार्य कर रहा है। उन्होंने कहाकि बीपीआरएंडडी अपनी स्थापना के समयसे उत्तम कार्यप्रणालियों और मानकों के प्रोत्साहन से हर उस क्षेत्रके विकास में शामिल है, जहां देशकी पुलिस की क्षमता निर्माण, प्रशासनिक एवं सुधारात्मक सुधार, आधुनिकीकरण और उन्नयन की आवश्यकता है। उन्होंने कहाकि हमारी कानून प्रवर्तन एजेंसियां दो मोर्चों पर परिवर्तन देख रही हैं, पहला दिन-प्रतिदिन नई आपराधिक चुनौतियों को हल करने केलिए प्रौद्योगिकी को अपनाना, अपराध पैटर्न की बेहतर पहचान केलिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आदि का उपयोग करना और दूसरा तेजीसे बदलते अपराध पैटर्न और उनके तौर-तरीके को समझना एवं कड़ी कार्रवाई करना।
गृह राज्यमंत्री ने कहाकि अपराधी तकनीकी क्रांति का अधिक तेजीसे दुरूपयोग करके हमारे सामने गंभीर खतरों और चुनौतियों को खड़ा कर रहे हैं, जिनपर हमें तत्काल ध्यान देने एवं नागरिकों और बुनियादी ढांचे की रक्षा केलिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों को तैयार रहनेकी आवश्यकता है। उन्होंने कहाकि साइबर हमले, रैंसम-वेयर हमले, पहचान उजागर होना और बुनियादी ढांचों का प्रभावित होना आदि साइबर सुरक्षा डोमेन में होनेवाले अपराध पैटर्न की कुछ प्रमुख श्रेणियां हैं। गृह राज्यमंत्री ने कहाकि साइबर अपराध और साइबर हमले आम लोगों के जीवन पर व्यापक प्रभाव छोड़ते हैं, इसके अलावा समुदायों केबीच अशांति और अविश्वास पैदा करने, नफरत फैलाने, साइबर फ्रॉड करने, नकली और मनगढ़ंत खबरें फैलाने केलिए सोशल मीडिया का दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहाकि गृह मंत्रालय ने समन्वित और प्रभावी तरीके से साइबर अपराधों के बढ़ते मामलों से निपटने केलिए भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र की स्थापना की है, इसके सात घटक हैं, जिनमें से एक महत्वपूर्ण घटक राष्ट्रीय साइबर अपराध अनुसंधान एवं नवाचार केंद्र बीपीआरएंडडी में है।
नित्यानंद राय ने कहाकि ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी में पैसा गंवाने वाले आम नागरिकों को त्वरित और समय पर सहायता देने केलिए सरकार ने एक डेडिकेटेड टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर-1930 की शुरुआत की है और इसके लिए एक पोर्टल भी है, जहां लोग शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। नित्यानंद राय ने कहाकि देशके सभी 16,347 पुलिस थानों में क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स लागू किया गया है और 99 प्रतिशत थानों में 100 प्रतिशत एफआईआर सीधे सीसीटीएनएस में दर्ज की जा रही है। गृह राज्यमंत्री ने कहाकि अगर हम अपनी आंतरिक सुरक्षा, सीमा सुरक्षा और दूरदराज के इलाकों में सुरक्षा को मजबूत करने की बात करते हैं तो ड्रोन लड़ाकू अभियानों, निगरानी, दूरदराज के इलाकों में संचार आदि में उपयोगी हो सकते हैं। उन्होंने कहाकि इनका उपयोग प्राकृतिक आपदाओं और आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में दवाओं, भोजन और आवश्यक वस्तुओं के परिवहन और खोज एवं बचाव अभियानों केलिए भी किया जा सकता है। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत ड्रोन महोत्सव पर ड्रोन के इस्तेमाल को क्रांतिकारी बताते हुए इसे आधुनिक कृषि प्रणाली के दिशामें एक नया अध्याय बताया है।
नित्यानंद राय ने कहाकि प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के अंतर्गत देशके गांवों में भू-संपत्ति की डिजिटल मैपिंग की जा रही है और आनेवाले समय में ड्रोन सेवाओं से गांव में मृदा परीक्षण प्रयोगशाला बनाकर रोज़गार के नए रास्ते खोले जा सकते हैं, इसके अलावा ड्रोन की मदद से मछुआरों और किसानों की उपज को कम से कम नुकसान केसाथ न्यूनतम समय में बाजार में पहुचाए जाने केसाथ फसलों पर कीटनाशकों का छिड़काव करना भी आसान हो जाएगा। उन्होंने कहाकि बीपीआरएंडडी ने अनुसंधान आधारित समाधान विकसित करने में अकादमिक, उद्योग और एलईएएस केबीच तालमेल स्थापित करना शुरू कर दिया है, जो एक हर्ष का विषय है। इस अवसर पर पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के महानिदेशक बालाजी श्रीवास्तव, राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के महानिदेशक, महानिरीक्षक, उप महानिरीक्षक, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और केंद्रीय पुलिस संगठनों के महानिरीक्षक, उप महानिरीक्षक, युवा पुलिस अधीक्षक, कमांडेंट और उद्योगजगत के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।