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Tuesday 4 October 2022 05:03:14 PM
अहमदाबाद। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज अहमदाबाद में महिला उद्यमियों केलिए गुजरात विश्वविद्यालय के एक स्टार्ट-अप मंच 'हर्स्टार्ट' का शुभारंभ किया और शिक्षा तथा जनजातीय विकास से संबंधित गुजरात सरकार की विभिन्न परियोजनाओं का वर्चुअली उद्घाटन एवं शिलान्यास भी किया। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहाकि गुजरात विश्वविद्यालय केलिए यह बड़े गर्व की बात हैकि न केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बल्कि भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक डॉ विक्रम साराभाई, इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ के कस्तूरीरंगन और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इस विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि डॉ विक्रम साराभाई जैसे छात्रों वाले संस्थान का विज्ञान, अनुसंधान और नवाचार में अग्रणी होना स्वाभाविक है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि गुजरात विश्वविद्यालय के परिसर में 450 से अधिक स्टार्ट-अप्स काम कर रहे हैं, महिला नेतृत्व वाले 125 से अधिक स्टार्ट-अप्स को विश्वविद्यालय में सक्रिय रूपसे समर्थन दिया जा रहा है, इसके साथही लगभग 15,000 महिला उद्यमी इस पहल केसाथ ऑनलाइन या ऑफलाइन रूपसे जुड़ी हुई हैं। उन्होंने कहाकि उन्हें इस तरह के स्टार्ट-अप्स अनुकूल विश्वविद्यालय में महिला उद्यमियों को समर्पित स्टार्ट-अप प्लेटफॉर्म का उद्घाटन करके बहुत खुशी है। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि यह मंच न केवल महिला उद्यमियों के नवाचार और स्टार्ट-अप्स प्रयासों को बढ़ावा देगा, बल्कि महिला उद्यमियों को विभिन्न सरकारी और निजी उद्यमों से जोड़ने में भी एक प्रभावी मंच सिद्ध होगा। राष्ट्रपति ने कहाकि उन्हें गुजरात में शिक्षा विशेषकर लड़कियों और आदिवासी शिक्षा से संबंधित सैनिक स्कूल, बालिका साक्षरता आवासीय विद्यालय और एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय जैसी परियोजनाओं के उद्घाटन पर प्रसन्नता है, क्योंकि विज्ञान, अनुसंधान और नवाचार में भारत की स्थिति को और मजबूत बनाने की आधारशिला का निर्माण स्कूली शिक्षा के माध्यम से किया जाएगा।
राष्ट्रपति ने कहाकि गुजरात ने अन्य क्षेत्रों केसाथ शिक्षा के क्षेत्रमें भी उल्लेखनीय प्रगति की है, दो दशक में राज्य में स्कूल छोड़ने वाले छात्रों की दर 22 प्रतिशत से घटकर 1.37 प्रतिशत हो गई है, शिक्षक-छात्र अनुपात सुधरकर 40 से 26 हो गया है। राष्ट्रपति ने कहाकि आज 'विद्या समीक्षा केंद्र' के जरिए लगभग 55,000 स्कूलों में छात्रों और शिक्षकों की रीयलटाइम मॉनिटरिंग की जा रही है, जिसके परिणामस्वरूप छात्रों के सीखने के परिणाम में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहाकि 'मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस' केतहत अगले पांच वर्ष में राज्य के लगभग 20,000 स्कूलों के बुनियादी ढांचे को अपग्रेड करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। राष्ट्रपति ने कहाकि गुजरात ने उच्चशिक्षा के क्षेत्रमें भी उल्लेखनीय प्रगति की है, वर्ष 2001-02 में यहां कॉलेजों की संख्या 775 थी, जो 2020-21 में बढ़कर 3,100 से अधिक हो गई। उन्होंने कहाकि उच्चशिक्षा के मूल्यांकन केलिए इस राज्य में भारत की पहली शिक्षा गुणवत्ता और निगरानी सेल 'गरिमा सेल' स्थापित किया गया है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि वन बंधु-कल्याण योजना के प्रभावी क्रियांवयन से आदिवासी समाज की साक्षरतादर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, इससे जनजातीय छात्रों के बीचमें ही स्कूल छोड़ने की दर में भी काफी सुधार हुआ है। राष्ट्रपति ने कहाकि गुजरात बीते दो दशक में विकास के कई मानकों पर अग्रणी राज्य रहा है, इसने उद्योग, नवाचार और बुनियादी ढांचे के समग्र विकास में कई मानक प्रस्तुत किए हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि प्रत्येक राज्य का विकास का अपना मॉडल होता है, जो राज्य के संसाधनों और जरूरतों के अनुसार निर्धारित होता है, लेकिन गुजरात ने जिस तरह से चहुंमुखी प्रगति की है, उसने अन्य राज्यों को भी समग्र विकास का मार्ग दिखाया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने विश्वास व्यक्त कियाकि यदि सभी राज्य एक-दूसरे से सीखकर और अपने सफल मॉडल को अपनाकर आगे बढ़ते हैं तो भारत अमृतकाल के दौरान एक विकसित देशके रूपमें अपना स्थान सुरक्षित कर लेगा।