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Wednesday 12 October 2022 04:11:19 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस पर कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय और अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय केसाथ साझेदारी में लड़कियों केलिए गैर-पारंपरिक आजीविका पर 'बेटियां बने कुशल' एक अंतर मंत्रालयी सम्मेलन आयोजित किया, जिसमें केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और समान अवसरों केसाथ लड़कियों को सशक्त बनाने की दिशा में काम करने केलिए विभिन्न मंत्रालयों केबीच तालमेल पर जोर दिया। उन्होंने कहाकि अगर लड़कियों और महिलाओं को सशक्त नहीं बनाया गया तो देश आगे नहीं बढ़ सकता। उन्होंने कहाकि सरकार ने लैंगिक रूढ़िवादिता के बावजूद लड़कियों को अपनी पसंद का काम करने केलिए हमेशा प्रोत्साहित और सशक्त किया है।
महिला एवं बाल विकास मंत्री और लड़कियों के समूह केबीच हुई बातचीत सम्मेलन का मुख्य आकर्षण रही। इन लड़कियों ने बाल विवाह, लैंगिक भेदभाव और वित्तीय कठिनाइयों को दूर करके एनटीएल यानी गैर-पारंपरिक आजीविका में अपने लिए जगह बनाई है। बातचीत के दौरान स्मृति ईरानी ने बतायाकि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय स्कूल केबाद शैक्षणिक कोर्स को चुनने केलिए लड़कियों को परामर्श देने और उनकी वित्तीय स्वतंत्रता तथा सशक्तिकरण केलिए बाल देखभाल संस्थानों में कौशल सेट उपलब्ध कराने की दिशामें भी काम करेगा। महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री डॉ मुंजपारा महेंद्रभाई ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने नारी शक्ति के नए युग की शुरुआत की है, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ सरकार के सबसे सफल कार्यक्रमों मेसे एक है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव इंदेवर पांडे ने कहाकि हमारा यह सामूहिक कर्तव्य हैकि हम अपने समाज में महिलाओं के उत्थान की दिशामें काम करें और समावेशिता एवं समानता के मार्ग में योगदान दें। उन्होंने कहाकि विभिन्न क्षेत्रोंमें नारीशक्ति हमारे देशको नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है और आगे भी ले जाएगी।
एमएसडीई सचिव अतुल कुमार तिवारी ने एमएसडीई की भूमिका पर कहाकि एमएसडीई लड़कियों केलिए एक सुरक्षित और लिंग अनुकूल कौशल वातावरण प्रदान करने, प्रशिक्षण केलिए और उनके अधिक नामांकन को बढ़ावा देने केलिए काम कर रहा है। उन्होंने कहाकि विभिन्न मंत्रालयों केबीच समन्वय कार्यबल में महिलाओं की अधिक, समान और सशक्त भागीदारी प्रदान करेगा। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के सचिव मुखमीत सिंह भाटिया ने कहाकि मंत्रालय ने वंचितों केलिए रोज़गार और आजीविका में सुधार केलिए कौशल कार्यक्रम शुरू किए हैं। उन्होंने कहाकि वंचित लड़कियों एवं महिलाओं की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने केलिए कई शैक्षिक पहलें की गई हैं। सुजाता चतुर्वेदी ने कहाकि खेल विभाग विभिन्न खेल विधाओं में लड़कियों की भागीदारी बढ़ाने पर जोर दे रहा है। प्रियांक कानूनगो ने कहाकि केंद्र सरकार की योजनाएं लड़कियों केलिए शैक्षिक और कौशल प्रशिक्षण में आनेवाली बाधाओं और चुनौतियों को दूर करने में मददगार साबित हो रही हैं।
शिक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव अर्चना अवस्थी ने बतायाकि स्कूली शिक्षा के रोज़गारोन्मुखीकरन को समग्रशिक्षा योजना का एक अभिन्न अंग बनाया गया है, जो स्कूली शिक्षातक सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करता है, वंचित समूहों और कमजोर वर्गों को शामिल करके समानता को बढ़ावा देता है और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करता है। बेटियां बने कुशल सम्मेलन का देशव्यापी प्रसारण किया गया। सम्मेलन की शुरुआत गैर-पारंपरिक आजीविका कौशल के परिचय और लड़कियों को कौशल सिखाने की दिशामें सरकार के प्रयासों के उल्लेख केसाथ हुई। इस अवसर पर नवाचार, उद्यमिता, एसटीईएम शिक्षा, नागरिक नेतृत्व और वित्तीय साक्षरता को प्रदर्शित करनेवाली एक फिल्म प्रदर्शित की गई। एनटीएल में लड़कियों की भागीदारी को प्रभावित करनेवाले प्रमुख कारकों और एनटीएल में लड़कियों की दीर्घकालिक भर्ती तथा स्थिरता सुनिश्चित करने के उपाय पर प्रकाश डाला गया। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय तथा अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने लड़कियों को कौशल प्रदान करने केलिए संयुक्त प्रतिबद्धता के रूपमें समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी किए।
लड़कियों केलिए कौशल समझौते में मंत्रालयों और विभागों केबीच तालमेल पर जोर दिया गया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सकेकि लड़की अपनी शिक्षा पूरी करे, अपने कौशल का निर्माण करे और विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग तथा गणित सहित विविध पेशे के कार्यबल में प्रवेश करे, जहां लड़कियों का ऐतिहासिक रूपसे कम प्रतिनिधित्व रहा है। लड़कियों को कौशलयुक्त बनाने पर सर्वोत्तम पहलों का प्रदर्शन किया गया और निजी क्षेत्र तथा नागरिक समाज के प्रतिनिधियों ने एनटीएल में लड़कियों और महिलाओं के स्थायी समावेश पर केस स्टडी प्रस्तुत की। एमडब्ल्यूसीडी ने बीबीबीपी मैनुअल भी लॉंच किया, जिसमें मंत्रालयों और विभागों केबीच समन्वय केलिए कामकाज संबधी दिशानिर्देश और उपाय बताए गए हैं। जीवन और रोज़गार कौशल, उद्यमिता कौशल, डिजिटल साक्षरता तथा वित्तीय साक्षरता कौशल पर केंद्रित 21वीं सदी के कौशल पर बीबीबीपी केलिए कौशल प्रबंधन पोर्टल की स्थापना की घोषणा भी की गई है।