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सेना की लड़ाकू इंफैंट्री का स्थापना समारोह

राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि और वीर नायकों का सम्मान

पाक के कबायली हमलावरों से की थी जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 28 October 2022 02:31:49 PM

raising ceremony of army's combat infantry

नई दिल्ली। भारतीय सेना की सबसे बड़ी लड़ाकू इंफैंट्री के योगदान को मान्यता देने केलिए हरवर्ष 27 अक्टूबर को इंफैंट्री दिवस मनाया जाता है। इंफैंट्री दिवस का राष्ट्र केलिए एक विशेष महत्व है, क्योंकि 27 अक्टूबर 1947 को भारतीय सेना के इंफैंट्री सैनिकों यानी पैदल सैनिकों का पहला सैन्य दस्ता श्रीनगर के हवाईअड्डे पर उतरा था, जिसने अपने अदम्य सैन्य पराक्रम से पाकिस्तान समर्थित कबायली आक्रमणकारियों को श्रीनगर के बाहरी इलाके से खदेड़ दिया था और जम्मू-कश्मीर राज्य की रक्षा की थी।
इंफैंट्री दिवस समारोह के हिस्सेके रूपमें राष्ट्रकी सेवामें अपना सर्वोच्च बलिदान देनेवाले इंफैंट्री के नायकों को सम्मान प्रदान करने केलिए राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि कार्यक्रम हुआ। सेनाप्रमुख जनरल अनिल चौहान, उपसेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू और विभिन्न रेजिमेंट के कर्नलों ने शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की। भारतीय सेना के पदकों से सम्मानित लेफ्टिनेंट कर्नल रामसिंह सहारन कीर्तिचक्र (सेवानिवृत्त), सूबेदार मेजर मानद कैप्टन योगेंद्र सिंह यादव परमवीरचक्र (सेवानिवृत्त) और सिपाही सरदार सिंह वीरचक्र (सेवानिवृत्त) नेभी इंफैंट्री के दिग्गजों की ओरसे माल्यार्पण किया।
आजादी के अमृत महोत्सव के एक हिस्सेके रूपमें श्रीनगर हवाईअड्डे पर सैन्यदल उतरने के 76वें वर्ष के उपलक्ष्य में उधमपुर, अहमदाबाद, वेलिंगटन और शिलांग से चार प्रमुख दिशाओं में यात्रा शुरु करनेवाली बाइक रैलियों को सेनाप्रमुख ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक से झंडी दिखाकर रवाना किया। बाइक सवारों ने इंफैंट्री के जवानों की वीरता और बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित करने के मार्गमें वीर नारियों, पूर्व सैनिकों, एनसीसी कैडेटों और छात्रों से मुलाकात करते हुए 10 दिन में 8000 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय की। इंफैंट्री सैनिकों केलिए संदेश में इंफैंट्री के महानिदेशक ने सैनिकों का बहादुरी, बलिदान, कर्तव्य केप्रति अपने आपको समर्पित करने और राष्ट्रकी एकता तथा संप्रभुता की रक्षाके अपने संकल्प में अजय बने रहने का आह्वान किया।

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