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Tuesday 1 November 2022 11:54:04 AM
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने लोकसेवकों का आह्वान किया हैकि वे अगले 25 वर्ष में अमृतकाल केदौरान भारतको एक विकसित राष्ट्र बनानेमें अग्रणी भूमिका निभाएं। उन्होंने लोकसेवकों से कहाकि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'न्यूनतम सरकार-अधिकतम शासन' के सिद्धांत का पालन करें और यह केवल एक नारा नहीं है, बल्कि समयकी मांग है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने ये बातें नई दिल्ली में भारतीय लोकप्रशासन संस्थान की 68वीं वार्षिक बैठक में कहीं। उपराष्ट्रपति आईआईपीए संस्थान के अध्यक्ष भी हैं। उपराष्ट्रपति का पदभार ग्रहण करने केबाद जगदीप धनखड़ की आईआईपीए की यह पहली यात्रा थी। उपराष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहाकि मिशन कर्मयोगी एक ऐसे पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करता है, जो सरकार में शामिल प्रत्येक व्यक्ति को अपनी क्षमता का पूर्ण उपयोग करनेकी अनुमति प्रदान करता है और आईआईपीए को अपनी अपार क्षमता केसाथ उस बदलाव को उत्प्रेरित करने की आवश्यकता है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 'सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास सबका प्रयास' आह्वान भारतीय सभ्यता की प्रकृति और भारतीय संविधान निर्माताओं के दृष्टिकोण को अपनेमें समाहित करता है। उन्होंने नौकरशाहों से कहाकि वह इस दृष्टिकोण को यथार्थ बनाएं और सरकार के विकासशील दृष्टिकोण को अंतिमव्यक्ति तक पहुंचाने केलिए काम करें। जगदीप धनखड़ ने लोकसेवकों से कहाकि वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते समय सत्तारूढ़ राजनीतिक व्यवस्था की चिंता न करें, बल्कि संवैधानिक नियमों और कर्तव्यों का पालन करें। उन्होंने कहाकि प्रणालीगत भ्रष्टाचार की विनाशकारी प्रवृत्ति को नौकरशाही, नागरिक समाज और व्यापक स्तरपर लोगों द्वारा ही पूर्ण रूपसे समाप्त किया जा सकता है। केंद्रीय मंत्री और आईआईपीए के चेयरमैन डॉ जितेंद्र सिंह भी आमसभा में मौजूद थे। उन्होंने कहाकि नौकरशाह भविष्य में वृद्ध जनसंख्या, आय की बढ़ती असमानता और जलवायु न्याय जैसी तिहरी समस्याओं से निपटने केलिए तैयार रहें।
आईआईपीए के चेयरमैन डॉ जितेंद्र सिंह ने आईआईपीए के क्षमता निर्माण के क्षेत्रमें सक्रिय योगदान की सराहना करते हुए कहाकि इसने कोविड महामारी के दौरान सौ से ज्यादा ऑफलाइन और ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने और खुदको तीव्रगति से डिजिटल प्रशिक्षण के पावरहाउस के रूपमें तब्दील करने का उल्लेखनीय काम किया है। उपराष्ट्रपति ने इस मौके पर आईआईपीए को विशिष्ट सेवा केलिए पॉल एच एपलबी सम्मान, अकादमिक उत्कृष्टता केलिए डॉ राजेंद्र प्रसाद सम्मान और पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने संस्थान के विभिन्न प्रकाशनों का भी विमोचन किया। कार्यक्रम में आईआईपीए के महानिदेशक सुरेंद्रनाथ त्रिपाठी, आईआईपीए महाराष्ट्र क्षेत्रीय शाखा के अध्यक्ष एसएस क्षत्रिय, आईआईपीए के रजिस्ट्रार अमिताभ रंजन और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।