स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Wednesday 2 November 2022 05:45:06 PM
बेंगलुरु। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा हैकि भारत ने 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य रखा है, इसके लिए यह बहुत महत्वपूर्ण हैकि निवेश और भारत की प्रेरणा एकसाथ आए, क्योंकि समावेशी, लोकतांत्रिक और मजबूत भारत से दुनियाके विकासमें तेजी आएगी। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत में निवेश का मतलब समावेशन की प्रक्रिया में निवेश, लोकतंत्र में निवेश, दुनिया केलिए निवेश और एक बेहतर, स्वच्छ एवं सुरक्षित धरती केलिए निवेश करना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉंफ्रेंस केजरिए राज्य के ग्लोबल इंवेस्टर्स मीट इंवेस्ट कर्नाटक-2022 के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कर्नाटक के लोगों को उनके राज्योत्सव केलिए बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कहाकि कर्नाटक परंपरा और प्रौद्योगिकी, प्रकृति और संस्कृति, अद्भुत वास्तुकला और सशक्त स्टार्टअप का समामेलन है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि जबभी टैलेंट और टेक्नोलॉजी की बात आती है तो दिमाग में जो नाम सबसे पहले आता है, वह है ब्रांड बेंगलुरु और यह नाम सिर्फ भारतमें नहीं, बल्कि पूरी दुनियामें स्थापित हो चुका है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक में निवेशकों की बैठक के आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहाकि यह प्रतिस्पर्धा और सहकारी संघवाद का एक सटीक उदाहरण है। उन्होंने कहाकि विनिर्माण और उत्पादन मुख्य रूपसे राज्य सरकार की नीतियों एवं नियंत्रण पर निर्भर हैं। उन्होंने कहाकि ग्लोबल इंवेस्टर्स मीट से राज्य विशिष्ट क्षेत्रों को लक्षितकर सकते हैं और अन्य देशों केसाथ साझेदारी कर सकते हैं। प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त कीकि ग्लोबल इंवेस्टर्स मीट में हजारों करोड़ रुपये की भागीदारी की योजना है, जिसके परिणामस्वरूप राष्ट्रके युवाओं केलिए रोज़गार को बढ़ावा मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत जिस ऊंचाई पर है, वहांसे अब उसे निरंतर आगेही जाना है, पिछले वर्ष भारतमें करीब 84 बिलियन डॉलर का रिकॉर्ड विदेशी निवेश हासिल किया था। भारत केप्रति वैश्विक आशावाद की भावना की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि इस अनिश्चित दौरमें पूरी दुनिया भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद की मजबूती को लेकर आश्वस्त है। उन्होंने कहाकि भारत ने दुनिया को बाधित आपूर्ति श्रृंखला की अवधिमें दवाओं और टीकों की आपूर्ति के बारेमें आश्वस्त किया, मार्केट सैचुरेशन के माहौल के बावजूद हमारे नागरिकों की आकांक्षाओं के कारण हमारे घरेलू बाजार मजबूत हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि यह भलेही वैश्विक संकट का दौर है, लेकिन दुनियाभर के एक्सपर्ट्स विश्लेषक और अर्थव्यवस्था के जानकार भारत को ब्राइट स्पॉट बता रहे हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि हम अपने फंडामेंटल्स पर लगातार काम कर रहे हैं, ताकि भारतकी अर्थव्यवस्था दिनों-दिन और मजबूत हो। नरेंद्र मोदी ने भारतीय अर्थव्यवस्था के तीव्रविकास को समझने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने 9-10 साल पहले के दृष्टिकोण में बदलाव के बारेमें बताया, जब देश नीति और कार्यांवयन से संबंधित मुद्दों से जूझ रहा था। उन्होंने कहाकि हमने इंवेस्टर्स को रेड टेप के जाल में उलझाने के बजाय, उनके निवेश केलिए रेड कारपेट का माहौल बनाया, हमने नए-नए उलझाऊ कानून बनाने के बजाय, उन्हें रेशनलाइज बनाया। प्रधानमंत्री ने कहाकि नए भारत का निर्माण बोल्ड रिफॉर्म्स, मेसिव इंफ्रास्ट्रक्चर और बेस्ट टैलेंट सेही संभव है, आज सरकार के हर क्षेत्र में साहसिक सुधार किए जा रहे हैं। उन्होंने जीएसटी, आईबीसी, बैंकिंग सुधार, यूपीआई, 1500 पुराने कानूनों को खत्म करने और 40 हजार अनावश्यक अनुपालन का जिक्र किया। उन्होंने कहाकि कंपनी कानून के कई प्रावधानों को अपराध से मुक्त करने, फेसलेस मूल्यांकन, एफडीआई के नए रास्ते, ड्रोन नियमों का उदारीकरण, भू-स्थानिक और अंतरिक्ष क्षेत्र एवं रक्षाक्षेत्र जैसे कदम अभूतपूर्व ऊर्जा ला रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि 8 वर्ष में परिचालन हवाईअड्डों की संख्या दोगुनी हो गई है और 20 से अधिक शहरों में मेट्रो का विस्तार हुआ है। पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के उद्देश्य पर प्रधानमंत्री ने कहाकि इसका उद्देश्य एकीकृत बुनियादी ढांचे का विकास करना है। उन्होंने बतायाकि गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान में इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण का तौर-तरीकाही बदल दिया है, डेवलपिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ एक्जिस्टिंग इंफ्राट्रक्चर का मैप तैयार किया जाता है, फिर उसे पूरा करने के शॉर्टेस्ट एंड मोस्ट एफिशिएंट रूटपर चर्चा की जाती है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि इस पूरी प्रक्रिया में अंतिमछोर तक कनेक्टिविटी का ख्याल रखा जाता है और उस प्रोडक्ट या सर्विस को वर्ल्ड क्लास का बनाने पर जोर दिया जाता है। प्रधानमंत्री ने इस यात्रा में युवाओं की प्रगति पर प्रकाश डाला और कहाकि भारत में हरक्षेत्र युवाशक्ति की ऊर्जा से प्रेरित हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि विकास के लक्ष्यों को केवल निवेश और मानव पूंजी पर ध्यान केंद्रित करकेही प्राप्त किया जा सकता है, इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए हमने स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा दिया, हमारा उद्देश्य उत्पादकता बढ़ाने केसाथ-साथ मानव पूंजी में सुधार करना भी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विनिर्माण प्रोत्साहन, बेहतर स्वास्थ्य योजनाओं, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, राजमार्ग नेटवर्क केसाथ शौचालयों, स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था, भविष्य के बुनियादी ढांचे केसाथ स्मार्ट स्कूल पर एकसाथ ध्यान देने के बारेमें विस्तार से बताया। प्रधानमंत्री ने कहाकि हरित विकास और सतत ऊर्जा की दिशामें हमारी पहल ने अधिक से अधिक निवेशकों को आकर्षित किया है, जो लोग अपनी लागत का रिटर्न चाहते हैं और इस धरती केप्रति अपनी जिम्मेदारी भी निभाना चाहते हैं, वे आशा केसाथ भारत की ओर देख रहे हैं। कर्नाटक में डबल इंजन वाली सरकार की शक्ति को दर्शाते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि यह राज्यमें कई क्षेत्रों के तेजीसे विकास के कारणों मेसे एक है। प्रधानमंत्री ने उदाहरण देते हुए कहाकि कर्नाटक ने व्यापार करने में आसानी में शीर्षरैंक केबीच अपना स्थान बनाए रखा है और इसे एफडीआई के मामले में शीर्ष राज्यों की सूची में शामिल करने का श्रेय मिला है। उन्होंने कहाकि फॉर्च्यून 500 कंपनियों में से 400 यहां हैं और भारत के 100 से अधिक यूनिकॉर्न में से 40 से अधिक कर्नाटक में हैं।
प्रधानमंत्री ने कहाकि कर्नाटक को आज दुनिया में सबसे बड़े प्रौद्योगिकी क्लस्टर के रूपमें गिना जा रहा है, जहां उद्योग, सूचना प्रौद्योगिकी, फिनटेक, बायोटेक, स्टार्टअप केसाथ टिकाऊ ऊर्जा जैसे हर क्षेत्रमें विकास की एक नईगाथा लिखी जा रही है। उन्होंने कहाकि कर्नाटक के कई विकास मानदंड न केवल भारत के अन्य राज्यों, बल्कि कुछ देशों को भी चुनौती दे रहे हैं। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय सेमीकंडक्टर मिशन का उदाहरण देते हुए कहाकि यहांका तकनीकी इकोसिस्टम चिप डिजाइन और निर्माण को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहाकि एक निवेशक एक मध्यम और दीर्घकालिक दृष्टि केसाथ आगे बढ़ता है और भारत के पास एक प्रेरणादायक दीर्घकालिक दृष्टिकोण भी है। उन्होंने नैनो यूरिया, हाइड्रोजन ऊर्जा, हरित अमोनिया, कोयला गैसीकरण और अंतरिक्ष उपग्रहों का उदाहरण देते हुए इस बात पर जोर दियाकि आज भारत विश्व के विकास के मंत्र केसाथ बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि यह भारत का अमृतकाल है और आजादी के अमृत महोत्सव में देशके लोग एक नए भारत के निर्माण का संकल्प लेकर बढ़ रहे हैं।
ग्लोबल इंवेस्टर्स मीट इंवेस्ट कर्नाटक-2022 का उद्देश्य संभावित निवेशकों को आकर्षित करना और अगले दशक केलिए एक विकास योजना तैयार करना है। बेंगलुरु में 2 से 4 नवंबर तक आयोजित होने वाले तीन-दिवसीय कार्यक्रम में 80 से अधिक वक्ता सत्र होंगे। वक्ताओं में उद्योगजगत के कुछ शीर्ष दिग्गज जैसे-कुमार मंगलम बिड़ला, सज्जन जिंदल और विक्रम किर्लोस्कर शामिल हैं। इसके साथही तीन सौसे अधिक प्रदर्शकों और देशपर आधारित सत्रों केसाथ कई व्यावसायिक प्रदर्शनियां समानांतर रूपसे चलेंगी। देशपर आधारित सत्र प्रत्येक भागीदार देशों फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, दक्षिण कोरिया, जापान और ऑस्ट्रेलिया आयोजित करेंगे, जिसमें इन देशोंसे उच्चस्तरीय मंत्रिस्तरीय और औद्योगिक प्रतिनिधिमंडल शामिल होंगे। इस वैश्विक स्तर के आयोजन से कर्नाटक को अपनी संस्कृति को दुनियाके सामने भी प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा।