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Wednesday 9 November 2022 03:34:04 PM
नई दिल्ली। भारतीय सेना कमांडरों के शीर्षस्तरीय द्विवार्षिक कार्यक्रम के अंतर्गत 7 से 11 नवंबर तक नई दिल्ली में सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें भारतीय सेना का शीर्ष नेतृत्व मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य और वर्तमान सुरक्षा तंत्र केलिए चुनौतियों के सभी पहलुओं पर व्यापक विचार-विमर्श कर रहा है। सम्मेलन संगठनात्मक पुनर्गठन, रसद, प्रशासन, मानव संसाधन प्रबंधन, स्वदेशीकरण के माध्यम से आधुनिकीकरण और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों को शामिल करने से संबंधित मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का भारतीय सेना के वरिष्ठ नेतृत्व केसाथ बातचीत करना सम्मेलन का मुख्य आकर्षण रहा, जिसका उद्देश्य 'भारतीय सेना की भविष्य केलिए एक तैयार बल के रूपमें परिवर्तन की आवश्यकता' विषय पर योजनाओं की जानकारी प्रदान करना था। रक्षामंत्री ने देश और दुनिया के सबसे भरोसेमंद और प्रेरक संगठनों मेसे एक भारतीय सेना केप्रति अरबों नागरिकों के विश्वास को दोहराया। रक्षामंत्री ने अपनी सीमाओं की रक्षा करने और आतंकवाद से मुकाबले के अलावा नागरिक प्रशासन की आवश्यकतानुसार सहायता प्रदान करने में सेना की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला। रक्षामंत्री ने उच्चस्तर की परिचालन तैयारियों और क्षमताओं केलिए सुरक्षाबलों की सराहना की, जिसका अनुभव उन्होंने हमेशा सीमावर्ती क्षेत्रोंकी अपनी यात्राओं के दौरान किया।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों सहित नागरिक उद्योगों के सहयोग से विशिष्ट प्रौद्योगिकियों को विकसित करने केलिए सेना के प्रयासों और 'स्वदेशीकरण के माध्यम से आधुनिकीकरण' या 'आत्मनिर्भरता' के उद्देश्य की दिशामें प्रगति कीभी सराहना की। रक्षामंत्री ने सुरक्षा और राष्ट्रीय संप्रभुता सुनिश्चित करने एवं उच्च परिचालन तत्परता बनाए रखने केलिए भारतीय सेना का उत्साहवर्धन करते हुए कहाकि उन्हें भारतीय सेना और उसके नेतृत्व पर पूर्णविश्वास है। उन्होंने कहाकि हमें किसीभी परिचालन आकस्मिकताओं केलिए तैयार रहना चाहिए और इसलिए परिचालन की तैयारी हमेशा अपने उच्चस्तर पर होनी चाहिए।