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Thursday 24 November 2022 12:39:36 PM
पणजी। फुकरे फिल्म के लोकप्रिय अभिनेता वरुण शर्मा कहते हैंकि उनके लिए सफलता का मतलब रोजाना सुबह उठना और वही करना है, जो उन्हें पसंद है और जो वे हमेशा से करना चाहते थे। अभिनेता वरुण शर्मा गोवा में 53वें इफ्फी में इन कंवर्सेशन सत्रमें हाउ टू कार्व योर नीश के अंतर्गत दर्शकों को संबोधित कर रहे थे। उनके साथ फुकरे श्रृंखला के निर्देशक मृगदीप सिंह लांबा भी थे। वरुण शर्मा ने कहाकि वह अन्य शैलियों जैसे थ्रिलर और ग्रे-शेड के किरदार मेभी हाथ आजमाना पसंद करेंगे, लेकिन कॉमेडी एक ऐसी चीज है, जिसे करना उन्हें पसंद है और विभिन्न फिल्मों में लोगों द्वारा उनके किरदारों पर बरसाये गए प्यार केलिए वह उनके शुक्रगुजार हैं। उन्होंने कहा कि शायद उनकी भूमिका यानी कॉमेडी, लोगों के चेहरों पर मुस्कान लाना और उन्हें हंसाना ही उनको आगे बढ़ने केलिए प्रेरित करता है।
अभिनेता के रूपमें अपने करियर के बारेमें बताते हुए वरुण शर्मा ने कहाकि अभिनेता शुरू में अपनी खास जगह बनाने केबारे में नहीं सोचें, इसे यात्रा के दौरान, विभिन्न भूमिकाओं को निभाते हुए या यहां तककि कास्टिंग जैसे अन्य कार्यों को करते समय भी सीखा जाता है, जो मैंने लंबे समय तक किया। अपनी यात्रा को याद करते हुए वरुण ने कहाकि उन्हें आजभी याद हैकि कैसे बाजीगर देखने केबाद उनकी इच्छा अभिनेता बनने की हुई और कैसे दिलवाले तकभी उनकी इच्छा बरकरार रही। उन्होंने सर्कस जैसे अपने आगामी प्रोजेक्ट्स केबारे मेभी जानकारी दी, जो क्रिसमस 2022 के आसपास रिलीज होने वाली है। मृगदीप सिंह लांबा ने अपनी फिल्मों के बारेमें कहाकि वह अपनी फिल्मों की सफलता का जश्न नहीं मनाते, न ही वे किसी तरह की दौड़ में शामिल होते हैं, बल्कि वह इसे कई विफलताओं और नाकामयाबियों कीही तरह सीखने के अनुभव के रूपमें लेते हैं, जिन्होंने उनकी यात्रा को दिशा दी है।
निर्देशक मृगदीप लांबा ने जिक्र कियाकि शुरुआती सफर में उन्होंने रामगोपाल वर्मा की रचनाओं से प्रेरित डरावनी फिल्मों में कदम रखा, यात्रा के दौरान कहीं न कहीं एक स्क्रिप्ट ने उन्हें विश्वास दिलायाकि यह उनकी तरह की कहानी कहने केलिए सबसे उपयुक्त है। उन्होंने मानाकि कॉमेडी एक बहुतही कठिन शैली है, जिसमें हास्य की विषयपरक धारणाएं, समय और रागिनी का महत्व है और डर हैकि लोग इसे कैसे लेंगे। हालांकि ये ऐसी प्रभावित करने वाली वस्तुएं हैं, जो विशिष्ट निर्देशकों को फिल्मों में अपनी शैलियों की छाप छोड़ने का मौका देती हैं। उन्होंने प्रियदर्शन, अनीस बज्मी, डेविड धवन की अलग-अलग शैलियों वाली फिल्मों का उल्लेख किया, जिन्होंने 2-3 दशक में सुपरहिट फिल्में दी हैं। फुकरे फिल्म की लोकप्रियता को देखते हुए दर्शकों केसाथ चर्चा और सवाल-जवाब अपेक्षा के अनुरूप प्रक्रिया, स्वीकृति और चरित्र-चित्रण के आसपास केंद्रित रहे। वरुण शर्मा और मृगदीप लांबा दोनों ने स्वीकार कियाकि पात्र दिल्ली के पड़ोस में आम लोगों से प्रेरित थे और उनसे बहुत कुछ संबंधित हैं।
सीक्वल लिखते समय उन्हें यही बात ध्यान में रखनी होती है, दर्शक किरदारों से किस तरह के व्यवहार की उम्मीद करेंगे और ऐसे मापदंडों के भीतर कॉमेडी में फिट होने केलिए उन्हें मार्ग निर्देशन करना होगा। 'दिलवाले' और 'छिछोरे' जैसी फिल्मों में अपनी भूमिकाओं के अलावा वरुण शर्मा को फुकरे में पड़ोस के किसी मजाकिया लड़के सरीखे किरदार के रूपमें सबसे ज्यादा पहचाना जाता है। इस फ्रैंचाइज़ की तीसरी फिल्म के 2023 में आने की उम्मीद है, क्योंकि ये फ्रैंचाइज़ अपना एक दशक पूरा करने जा रही है। निर्देशक मृगदीप सिंह लांबा ने कॉमेडी में फुकरे सीरीज शुरू करने से पहले फरहान अख्तर की डॉन और सुभाष घई की युवराज जैसी फिल्मों में सहायक निर्देशक के रूपमें भी काम किया है। इफ्फी में मास्टरक्लास और इन-कंवर्सेशन सत्र सत्यजीत रे फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट, एनएफडीसी, फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और ईएसजी संयुक्त रूपसे आयोजित कररहे हैं। फिल्म निर्माण की प्रक्रिया के हर पहलू में छात्रों और सिनेमा केप्रति उत्साही लोगों को प्रोत्साहित करने केलिए इस साल कुल 23 सत्रों का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें मास्टरक्लास और इन-कंवर्सेशन भी शामिल हैं।