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Thursday 24 November 2022 12:51:15 PM
पणजी। बॉलीवुड के प्रसिद्ध एवं वरिष्ठ अभिनेता अनुपम खेर ने गोवा में 53वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में 'स्क्रीन और थिएटर केलिए अभिनय' विषयवस्तु पर मास्टरक्लास में कहाकि जन्म सेही कोई अभिनेता नहीं होता, स्कूल के नाटक में मेरा पहला अभिनय एक आपदा था, लेकिन मेरे पिता ने मुझे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने केलिए शाम को फूल भेंट किए। अनुपम खेर ने अपने जीवन की कहानी सुनाईकि कैसे वे एक साधारण पृष्ठभूमि से आनेके बावजूद एक सफल अभिनेता बने, उनका बचपन शिमला में बीता था, जहां वे एक संयुक्त परिवार में रहते थे। अनुपम खेर ने इसे एक तरह का आशीर्वाद बताया, क्योंकि वहां बात करने केलिए लोग आसपास थे। अनुपम खेर ने कहाकि मैं अपने पिता और दादाजी को याद करता हूं, मेरे पिता कहा करते थेकि विफलता एक घटना है, कोई व्यक्ति विफल नहीं होता, जबतक मैं हार स्वीकार नहीं करता, तबतक मैं विफल नहीं हो सकता।
मास्टरक्लास सत्र में हिस्सा लेनेवाले नवोदित अभिनेताओं को प्रोत्साहन देनेवाले अपने एक उत्साहजनक संदेश में उन्होंने कहाकि जबतक गलतियां नहीं होतीं, तबतक कोई एक अभिनेता नहीं बन सकता। अभिनेता अनुपम खेर ने कहाकि गड़बड़ी करने से घबराना नहीं चाहिए और अभिनय का प्रशिक्षण किसी अन्य क्षेत्र या पेशेकी तरहही महत्वपूर्ण है। अनुपम खेर ने कहाकि प्रशिक्षण आपको आत्मविश्वास देता है, यह एक मोटर ड्राइविंग स्कूल की तरह है, यह डर को दूर करता है। उन्होंने कहाकि अभिनय का कोई पाठ्यक्रम नहीं है, यह मानव स्वभाव केबारे में है, अगर मैंने प्रशिक्षण नहीं लिया होता तो सारांश में एक 28 साल का नवोदित 65 साल केएक वरिष्ठ नागरिक की भूमिका कैसे निभाता। उन्होंने बतायाकि शूटिंग शुरू होनेके बाद उनकी पटकथा में बहुत कम बदलाव किया गया। अनुपम खेर का मानना हैकि भारतीय सिनेमा हमारे मानस का एक हिस्सा है और पहले के समय में मनोरंजन का एकमात्र साधन फिल्में ही हुआ करती थीं।
एक अच्छे अभिनेता को क्या परिभाषित करता है, इसके बारेमें उन्होंने बतायाकि एक अभिनेता को भावनाओं से पूर्ण होना चाहिए, जीवनसे भरा होना चाहिए, एक अभिनेता केलिए तीन हथियार हैं-अवलोकन, कल्पना और भावनात्मक स्मृति। अनुपम खेर ने अभिनय के छात्रों को अपना संदेश दिया, अगर आप अभिनय केसाथ खेलते हैं तो आप अधिक सीखेंगे। अनुपम खेर ने नवोदित अभिनेताओं को सलाह दीकि एक अभिनेता को अपने आपको पूरी तरह मूर्ख बनाने केलिए तैयार रहना चाहिए, जबतक आप मूर्ख नहीं बनजाते, तबतक आप अभिनेता नहीं बन सकते, अभिनेताओं और व्यक्ति के रूपमें खुदको गंभीरता से न लें। उन्हें कैसे याद किया जाना पसंद किया जाएगा, इसबारे में अनुपम खेर ने कहाकि एक शिक्षक के रूपमें याद किया जाना सबसे बड़ी संतुष्टि है। उल्लेखनीय हैकि अनुपम खेर 'एक्टर प्रिपेयर्स' नामक एक अभिनय स्कूल का संचालन करते हैं। करीब 500 से अधिक फिल्में करनेवाले अभिनेता अनुपम खेर ने कहाकि मैं अभी अपने करियर के मध्य मेभी नहीं पहुंचा हूं।
अभिनेता अनुपम खेर ने कहाकि नवोदित अभिनेताओं को काम करते रहना चाहिए, कुछभी शुरू करने में सक्षम होना चाहिए, अपनेही दुश्मन नहीं बनें, कभी हारे हुए लोगों की तरह सोचने वालों केसाथ नहीं बैठें, ऐसे लोगों से दोस्ती करें, जो आपसे बेहतर हों, जिनमें आपसे अधिक ऊर्जा हो, अगर आप विशिष्ट होना चाहते हैं तो आपको हरदिन काम करना होगा, यही मेरा जीवन दर्शन है। उन्होंने कहाकि जीवन एक यात्रा है, मंजिल नहीं। थियेटर और सिनेमा में अभिनय के अंतर केबारे में उन्होंने सलाह दीकि थिएटर आपको एकाग्रता देता है, दर्शकों के अनुरूप आपको अपना अभिनय बदलना होता है, हालांकि संवाद और संकेत वही रहते हैं, यह 40 दिन के पूर्वाभ्यास के बाद आता है। उन्होंने कहाकि संपन्नता प्रतिभा की सबसे बड़ी दुश्मन है, थियेटर में कोई रीटेक नहीं होता है, सिनेमा में रीटेक होते हैं, इसलिए कई लोग इसे हल्के में लेते हैं।