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Wednesday 30 November 2022 01:13:26 PM
जम्मू। भारत सरकार के एक शीर्ष स्वायत्त संस्थान राष्ट्रीय सुशासन केंद्र ने जम्मू और कश्मीर प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों केलिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम शुरु किया है, जिसका उद्देश्य यहां के लोगों को सशक्त सुशासन प्रदान करना और पारदर्शी एवं कुशल सार्वजनिक सेवा वितरण को सुनिश्चित करना है, जिसके लिए दो सप्ताह की अवधि वाले कार्यक्रम आयोजित किए जारहे हैं। जुलाई 2021 में निर्णय लिया गया थाकि जम्मू-कश्मीर के 2,000 वरिष्ठ अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा और इसके लिए जम्मू-कश्मीर प्रबंधन, लोक प्रशासन, ग्रामीण विकास संस्थान और राष्ट्रीय सुशासन केंद्र केबीच क्षमता निर्माण में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने और अधिकारियों के पुनर्विन्यास केलिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे।
एनसीजीजी समझौता ज्ञापन को प्रभावी बनाते हुए अबतक जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों केलिए इस प्रकार के तीन क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित कर चुका है। एनसीजीजी के महानिदेशक भरत लाल ने सुशासन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण का उल्लेख करते हुए कहाकि इस कार्यक्रम का उद्देश्य अधिकारियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने और जम्मू-कश्मीर के लोगों केलिए अवसर उत्पन्न करने केलिए एकल मानसिकता विकसित करने में सक्षम बनाना है। उन्होंने कहाकि अधिकारियों को जम्मू-कश्मीर में सुशासन, पारदर्शिता और कुशल सेवा वितरण करने वाली प्रथाओं का अनुकरण करने केलिए पूरे देशसे शासन की सर्वोत्तम प्रथाओं का अनुभव प्रदान किया जाता है। उन्होंने निवेश को आकर्षित करने, उद्यमिता बढ़ाने और सार्वजनिक सेवा वितरण को सुनिश्चित करते हुए रोज़गार सृजन को बढ़ावा देने केलिए सुविधा प्रदानकर्ता के रूपमें कार्य करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
एनसीजीजी के महानिदेशक ने कहाकि हम बहुतही प्रतिस्पर्धी और वैश्वीकरण दुनिया में जीवनयापन कर रहे हैं, इसलिए समय की मांग हैकि निवेश को आकर्षित करने केलिए व्यवसायों को सहायता प्रदान की जाए। भरत लाल ने कहाकि सभी का समय बहुत ही कीमती है, इसलिए सेवा का चुस्त वितरण और समय का सही मूल्यांकन साथ-साथ किया जाना चाहिए। उन्होंने कहाकि पुनर्विन्यास कार्यक्रम अधिकारियों को सक्षम बनाएगा, जिससे वे जनता की समस्याओं का समाधान करने केलिए प्रौद्योगिकी सक्षम समाधान प्रस्तुत कर सकेंगे। यह क्षमता निर्माण कार्यक्रम एनसीजीजी परिसर मसूरी में 9 दिसंबर तक चलेगा। प्रशासन और सुशासन के क्षेत्रमें प्रशिक्षण सत्रों के मापदंड ई-गवर्नेंस सहित लोक चिकित्सकों, विशेषज्ञों और शिक्षाविदों द्वारा तैयार किएगए हैं। क्षमता निर्माण कार्यक्रम को वैज्ञानिक रूपसे जम्मू और कश्मीर के लोकसेवकों को आम नागरिकों को मजबूत और निर्बाध सेवाएं प्रदान करने केलिए तैयार किया गया है।
क्षमता निर्माण कार्यक्रम कार्यक्रम के दौरान अत्याधुनिक ज्ञान और कौशल के माध्यम से लोक सेवकों को आम लोगों के जीवन को खुशहाल बनाने केलिए कुशल सार्वजनिक सेवा वितरण प्रदान करने में सक्षम बनाया जा रहा है। गौरतलब हैकि राष्ट्रीय सुशासन केंद्र की स्थापना भारत सरकार ने 2014 में की थी, जोकि अनिवार्य रूपसे भारत और अन्य देशों के लोकसेवकों को भी प्रशिक्षण प्रदान करता है। राष्ट्रीय सुशासन केंद्र ने बांग्लादेश, केन्या, तंजानिया, ट्यूनीशिया, गाम्बिया, मालदीव, श्रीलंका, अफगानिस्तान, लाओस, वियतनाम, भूटान, म्यांमार और कंबोडिया के अधिकारियों को बड़ी संख्या में प्रशिक्षित किया है।